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Air Turbulence: यहां जाने क्या है एयर टरब्यूलेंस ? कैसे बना हुआ है ये परेशानी का सबब और क्या- क्या सावधानियां बरत कर हम इससे होने वाले नुकसानों को रोक सकते हैं।

Air Turbulence : इन सावधानियां को बरतकर एयर टर्बुलेंस से होने वाले खतरों से बचा जा सकता है।

Air Turbulence : सिंगापुर की एक फ्लाइट एयर टर्बूलेंस की चपेट में आने से, उस प्लेन में बैठे 100 यात्रियों के घायल होने की खबर सामने आई जिसमे एक की मौके पर ही मौत हो गई। वजह स्ट्रेस और एंजाइटी के चलते हार्ट अटैक आने को बताया गया। और ये सब हुआ एयर टर्बुलेंस के चलते।

आखिर क्या होता है एयर टरब्यूलेंस?

आसमान में हवा के बहाव के चलते एयरप्लेन तेज़ हवा से झूलने लगता है, जिससे पैसेंजर्स को धक्के लगने जैसा महसूस होता है। इस पूरी प्रक्रिया को ही और टर्बूलेंस कहते हैं। यह टर्बूलेंस हल्का होने पर संभव है कि यात्रियों पर इसका कोई असर न पड़े। लेकिन यही एयर टर्बूलेंस ज्यादा होने पर यात्री अपनी सीट से गिर सकते हैं साथ ही उन्हें गंभीर चोटें भी आ सकती है। ऐसे में हड़बड़ी हो सकती है, दबाव महसूस हो सकता है जिससे बेहोशी हो सकती है, बीपी बढ़ सकता है, यहां तक की दिल का दौड़ा पढ़ने की भी संभावना हैं।

जर्मनी में हुई एक स्टडी की माने तो हर साल 68000 एयर टर्बूलेंस होते हैं।

आमतौर पर 18 घंटे पहले ही और टर्बूलेंस का पता चल जाता है। लेकिन अचानक हवा की रफ्तार तेज होने या दिशा बदल जाने से एयर टर्बुलेंस के बारे में पहले से कुछ बताना मुश्किल हो जाता है।

नए जमाने के हवाई जहाज को इस तरह से तैयार किया जाता है कि यह हर तरह के एयर टर्ब्यूलेंस को झेल सके साथ ही इसके अंजर पंजर ढीले भी न हो। लेकिन जो भी हो एयर प्लेन में बैठे यात्रियों की हालत तो जरूर इससे ढीली हो सकती है।

एयर टर्बूलेंस के दौरान ऐसी प्रतिक्रिया देता है हमारा शरीर।

जब एयर टर्बूलेंस की चपेट में हवाई जहाज आता है तो इसका साफ-साफ असर हवाई जहाज में मौजूद लोगो के शरीर पर पड़ता है। क्योंकि एयर टर्बूलेंस होने पर हवाई जहाज, रोलरकोस्टर का अनुभव देता है। जिसके डर से दिल काफी डर जाता है।

इस डर से सबसे ज्यादा प्रभावित हमारे वेस्टीबुलर सिस्टम पर पड़ता है। ये वही सिस्टम है जो हमें एक ही पोजीशन में काफी देर तक बैठे रहने में मदद करता है। लेकिन एयर टर्बूलेंस की वजह से ये बुरी तरह से डिस्टर्ब हो जाता है। एयर टर्बूलेंस के चलते झटके अचानक से लगते हैं जिसे एकदम से हमारा दिमाग समझ नहीं पाता है और संभलने के लिए कोई प्रतिक्रिया नहीं दे पाता है। जिससे कई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें होती हैं।

  • इस तरह की दिक्कत हो सकती हैं एयर टर्बुलेंस से।
    – घबराहट
    – तेज़ दिल की धड़कन तेज़ होना
    – सांस लेने में तकलीफ
    – चक्कर आना
    – कंपकंपी छूटना
    – मांसपेशियों में तनाव
    – मोशन सिकनेस ( यात्रा संबंधी बीमारियां)
    – मांसपेशियों में खिंचाव
    – हाई ब्लड प्रेशर
    – ऊपरी चोट भी लग सकती है।

हार्ट अटैक की वजह भी बन सकता है एयर टर्बूलेंस।
एयर टर्बूलेंस से थकान और बेचैनी जैसी स्थिति हो सकती है। जो हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को बढाता है। जिससे हार्ट अटैक होने की भी संभावनाएं बनी रहती हैं। ऐसे में उन लोगों के लिए ज्यादा खतरा बना रहता है जिन्हें पहले से दिल संबंधित बीमारियां है। डर और घबराहट से पैनिक अटैक आ सकते हैं।

एयर टर्बुलेंस की गति ज्यादा तेज होने पर यात्री हवाई जहाज में कहीं भी गिर सकते हैं, किसी से भी टकरा सकते हैं जिससे गंभीर चोट भी आ सकती है।

हार्ट अटैक का कारण बन सकता है, एयर टर्बुलेंस? 

हृदय रोग विशेषज्ञ, डॉ अवधेश शर्मा कहते हैं कि एयर टर्बूलेंस का कोई सीधा-सीधा संबंध हार्ट अटैक से नहीं है। लेकिन यह जरूर है कि अगर किसी को पहले से दिल संबंधी बीमारियां हैं तो स्ट्रेस और एंजाइटी के चलते उस पैसेंजर को हार्ट अटैक आ सकता है।

एयर ट्रैवल करते वक्त क्या-क्या सावधानियां बरती जा सकती हैं।
अगर स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें पहले से हैं तो हवाई यात्रा करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। जिससे डॉक्टर पहले से ही जरूरी सावधानियां और दवाइयों के बारे में बता सकते हैं।
– हमेशा अपने साथ जरूरी दवाइयां और डॉक्टर की प्रिस्क्राइब की गई दवाइयों वाला पेपर अपने साथ रखें।
– सफर के दौरान पानी पीते रहे। इससे स्ट्रेस और एंजायटी का लेवल काफी कम हो जाता है।
– यात्रा से पहले और उस दौरान शराब का सेवन बिल्कुल ना करें। ऐसा करने से हार्टबीट और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
– खुद को शांत करने के लिए, ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ और मेडिटेशन कर सकते हैं। इससे काफी अच्छा महसूस होता है।
– अगर पहले से एंजायटी की समस्या है तो, डॉक्टर की सलाह से पहले ही दवाई ले लें।
– यात्रा करने से पहले, 8 घंटे की पर्याप्त नींद अवश्य लें।
– यात्रा से पहले ज्यादा भारी भोजन न करें, साथ ही अत्यधिक मसालेदार भोजन से भी बचें।
– सीट बेल्ट को हर वक्त अच्छे से लगा कर रखें।
नहीं तो एयर टर्बुलेंस के दौरान कहीं पर भी गिरने से गंभीर चोटे भी आ सकती है।

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