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10 दिन और समय दे दीजिए… कंपनी बेचने के लिए Anil Ambani की RBI से गुहार.

RBI से गुहार: Anil Ambani ने माँगा और 10 दिन का समय.

Ambani News: रिलायंस कैपिटल की संपत्ति हिंदुजा समूह की कंपनी को ट्रांसफर करने की टाइम लिमिट शुक्रवार (17 May) तक थी. देश के केंद्रीय बैंक (Central Bank) ने संपत्ति ट्रांसफर करने के लिए 17 नवंबर 2023 को मंजूरी दी थी. यह मंजूरी सिर्फ 6 महीने के लिए Valid रखी गयी थी.

भारी कर्ज में डूबे अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) के खरीदार हिंदुजा ग्रुप को अधिग्रहण करने में अभी और वक्‍त लगेगा. क्‍योंकि रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) के प्रशासक ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से गुहार लगाई है और 10 दिन का समय मांगा है. Reliance Capital ने हिंदुजा ग्रुप की कंपनी को संपत्ति Transfer करने के लिए इस समय की मांग की है.

Reliance Capital की संपत्ति हिंदुजा समूह की कंपनी को ट्रांसफर करने की टाइम लिमिट शुक्रवार (17 May) तक थी. देश के केंद्रीय बैंक ने संपत्ति ट्रांसफर करने के लिए 17 Nov 2023 को मंजूरी दी थी.

बिजनेस स्‍टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, अब Reliance Capital के प्रशासक ने RBI से 27 मई तक का और समय मांगा है. संपत्ति ट्रांसफर होने के बाद Reliance Capital पूरी तरह से हिंदुजा ग्रुप की हो जाएगी.

27 February को समाधान योजना की दी थी मंजूरी 

गौरतलब है कि NCLT के आदेश के अनुसार Hinduja Group की कंपनी के लिए समाधान योजना को लागू करने की समयसीमा भी 27 मई है. राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) की मुंबई पीठ ने 27 February को समाधान योजना को मंजूरी दिया था. IndusInd International Holdings Limited को 27 May तक समाधान योजना को लागू करने को कहा गया था.

IRDA ने भी रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण की मंजूरी 

NCLT ने Hinduja Group की कंपनी IndusInd International Holdings Limited की रिलायंस कैपिटल के लिए 9,650 करोड़ रुपये की समाधान योजना की मंजूरी दी गयी थी. वहीं हाल ही में इरडा ने भी Anil Ambani की रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के लिए हिंदुजा ग्रुप की कंपनी की बोली को मंजूरी दे दी है.

रिलायंस कैपिटल पर इतना कर्ज 

रिपोर्ट्स के मुताबिक : रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) के लिए फरवरी 2022 में बोली आमंत्रित जारी की गई थी. शुरुआत में रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के लिए 4 कंपनियां सामने आई थीं, लेकिन कम बोली के कारण लेंडर्स समूह ने इसे अस्‍वीकार कर दिया. बाद में हिंदुजा ग्रुप और Torrent Investment ने दोबारा बोली पेश की, जिसमें हिंदुजा ग्रुप के बोली को मंजूरी दे दी गई. इस कंपनी पर अभी 40 हजार करोड़ का कर्ज बताया गया है.

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Shahnawaz Sharif

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