यूपी, बिहार, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्य तेज बारिश के लिए अलर्ट पर; संभव बाढ़ और तापमान में गिरावट का अनुमान:
Monsoon Update: देशभर में मॉनसून ने जोरदार दस्तक दे दी है और इसने पूरे भारत में अपनी रफ्तार पकड़ ली है। जून के मध्य में ही मॉनसून सुपर‑एक्टिव हो गया है, जो सामान्य तौर पर जुलाई के पहले सप्ताह में अपनी सक्रियता दिखाता है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इस बार मानसूनी हवाएं अपेक्षा से कहीं अधिक ताकतवर और नमी से भरपूर हैं, जिससे बारिश की गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं।
उत्तर भारत के कई राज्यों — उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में अगले कुछ दिनों के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति आगामी सप्ताह तक बनी रह सकती है। निचले और मैदानी इलाकों में जलभराव और बाढ़ की आशंका जताई जा रही है। इस बारिश के चलते तापमान में भी उल्लेखनीय गिरावट आई है, जिससे लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली है।
मौसम देश भर में तेजी से बदलता है:
पिछले कुछ दिनों से देश भर में भारी बारिश हुई है साथ ही गरज-चमक भी हुई है। मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर भारत में नम हवाएं अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से तेजी से आ रही हैं जिससे बारिश अधिक हो गई है।अब तक उत्तर भारत के राज्यों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। बीते 24 घंटों में उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों जैसे गोरखपुर वाराणसी और आजमगढ़ में 100 मिमी से अधिक बारिश हुई है वहीं बिहार के पटना भागलपुर और पूर्णिया में भी तेज बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है।
स्कूल बंद होने के कारण यातायात प्रभावित होता है:
भारी बारिश के दौरान कई जिलों में स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया गया है। बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में जलजमाव के कारण सड़क यातायात भी बाधित हो गया है और ग्रामीण इलाकों में कीचड़ और फिसलन के कारण लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है।
पंजाब और हरियाणा में तेज हवाओं और बारिश से किसानों की फसल को नुकसान हुआ है। राजस्थान के कोटा और जयपुर में भारी बारिश ने रेलवे ट्रैक्स पर पानी भर दिया है जिससे कुछ ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है और कुछ को डायवर्ट करना पड़ा है।
प्रशासन ने बाढ़ की चेतावनी दी:
जल संसाधन विभाग की टीमें अलर्ट पर हैं और प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य के लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं क्योंकि मॉनसून मौसम विभाग ने गंगा घाघरा और कोसी नदियों के किनारे बसे जिलों में बाढ़ की आशंका जताई है। NDRF की टीमें भी उत्तर प्रदेश और बिहार में तैनात की जा रही हैं। स्थानीय प्रशासन ने निचले इलाकों के लोगों को सतर्क रहने और ज़रूरत पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। बिहार के जिलों दरभंगा समस्तीपुर और सीतामढ़ी में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है जिससे किसान चिंतित हैं क्योंकि लगातार बारिश से खेतों में पानी भरने लगा है।
तापमान कम होने से राहत:
जबकि बारिश से समस्याएं बढ़ी हैं तापमान में गिरावट ने लोगों को गर्मी से बचाया है। दिल्ली लखनऊ पटना जयपुर और चंडीगढ़ जैसे शहरों में दिन का तापमान सामान्य से 5 से 7 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। लंबी गर्मी से पीड़ित लोगों के लिए यह मौसम सुहावना बन गया है। ठंडी हवाओं और रिमझिम बारिश से मौसम में ताजगी लौट आई है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार बारिश और नमी की अधिकता से वायरल संक्रमण और पानी से जुड़े रोगों का खतरा बढ़ सकता है इसलिए स्वास्थ्य सेवाओं को सतर्क रहना चाहिए।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह आम नहीं है:
IMD के वरिष्ठ वैज्ञानिक मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस बार मॉनसून की शुरुआत समय पर हुई लेकिन इसकी तीव्रता सामान्य से अधिक है। राकेश तिवारी कहते हैं
“इस बार मॉनसून पिछले कुछ वर्षों की तुलना में अधिक सक्रिय है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से मिलने वाली आर्द्रता के कारण नमी बहुत अधिक है जिससे भारी बारिश की स्थिति बन रही है।”
जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम तेजी से बदल रहा है। भविष्य में तेज बारिश और मौसम की अस्थिरता खेती जल संरक्षण और शहरी व्यवस्था के लिए चुनौती बन सकती है।
सावधान रहने की अपील:
मॉनसून मौसम विभाग और प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे मौसम संबंधी अलर्ट को गंभीरता से लें और बिना जरूरत के घर से बाहर न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। बिजली गिरने के मामलों में बढ़ोतरी हुई है खासतौर पर खुले खेतों में काम करने वाले किसानों को सावधान रहने की सलाह दी गई है। वे मोबाइल फोन पर मौसम ऐप्स या सरकारी अलर्ट डाउनलोड करते रहें।
निकास:
भारत में मॉनसून इस बार अपने चरम पर है और इसकी तीव्रता सामान्य से कहीं अधिक देखने को मिल रही है। जहां एक ओर यह लोगों को झुलसाती गर्मी से राहत दे रहा है, वहीं दूसरी ओर तेज बारिश, जलजमाव और संभावित बाढ़ के कारण कई राज्यों में चिंता की स्थिति भी बन गई है। किसानों, विद्यार्थियों, यात्रियों और शहरी लोगों सभी के जीवन पर इसका प्रभाव पड़ा है। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि प्रशासन समय रहते आवश्यक तैयारियाँ करे और आम लोग भी मौसम विभाग द्वारा जारी की जा रही चेतावनियों को गंभीरता से लें और सतर्कता बरतें।
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