Avani Lekhara Paris Paralympics 2024 : 11 साल की उम्र में हुआ था भीषण एक्सीडेंट, अवनी लेखरा ने पेरिस पैरालंपिक में भारत को दिलाया पहला गोल बनाया ये रिकॉर्ड।
अवनी लेखरा ने इतिहास रच दिया है उन्होंने पेरिस पैरालंपिक में भारत को पहला गोल्ड मेडल तो दिलाया ही है इसके साथ ही उन्होंने 249.7 अंक हासिल कर पैरा ओलंपिक में रिकॉर्ड बना दिया।
Avani Lekhara: पेरिस पैरालंपिक के दूसरे दिन यानी 30 अगस्त को भारत के लिए गुड न्यूज़ आई है भारत की भारतीय निशानेबाज अवनी लेखरा ने कमाल कर दिया है उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल राइफल इवेंट में गोल्ड मेडल जीता वही इसी इवेंट में भारत की मोना अग्रवाल ने ब्रॉन्ज मेडल जीता इन दो मेडल के साथ ही भारत मौजूदा पैरालंपिक गेम में भारत के मेडल की बोहनी भी हो गई है।
खास बात यह रही की 22 साल की अवनी लेखरा ने 249 अंक हासिल कर पैरालंपिक में रिकॉर्ड बना दिया इससे पूर्व उन्हों ने टोक्यो पैरालंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल राइफल स्पर्धा के दौरान गोल्ड मेडल जीता था अवनी लेखरा पैरा ओलंपिक में दो गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई है इसके अलावा वह पैरा ओलंपिक में 3 मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई है यह भी एक अनूठा रिकॉर्ड है।
3 साल पहले टोक्यो पैरा ओलंपिक में स वन श्रेणी में अपने प्रदर्शन से अवनी ने खूब सुर्खिया बटोरी थी उन्होंने टोक्यो पैरा ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल में गोल्ड और 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में ब्रांच जीता था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई।
भारत के पेरिस पैरा ओलंपिक में दो मेडल आने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है पीएम मोदी ने एक पर लिखा अवनि लेखरा को R2 महिला 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में प्रतिष्ठित गोल्ड जीतने के लिए बधाई उन्होंने इतिहास भी रच दिया वह तीन पैरा ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट है उनका समर्पण भारत को गौरवित करता है।
वही मोना अग्रवाल को बधाई देते हुए पीएम मोदी ने लिखा मोना अग्रवाल को पेरिस पैरालंपिक में r2 महिला 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में कौन से पदक जीतने पर बधाई उनकी लेखनी उपलब्धि उनके समर्पण और उत्कृष्ट की खोज को दर्शाती है भारत को मना पर गर्व है।
सर्जरी के बाद खेल रही पैरालंपिक।
पेरिस पैरालंपिक से 5 महीने पहले 22 वर्षीय निशानेबाज अवनी लेखरा ने गॉलब्लैडर की पथरी निकालने के लिए ऑपरेशन करवाया था इस दर्द के कारण उनकी ट्रेनिंग भी प्रवाहित हुई थी इसलिए मार्च में उन्होंने ऑपरेशन करवाने का फैसला लिया इस ऑपरेशन के बाद उन्होंने पेरिस पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन किया।
11 साल की उम्र में हुआ एक्सीडेंट।
साल 2012 में 11 साल की उम्र में एक कर एक्सीडेंट के बाद वहां पूरी तरह से पैरालाइज्ड से पीड़ित हो गई पैरालिसिस रीड की हड्डी की एक चोट है जो निकले अंगों को पंगु बना देती है या रीड की हड्डी और तंत्रिका तंत्र को गंभीर क्षति का परिणाम है इस हादसे के बाद अवनी के पिता ने उनको खेलों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया उन्होंने आर्चरी की ट्रेनिंग ली लेकिन शूटिंग को अपना जुनून बनाया और वर्तमान में राजस्थान विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई कर रही हैं।
वे केंद्रीय विद्यालय तीन जयपुर की छात्रा थी जहां उन्होंने शूटिंग के श्री क्षेत्रिया मैच में अपना पहला गोल्ड मेडल हासिल किया था निशानेबाजी में h1 श्रेणी में ऐसे निशानेबाज शामिल होते हैं जिनकी बाहों या निकले धड़ या पैरों की गति प्रवाहित होती है उनके हाथ या पैर में विकार होता है खेल में उनके शानदार प्रदर्शनयोगदान के लिए साल 2021 में खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा गया था जो भारत का सर्वोच्च खेल और सम्मान है।
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