जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में बक्कल और कौरी गाँवों के बीच चिनाब नदी पर बना Chenab Bridge एक इंजीनियरिंग का चमत्कार है। यह पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा है, जो कश्मीर घाटी को देश के अन्य हिस्सों से रेल नेटवर्क के माध्यम से जोड़ने के लिए बनाया गया है। इसकी ऊँचाई लगभग 1,178 फीट (359 m) है, जो पेरिस के प्रसिद्धर एफिल टॉवर से भी 35 मीटर अधिक है। इसकी कुल लंबाई 1,315 मीटर है, जिसमें मुख्य मेहराब (आर्च) का हिस्सा 467 मीटर लंबा है। यह दुनिया का सबसे ऊँचा और सबसे लंबा Steel Arch Bridge है। इस ब्रिज को बनाने में लगभग 1,486 cr रुपये की लागत आई है।
Chenab Bridge के निर्माण की कहानी
Chenab Bridge का निर्माण कोई आसान काम नहीं था। यह हिमालय के दुर्गम इलाके में बना है, जहाँ पहुँचना और सामान लाना बेहद मुश्किल था। बिजली और पानी की व्यवस्था भी एक चुनौती थी।यह क्षेत्र भूकंप जोन V के अंतर्गत आता है, जहाँ भूकंप का जोखिम बहुत अधिक है। साथ ही, तेज हवाएँ, ठंडा मौसम (तापमान -20ºC तक) और नदी की गहरी घाटी ने इंजीनियरों के सामने कई चुनौतियाँ खड़ी कीं। फिर भी, भारतीय रेलवे और कोणकण रेलवे कॉर्पोरेशन ने इस परियोजना को 2002 में शुरू किया और कई रुकावटों के बावजूद इसे अगस्त 2022 में पूरा किया। जिसमें कई भारतीय और विदेशी कंपनियों ने सहयोग दिया। रेल पटरियों का काम मार्च 2023 में खत्म हुआ, और पहला ट्रायल रन जून 2024 में हुआ।
डिज़ाइन और विशेषताएँ
Chenab Bridge का डिज़ाइन इसे और भी खास बनाता है। यह एक स्टील और कंक्रीट से बना आर्च ब्रिज है। इसके मुख्य मेहराब को स्टील के बक्सों से बनाया गया है, जिन्हें कंक्रीट से भरा गया है ताकि तेज हवाओं का सामना किया जा सके। यह पुल 260 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं और 8 तीव्रता के भूकंप को झेल सकता है। साथ ही, इसे विस्फोट-रोधी (ब्लास्ट-प्रूफ) बनाया गया है, जो इसे और सुरक्षित बनाता है। इसकी उम्र 120 साल तक की है, और यह 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों को सपोर्ट कर सकता है। पुल में 17 स्पैन हैं, और इसे बनाने में 25,000 टन स्टील और 46,000 घन मीटर कंक्रीट का उपयोग हुआ। इसकी नींव चट्टानों पर बनी है, और इसे 6 लाख बोल्ट से जोड़ा गया है। निर्माण के दौरान केबल क्रेन का इस्तेमाल किया गया, जो अपने आप में एक इंजीनियरिंग उपलब्धि थी।

चिनाब ब्रिज क्यों है खास?
Chenab Bridge दुनिया का सबसे ऊंचा सिंगल-आर्क रेलवे ब्रिज है, जो अब कश्मीर घाटी के लिए केवल एक पुल नहीं, बल्कि एक जीवन रेखा बन गया है। यह पुल जम्मू-कश्मीर को साल भर रेल नेटवर्क से जोड़ेगा (चाहे मौसम कैसा भी हो), जो पहले सर्दियों में बर्फबारी के कारण मुश्किल था। इस कनेक्टिविटी से क्षेत्र के आर्थिक विकास को नया बल मिलेगा, क्योंकि कृषि और औद्योगिक उत्पादों का परिवहन अब अधिक सुगम होगा। साथ ही, यह पर्यटन को भी प्रोत्साहन देगा, क्योंकि अब कश्मीर की खूबसूरत वादियों तक पहुँचना पहले से कहीं आसान हो जाएगा। इस ब्रिज पर वंदे भारत एक्सप्रेस और वंदे मेट्रो जैसी आधुनिक, हाई-स्पीड ट्रेनें चलेंगी, जो यात्रियों को एक शानदार और आरामदायक अनुभव देंगी। इन ट्रेनों से यात्रा का समय और खर्च दोनों में कमी आएगी, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों को लाभ होगा।
उद्घाटन और भविष्य
6 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पुल का उद्घाटन किया। इसके बाद से यह नियमित रेल यातायात के लिए खुल गया है। यह पुल न केवल भारत की इंजीनियरिंग क्षमता का प्रतीक है, बल्कि यह कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने का एक मजबूत कदम भी है। यह ब्रिज न सिर्फ रेल यातायात को आसान बनाएगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और व्यापार के नए अवसर भी लाएगा। इसके अलावा, यह ब्रिज पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र बनेगा, क्योंकि इसकी ऊंचाई और खूबसूरती देखते ही बनती है।
Chenab Bridge हिमालय की मुश्किल भौगोलिक परिस्थितियों में बना है, जहां बिजली और पानी की व्यवस्था भी एक चुनौती थी। इसके बावजूद, भारतीय इंजीनियरों ने इसे पूरा करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। यह ब्रिज न सिर्फ भारत की इंजीनियरिंग ताकत को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत कैसे अपने सपनों को हकीकत में बदल रहा है।