Avoid These 5 Grains for Indigestion in Monsoon: हर मौसम के हिसाब से अपने आहार में बदलाव करना हमारी सेहत के लिए जरूरी है। हर मौसम की अपनी अलग मांग होती है, इसलिए समय-समय पर आहार में कुछ चीजें शामिल करना और कुछ को हटाना महत्वपूर्ण होता है। गर्मी के मौसम के साथ-साथ अत्यधिक नमी भी होती है, जिससे हमारी पाचन प्रणाली पर असर पड़ता है। इस समय में बहुत से लोग अपच और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करते हैं।
मानसून डाइट
इसलिए, यह जरूरी है कि हम अपने आहार में बदलाव करें और जरूरी खाद्य पदार्थों को शामिल करें ताकि मौसमी बीमारियों से बचा जा सके और शरीर को अतिरिक्त इम्यूनिटी मिल सके। भारतीय आहार में अनाज का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। सही अनाज का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है। मानसून के दौरान पेट की सेहत को ठीक रखने और पेट की समस्याओं से बचने के लिए इन पांच अनाज को अपने आहार में शामिल करने पर विचार करें। महत्वपूर्ण है कि पेट को सुरक्षित रखने के लिए अधिक न खाएं और ऐसे अनाज खाएं जो आसानी से पच सकें।
कूटू (Buckwheat): कूटू ग्लूटेन-फ्री और लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला होता है, जो पेट की समस्याओं से ग्रसित लोगों के लिए उपयुक्त है। कूटू पाचन और आंतों की सेहत में मदद कर सकता है।
फायदे: उच्च फाइबर सामग्री पाचन को सुधारती है
एंटीऑक्सीडेंट और खनिजों से भरपूर
कूटू का आटा ग्लूटेन-फ्री होता है और मानसून के मौसम के लिए आदर्श है।
जौ (Barley): जौ में बीटा-ग्लूकन होता है, जो पाचन तंत्र की सेहत को सुधारता है और इम्यून सिस्टम को बढ़ाता है, जिससे यह मानसून के दौरान एक आदर्श विकल्प बनता है।
फायदे: उच्च घुलनशील और अघुलनशील फाइबर
गट हेल्थ के लिए बीटा-ग्लूकन होता है
इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करता है
ब्राउन राइस: ब्राउन राइस में उसकी ब्रान परत होती है, जो अधिक पोषक तत्व और फाइबर प्रदान करती है। यह आपके पाचन तंत्र को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है और आपको लंबे समय तक तृप्त रख सकता है, जिससे अधिक खाने की संभावना कम होती है।
फायदे: उच्च फाइबर सामग्री पाचन में मदद करती है
नियमित बॉवेल मूवमेंट को बनाए रखता है.
आवश्यक पोषक तत्व जैसे मैग्नीशियम और सेलेनियम प्रदान करता है
अमरनाथ (Amaranth): अमरनाथ आसानी से पचने वाला होता है और मानसून के दौरान लाभकारी है।
फायदे: इस अनाज में सूक्ष्म पोषक तत्व और सूजन-रोधी गुण होते हैं
यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है
यह रोटी, उपमा, और पुलाव बनाने के लिए उपयुक्त है
सावा (Barnyard Millet): यह एक प्राचीन ग्लूटेन-फ्री अनाज है जिसमें कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। इसमें उच्च मात्रा में विटामिन, फाइबर, और अन्य महत्वपूर्ण खनिज होते हैं। सावा का आटा बनाकर रोटी और पराठे बनाए जा सकते हैं। इसे दलिया या अन्य प्रकार के खाद्य पदार्थों में भी बनाया जा सकता है।
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