Delhi Hospital Case News: दिल्ली के नामी अस्पतालो में से एक अस्पताल डॉ राम मनोहर लोहिया के खिलाफ सीबीआई में एफआईआर दर्ज हुई है। एफआईआर में एक एजेंसी ने दावा किया है वहाँ के डॉक्टरो के साथ-साथ और भी कई लोग घूस लेकर बेड और अन्य सेवाएँ उपलब्ध करवाते है। साथ ही यह भी दावा किया गया है कि लेनदेन ढ़ंग से और बिना कोई दिक्कत के हो सके, उसके लिए उनके पास यूपीआई भी मौजूद है।
अस्पताल जिसे लोग मंदिर और वहाँ के डॉक्टरो को सब लोग भगवान समान समझते है। जहाँ सबको नया जीवन मिलता है। अब वहाँ भी भ्रष्टाचार और घूसखोरी का राज फैल गया है।
असल में, यह मामला दिल्ली के नामी अस्पतालो में से एक अस्पताल डॉ राम मनोहर लोहिया का है। जिसको लेकर कहा जा रहा है कि वहाँ का पूरी व्यवस्था भ्रष्टाचार और घूसखोरी से भर गई है। इसको लेकर सीबीआई में एफआईआर भी दर्ज करवाई गई है। एफआईआर में कहा गया है कि- अगर वहाँ के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर पर्वतगौड़ा चन्नप्पागौड़ा और अजय राज को 20 हजार रुपये की घुस नहीं दी जाती थी, तो वह गर्भवती को वार्ड से बाहर निकाल देते थे। यही नहीं वहाँ के चपरासी भुवाल और नर्स शालू लोगो को धमकाते हैं। लेनदेन ढ़ंग से और बिना कोई दिक्कत के हो सके, उसके लिए उनके पास यूपीआई का विकल्प भी मौजूद है।
इस मामले में सीबीआई ने 11 व्यक्तियों और 4 फर्मों का नाम लिखा है। जिनमें से 6 अस्पताल कर्मचारी, 1 दलाल और 4 मेडिकल उपकरण सप्लायर शामिल है।
अस्पताल में घूसखोरी
आरएमएल अस्पताल में घूसखोरी को लेकर जिस एजेंसी ने एफआईआर करवाई है। उसने दावा किया है कि डॉक्टर पर्वतगौड़ा चन्नप्पागौड़ा ने मेडिकल सप्लायर को जल्द से जल्द रिश्वत देने के लिए कहा था।
एजेंसी ने आगे दावा किया है कि 2 मई को डॉक्टर पर्वतगौड़ा ने नागपाल नाम के व्यक्ति से 2.48 लाख रुपये की रिश्वत माँगी थी। जिसे मंगलवार तक देने का वादा नागपाल ने किया था।
आपको यह भी बता दे कि एजेंसी ने एफआईआर में फिक्स रेट चार्ट की भी बात कही है। एजेंसी ने कहा है कि- क्लर्क संजय 100 रुपये में अराम से एक दिन की रेस्ट का मेडिकल सर्टिफिकेट बनावा देता है। 700 में सात दिन और 300 में तीन।
साथ ही सीबीआई के मुताबिक चपरासी भुवाल जायसवाल रिश्वत लेकर मनचाहे दिन डॉक्टर का अपॉइंटमेंट दिलवा देता है। इसके साथ भुवाल और भी कई सुविधाएँ उपलब्ध करवा देता है।