Bank Cyber Attack: देश भर के करोड़ों बैंक खाताधारकों के लिए एक बहुत बुरी खबर सामने आ रही है. भारतीयों के बैंक खातों के ऊपर साइबर अटैक का खतरा मंडराता हुआ दिख रहा है. इस खतरे को लेकर RBI ने एक अलर्ट भी जारी किया है. सेंट्रल बैंक ने बैंक खातों पर साइबर अटैक के खतरे को देखते हुए सभी बैंकों को अलर्ट रहने के लिए कहा है.
बैंकों को चौबीसों घंटे अलर्ट रहने का निर्देश
रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी बैंकों से कहा है कि वे सक्रियता के साथ चौबीसों घंटे खतरे को पकड़ने के लिए तैयार बने रहें. रिजर्व बैंक का ये कहना है कि उसे साइबर अटैक होने को लेकर सूत्रों से जानकारी मिली है. इसे लेकर सेंट्रल बैंक ने सभी बैंकों व वित्तीय संस्थानों को 24 जून को एक लेटर भेजकर अलर्ट भी जारी किया गया है. एडवाइजरी में बैंकों को कहा जा रहा है कि वे खतरे की पहचान करने के लिए सर्विलांस की क्षमता को और बढ़ाएं और बचाव के उपायों को तेज कर दें.
हैकरों के किस समूह से हैं खतरा
रिजर्व बैंक ने यह अलर्ट और एडवाइजरी ऐसे समय जारी किया है, जब हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट में भारतीय बैंक खाताधारकों पर खतरे को लेकर आगाह किया गया है. रिजर्व बैंक ने एडवाइजरी 24 जून को जारी किया और उसी दिन एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया कि “LulzSec” नामक हैकर ग्रुप भारतीय बैंकों को निशाना बनाने का सोच रहे है. “LulzSec” इससे पहले कई हाई-प्रोफाइल साइबर अटैक के लिए जिम्मेदार बन चुका है.
ऐसा माना जा रहा था कि हैकरों का समूह LulzSec अब निष्क्रिय हो चुका है, लेकिन हाल-फिलहाल में उसके फि से सक्रिय होने की जानकारियां सामने आई हैं जिस काफी लोगों को ये चिंता का विषय बन गया हैं.
हर साल उठाना पड़ता हैं इतना नुकसान
डिजिटल होती हुई अर्थव्यवस्था में साइबर अटैक के खतरे भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं. रिजर्व बैंक (RBI) के द्वारा इसी सप्ताह जारी फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 20 सालों में फाइनेंशियल सेक्टर ने 20 हजार से ज्यादा साइबर अटैक की जानकारी दी गई है, जिनमें 20 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान को बताया गया है. यानी औसतन हर साल 1000 साइबर अटैक के मामले सामने आते हैं और उनके चलते औसतन हर साल 1 बिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा है.
पहले भी जारी हो चुका है ये अलर्ट
इससे पहले CERT-IN ने पिछले साल इसी तरह के खतरे की आशंका को जाहिर की थी. CERT-IN ने अंतरराष्ट्रीय फंड ट्रांसफर के स्विफ्ट सिस्टम , यूपीआई, रियल टाइम पेमेंट सिस्टम, कार्ड नेटवर्क और आरटीजीएस, एनईएफटी जैसे लोकल फंड ट्रांसफर नेटवर्क पर जोखिम की आशंका को भी जाहिर किया गया था. अब रिजर्व बैंक के अलर्ट के बाद बैंकों को इन खतरों को पकड़ने और उनसे बचाव करने के प्रयास तेज करने होंगे ताकि कोई भी साइबर अटैक से पहले बचाव किया जा सके.
खुद को भी रखे सुरक्षित
बैंक के साथ साथ आप को भी अपने हिसाब से सुरक्षित रहने के लिए कुछ सावधानी बरतनी होगी, जैसे की कोई भी UNUSE जैसे लिंक पर क्लिक न करें, बिना किसी परमिशन के कोई भी जानकारी साझा ना करें, और अपनी निजी जानकारी किसी भी हालत में किसी भी व्यक्ति के साथ कभी भी साझा ना करें. बैंक कभी भी आप की निजी जानकारी नही पूछता है.
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