2020 Delhi riots: जामिया मिलिया इस्लामिया एरिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में दिए कथित तौर पर भड़काऊ भाषण के आरोप में, 4 साल से सजा काट रहे आरोपी शजील इमाम को दिल्ली हाई कोर्ट की तरफ से ज़मानत मिल गई है। राजद्रोह के मामले में आरोपी शजील इमाम को दिल्ली पुलिस ने जनवरी 2020 में गिरफ्तार किया था।
कड़कड़डूमा हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी मांग।
दिल्ली करकर्डूमा कोर्ट ने फरवरी में शजील इमाम की वैधानिक जमानत देने की मांग को खारिज़ कर दिया था। इसके बाद शजील ने दिल्ली हाई कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी।
शजील इमाम के खिलाफ दर्ज केस
एडिशनल सेशन जज अमिताभ रावत ने शजील इमाम के खिलाफ आईपीसी एक्ट 124A देशद्रोह, 153A, 153 B, 505 और UAPA की धारा के तहत आरोपी करार दिया था। शजील इमाम को बिहार के जहानाबाद से साल 2020 में गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही शाहीन बाग प्रदर्शन का प्रमुख आयोजक कर्ता था
मालूम हो, जमानत के बावजूद भी इमाम UAPA मामले के तहत जेल में ही रहेगी। शजील के ऊपर कई मामले दर्ज हैं। जिसमें हिंसा के साथ ही बड़ी साजिश रचने के भी आरोप है। मामले में भी सजल इमाम न्यायिक हिरासत में है।
क्या आरोप है शजील अहमद पर
दिल नहीं जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भाषण दिए थे।
जिसमे उसने कहा था की भारत में असम को अलग कर देना चाहिए।
शजील ने कहा कर्ता था – “अगर हम असम की मदद करना चाहते हैं तो हमें भारतीय सेना और सप्लाई के लिए असम का रास्ता रोकना होगा। चिकन नेक मुसलमान का है।”
क्या है चिकन नेक?
पूर्वोत्तर राज्यों को जोड़ने वाला 22 की.मी का हाईवे है।
कई राज्यों में गिरफ्तार करने की मांग उठी।
वीडियो सामने आने के बाद शजील की हर जगह चर्चा होने लगी जिसके बाद शजील के खिलाफ असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, उत्तर प्रदेश, दिल्ली सहित कई राज्यों में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई।