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Delhi MCD Parking Tender: सॉफ्टवेयर की मदद से एमसीडी करेगी कंट्रोल “423 पार्किंग स्थलो की ओवरलॉड समस्या”, रीयल टाइम मैपिंग देख सकेगे।

दिल्ली पुलिस से एनओसी मिलने के बाद ही इन पार्किंग साइट्स का निकलेगा टेंडर। सॉफ्टवेयर की मदद से वाहन चालकों को होगी सहूलियत।

Delhi MCD Parking Tender:

दिल्ली नगर निगम बहुत ही जल्द दिल्ली की सभी की पार्किंग साइट्स को ऑटोकैड सॉफ्टवेयर की मदद से मैप में दर्ज करेगी। इन पार्किंग साइट्स का टेंडर भी लोकल पुलिस से एनओसी लेने के बाद निकलेगा। इसके जरिए दिल्ली नगर निगम और दिल्ली पुलिस को अपनी पार्किंग को सही से संचालित करने में मदद होगी। मााना जा रहा है कि चुनाव के बाद एनओसी मिल सकता है। इसकी मदद से पार्किंग में पारदर्शिता लाने का प्रयास किया जा रहा है।

दिल्ली नगर निगम बहुत ही जल्द दिल्ली की सभी की पार्किंग साइट्स को ऑटोकैड सॉफ्टवेयर की मदद से मैप में दर्ज करेगी। माना जा रहा है कि इससे अनधिकृत पार्किंग को अधिकृत पार्किंग में बदलने में मदद होगी। ऑटोकैड सॉफ्टवेयर की मदद से एमसीडी के पास हर समय रीयल टाइम थ्री-डी रंगीन मैप मौजूद होगा। साथ ही इन पार्किंग साइट्स का टेंडर भी लोकल पुलिस से एनओसी लेने के बाद निकलेगा। इसके जरिए दिल्ली नगर निगम और दिल्ली पुलिस को अपनी पार्किंग को सही से संचालित करने में मदद होगी। निगम ने उम्मीद जताई है कि इससे भविष्य में पूरी दिल्ली में अनधिकृत पार्किंग साइट्स का सिलसिला बंद हो जाएगा

Delhi MCD Parking Tender
Delhi MCD Parking Tender

निगम ने बताया कब मिलेगा एनओसी

दिल्ली में कार पार्किंग की कमी एक बहुत गंभीर समस्या है। अभी वर्तमान में निगम के पास पूरी दिल्ली में 423 स्थलीय पार्किंग हैं। लेकिन यह भी दिल्लीवालो के लिए पर्याप्त नहीं हैं। साथ ही आपको बता दे कि- दिल्ली नगर निगम ने दिल्ली में पार्किंग की कमी पूरा करने के लिए पहली बार एक साल में 55 नए पार्किंग प्लेस खोले हैं। एमसीडी ने यह भी बताया है कि वह लोग इसपर काम कर रहे है। पार्किंग स्थलों की संख्या को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास भी किये जा रहे है।
आपको बता दे कि- एमसीडी के पास पिछले साल तक केवल 368 अधिकृत पार्किंग मौजूद था। अभी ऑटोकैड मानचित्र में 36 नए पार्किंग स्थलों को दर्ज किया गया है, और अब पुलिस से एनओसी मिलने का इंतजार किया जा रहा है। मााना जा रहा है कि चुनाव के बाद एनओसी मिल सकता है। एनओसी मिलने के बाद ही टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू की जाएगी। साथ ही 16 और ऐसी जगह की पहचान हुई है। जिसे जल्द ही एमसीडी अधिकृत पार्किंग स्थल में बदलने की प्रक्रिया शुरु करेगी।
दिल्ली नगर निगम अपने इस प्रयास से न केवल फास्टैग पार्किंग इकोसिस्टम को तैयार कर रही है। बल्कि सभी पार्किंग में पारदर्शिता लाने का प्रयास भी कर रही है। इससे वाहन चालकों को बहुत सहूलियत मिलेगी। और पहले से ही भरे हुए पार्किंग स्थलों में ओवर पार्किंग की समस्या नहीं होगी।

ऑटोकैड मैप सॉफ्टवेयर

पार्किंग साइट्स को पहचानने में उपयोग होनेवाला ऑटोकैड मैप सॉफ्टवेयर एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जिसका उपयोग किसी भी जगह की मैपिंग, जीआईएस जानकारी को इकट्ठी करने के लिए और ऑटोकैड ड्राइंग करने के लिए की जाती है। आपको बता दे कि कैड-अर्थ के एआई की मदद से तो धरती के किसी भी हिस्से की हाई रिजॉल्यूशन कलर फोटो देखी जा सकती है। इसी कारण एमसीडी ने भी इस एआई टूल का इस्तेमाल पार्किंग स्थलों की रीयल टाइम मैपिंग करने के लिए शुरू कर दिया है।

 

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