Auto Taxi Strike:-दिल्ली-एनसीआर में ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन ने दो दिन की हड़ताल का ऐलान किया है, जो 23 अगस्त तक जारी रहेगी। इस हड़ताल के पहले ही दिन यात्रियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा है, खासकर उन लोगों को जो रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों या अन्य जगहों पर जाने के लिए ऑटो या टैक्सी का इस्तेमाल करते थे।
यात्रा की योजना बनाने से पहले विचार करें:
- ओला, उबर, रैपिडो जैसी सेवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन इनकी उपलब्धता भी सीमित हो सकती है, इसलिए घर से बाहर निकलने से पहले इन विकल्पों की उपलब्धता की जांच कर लें।
Auto Taxi Strike इन विकल्पों पर पहले कर लें विचार
हड़ताल के दौरान यात्रियों को होने वाली असुविधा से बचने के लिए ओला, उबर, रैपिडो जैसी सेवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है, खासकर दोपहिया वाहनों के माध्यम से। हालांकि, चूंकि ऑटो और टैक्सी सेवाएं बंद रहेंगी, ऐसे में इन ऐप-बेस्ड सेवाओं की भी मांग बढ़ सकती है, जिससे उपलब्धता सीमित हो सकती है।
इसलिए, यात्रा से पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
- एप्स से पहले ही राइड बुक करें: ओला, उबर, या रैपिडो जैसी सेवाओं का उपयोग करने से पहले समय पर बुकिंग करें, ताकि आपको गाड़ी उपलब्ध हो सके।
- प्रभारीता का मूल्यांकन करें: हड़ताल के दौरान किराए में वृद्धि की संभावना होती है, इसलिए यात्रा का खर्च पहले से जांच लें।
- वैकल्पिक साधनों की योजना बनाएं: यदि उपलब्धता सीमित हो, तो मेट्रो, बस या अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट के विकल्पों पर भी विचार करें।
यह योजना बनाकर आप हड़ताल के प्रभाव को कम कर सकते हैं और अपनी यात्रा को सुचारू बना सकते हैं।
ऑटो-टैक्सी चालकों की प्रमुख मांगें:
ऑटो-टैक्सी चालकों की मांगें
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- ओला, उबर और रैपिडो जैसी ऐप-बेस्ड कंपनियों द्वारा संचालित गैरकानूनी कारोबार पर तुरंत रोक लगाई जाए।
- इन मोबाइल ऐप्स के जरिए दिल्ली-एनसीआर में सफेद नंबर प्लेट वाली दोपहिया वाहनों और पोर्टर डिलीवरी से यात्रियों को अवैध रूप से ढोने पर पाबंदी लगाई जाए।
- दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा हर चौक पर अवैध रूप से चल रहे जुगाड़ू और बिना नंबर वाले ई-रिक्शाओं पर रोजाना 100 रुपये की एंट्री वसूली बंद हो। हाई कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक, इन पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए।
- केंद्र सरकार पूरे देश में कमर्शियल और यात्री वाहनों, ऑटो-टैक्सी और स्कूल कैब चालकों को ESI कार्ड की सुविधा प्रदान करे और उनके लिए दुर्घटना जीवन बीमा की सीमा 25 लाख रुपये तय की जाए।
- महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चालकों और यात्रियों के लिए सरकारी मोबाइल ऐप लॉन्च किया जाए, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों की स्पष्ट जिम्मेदारी तय हो।
- दिल्ली की सभी टैक्सियों से एमसीडी टोल टैक्स हटाया जाए, और पहले की तरह ही ऑटो और टैक्सी स्टैंड को स्थायी रूप से स्थापित किया जाए।
- परिवहन विभाग और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा ऑटो-टैक्सी चालकों के वाहनों की जबरन फोटो खींचने और बेवजह चालान काटने पर तुरंत रोक लगाई जाए। पहले से जारी किए गए सभी चालानों को रद्द किया जाए।
- ऑटो-टैक्सी परमिट नियमों में सुधार करते हुए वर्दी के अनिवार्य नियमों को सरल बनाया जाए और सभी के लिए एक ही रंग की ड्रेस कोड लागू की जाए।
इस हड़ताल से रोजमर्रा के यात्रियों को असुविधा हो सकती है, इसलिए यात्रा से पहले वैकल्पिक उपायों पर विचार करना जरूरी है।
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