भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 2,000 से अधिक अवैध प्रवासियों को वापस भेजा

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भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 2,000 से अधिक अवैध प्रवासियों को वापस भेजा

भारत ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया है। इस अभियान का नाम ऑपरेशन सिंदूर रखा गया है। इस अभियान की शुरुआत 7 मई 2025 को हुई थी और अब तक 2,000 से ज़्यादा बांग्लादेशी नागरिकों को वापस उनके देश भेजा जा चुका है, जो बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रह रहे थे।

सरकार ने यह कदम देश की सुरक्षा और सीमाओं को सुरक्षित रखने के मकसद से उठाया है। यह कार्रवाई गृह मंत्रालय के निर्देश पर की गई और इसमें कई राज्यों की पुलिस, सीमा सुरक्षा बल (BSF), और खुफिया एजेंसियों ने मिलकर काम किया।

क्या है ऑपरेशन सिंदूर?

ऑपरेशन सिंदूर एक विशेष अभियान है, जिसका मकसद भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें उनके देश वापस भेजना है। इस ऑपरेशन के तहत उन लोगों को पकड़ा गया जो बिना पासपोर्ट या वीज़ा के भारत में रह रहे थे।

इस काम के लिए कहीं माहीने से खुफिया जानकारी जुटाई जा रही है। इसके बाद एक-एक कर राज्यों में छापेमारी हुई और जिन लोगों की नागरिकता पर शक था, उन्हें हिरासत में लेकर जांच की गई।

किन राज्यों में हुई सबसे ज्यादा कार्रवाई?

इस ऑपरेशन के दौरान जिन राज्यों में सबसे ज्यादा अवैध प्रवासी पकड़े गए, उनमें पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, बिहार और दिल्ली प्रमुख हैं। इन इलाकों में लंबे समय से बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक रहते आ रहे थे।

जांच में पाया गया कि इनमें से कई लोग फर्जी दस्तावेजों के सहारे काम कर रहे थे और कुछ ने स्थानीय पहचान पत्र भी बनवा लिए थे।

सरकार ने क्यों उठाया यह कदम?

सरकार का कहना है कि अवैध प्रवासी न केवल देश के संसाधनों पर बोझ बनते हैं, बल्कि कई बार अपराधों में भी शामिल हो जाते हैं। इसके अलावा, स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसरों में भी परेशानी होती है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने देश की सीमाओं की रक्षा करें। यह कार्रवाई कानून के तहत की जा रही है। अवैध रूप से रहने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती, चाहे वह कोई भी हो।”

मानवीय तरीके से हुई पूरी प्रक्रिया

इस अभियान के दौरान सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया कि किसी के साथ गलत व्यवहार न हो। सभी पकड़े गए लोगों को पर्याप्त सुविधाएं दी गईं और उनकी वापसी की प्रक्रिया बांग्लादेश सरकार से समन्वय बनाकर पूरी की गई।

जिन लोगों के छोटे बच्चे थे या परिवार के साथ थे, उनके मामले को ध्यान से देखा गया और पूरी व्यवस्था मानवीय ढंग से की गई।

आगे क्या होगा?

सरकार की योजना है कि ऑपरेशन सिंदूर को और आगे बढ़ाया जाए। आने वाले समय में बाकी राज्यों में भी ऐसे अभियान चलाए जाएंगे। साथ ही, एक नया डिजिटल डेटाबेस तैयार किया जा रहा है, जिससे हर व्यक्ति की पहचान और नागरिकता की जानकारी एक जगह दर्ज हो सके।

इससे भविष्य में अवैध तरीके से भारत में आने और रहने वालों की पहचान करना आसान होगा।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आईं

इस अभियान को लेकर राजनीति भी गर्म हो गई है। जहां सरकार इसे देश की सुरक्षा के लिए ज़रूरी कदम बता रही है, वहीं कुछ विपक्षी पार्टियों का कहना है कि इस तरह की कार्रवाइयों से गरीब और कमजोर लोगों पर असर पड़ सकता है।

हालांकि, केंद्र सरकार ने इन बातों को खारिज करते हुए साफ किया कि यह कार्रवाई पूरी तरह कानूनी है और इसमें किसी भी धर्म या समुदाय के खिलाफ भेदभाव नहीं किया गया है।

निष्कर्ष

ऑपरेशन सिंदूर भारत सरकार की एक बड़ी और सख्त पहल है। इसका मकसद है कि देश में कोई भी व्यक्ति अवैध रूप से न रह सके और हर किसी की नागरिकता की जांच हो। आने वाले समय में यह अभियान और तेज़ हो सकता है और बाकी इलाकों में भी इसका असर दिख सकता है।

यह साफ है कि सरकार अब अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर सख्ती से कार्रवाई कर रही है और देश की सुरक्षा को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं करेगी।

आप नीचे दिए गए External Link को अपने लेख में जोड़ सकते हैं, जिससे पाठकों को और जानकारी या सरकारी स्रोत से प्रमाण मिल सके:

गृह मंत्रालय – भारत सरकार

यह लिंक आधिकारिक है और ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी खबर या प्रवासी नीति पर प्रामाणिक जानकारी देने में सहायक रहेगा। यदि आप किसी समाचार स्रोत का लिंक जोड़ना चाहते हैं, तो बता सकते हैं — मैं एक उपयुक्त हिंदी समाचार साइट से लिंक सुझा दूंगा।

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