यूक्रेन ने रूसी बॉम्बर्स पर ड्रोन हमला किया, 41 विमानों को किया नष्ट
यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध में इस बार यूक्रेन ने रूस के अंदर साइबेरिया क्षेत्र में स्थित एक महत्वपूर्ण एयरबेस पर एक बड़ा हमला किया है। यूक्रेनी सेना का दावा है कि यह अब तक के सबसे बड़े ड्रोन हमलों में से एक था जिसमें 117 ड्रोन और 41 रूसी रणनीतिक बॉम्बर्स मारे गए थे। यूक्रेनी सेना का कहना है कि यह हमला रात के अंधेरे में हुआ जब रूसी हवाई अड्डा सामान्य संचालन में था मुख्य निशाना रूसी रणनीतिक बॉम्बर्स थे जो यूक्रेन पर मिसाइल और बमबारी करते थे।
हमले का कारण क्या था?
यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि हमला योजनाबद्ध रूप से किया गया था। 117 ड्रोन एक साथ उड़ाए गए जिनमें से अधिकांश ने *ओलेंया एयरबेस* को निशाना बनाया जो अब तक यूक्रेनी हमलों से काफी दूर था। यूक्रेन ने हमला अपने विशेष रूप से बनाए गए लॉन्ग-रेंज ड्रोन के जरिए किया जो हजारों किलोमीटर दूर जाकर निशाना साध सकते हैं। यूक्रेनी सूत्रों ने बताया कि ये ड्रोन रात को चुपचाप उड़ाए गए ताकि रूसी रडार इन्हें पकड़ न सके।
रूस ने क्या जवाब दिया:
रूस ने अभी तक आधिकारिक रूप से इस हमले की पुष्टि नहीं की है लेकिन कई रूसी सोशल मीडिया चैनलों और सैन्य ब्लॉग्स पर इसकी चर्चा जोरों पर है। कुछ रूसी विश्लेषकों ने स्वीकार किया है कि हमला काफी गंभीर था और इससे बड़ी क्षति हुई है। रूसी सेना ने दावा किया है कि उन्होंने कई ड्रोन को हवा में ही मार गिराया है लेकिन 41 विमानों की क्षति पर वे चुप रहे हैं।
यूक्रेन की रणनीति में संशोधन:
इस हमले से स्पष्ट हो गया है कि यूक्रेन अब सिर्फ अपनी सीमाओं की रक्षा नहीं कर रहा है बल्कि रूस के अंदर गहरे हमले करना भी शुरू कर दिया है। खासकर यूक्रेनी ड्रोन ने साइबेरिया जैसे दूरस्थ और सुरक्षित क्षेत्र को भी निशाना बनाया है। रूस को सैन्य नुकसान के अलावा मनोवैज्ञानिक नुकसान भी हुआ है क्योंकि यह हमला यूक्रेन पर मिसाइल और बॉम्बिंग करने वाले रूसी एयरबेस को खतरे में डाल दिया गया है।
यूरोपीय संघ और अमेरिका ने क्या प्रतिक्रिया दी:
हमले पर अमेरिका और नाटो जैसे देशों ने अभी तक कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन पश्चिमी मीडिया ने इसे यूक्रेन की बड़ी सफलता बताया है। कुछ सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि यह हमला दिखाता है कि यूक्रेन अब रक्षा और आक्रमण दोनों में सक्षम हो गया है। यूक्रेन ने अपने स्थानीय संसाधनों से ऐसे ड्रोन बनाए हैं जो रूस के भीतर तक पहुंच सकते हैं।
जनता की प्रतिक्रिया:
यूक्रेनी जनता इस खबर से उत्साहित है। सोशल मीडिया पर लोग सेना की इस सफलता की तारीफ कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि इससे रूस की हवाई सेना कमजोर होगी। रूस के कुछ शहरों में भी लोग चिंतित हैं क्योंकि साइबेरिया जैसे इलाकों को युद्ध से दूर माना जाता था इसलिए वे डर में जी रहे हैं।
क्या होगा?
यूक्रेनी सेना ने कहा कि यह हमला सिर्फ शुरुआत है और रूस के अन्य एयरबेस और सैन्य ठिकानों अब सुरक्षित नहीं हैं जो आने वाले दिनों में अधिक हमलों की ओर संकेत करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस घटना ने यूक्रेन-रूस युद्ध को एक नए मोड़ पर ला दिया है। अगर यूक्रेन ऐसे ही हमले करता रहा तो रूस की वायुसेना को भारी नुकसान हो सकता है। इस घटना ने यह भी साफ कर दिया कि आज के युद्ध में ड्रोन युद्ध की दिशा और परिणाम निर्धारित करने लगे हैं जो सिर्फ टैंकों और मिसाइलों तक सीमित नहीं है।
यूक्रेनी सेना ने साफ कहा है कि यह हमला कोई आखिरी कार्रवाई नहीं थी, बल्कि एक नई शुरुआत है। उनकी रणनीति अब रूस के उन ठिकानों पर भी हमला करने की है, जो पहले सुरक्षित माने जाते थे। इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में रूस के और भी एयरबेस और सैन्य ठिकानों पर ऐसे हमले हो सकते हैं।
सुरक्षा विशेषज्ञों की मानें तो यह हमला युद्ध की दिशा बदलने वाला साबित हो सकता है। यह दिखाता है कि अब लड़ाई सीमाओं तक सीमित नहीं रही, बल्कि दुश्मन देश के अंदर तक पहुंचकर भी जवाब दिया जा सकता है। अगर यूक्रेन इसी तरह हमले करता रहा, तो रूस की वायुसेना को लगातार नुकसान झेलना पड़ सकता है, जिससे उनकी हवाई क्षमताओं पर बड़ा असर पड़ेगा।
यह बात अब पूरी तरह साफ हो गई है कि आधुनिक युद्धों में ड्रोन की भूमिका बहुत बड़ी हो चुकी है। अब सिर्फ टैंक और मिसाइलों से नहीं, बल्कि तकनीक से भी युद्ध का भविष्य तय हो रहा है। ड्रोन अब युद्ध का एक अहम हथियार बन चुके हैं, जो दुश्मन को बिना बड़ी लागत और जान-माल के नुकसान के भी गंभीर चोट पहुंचा सकते हैं।
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