Difference Between EPF GPF And PPF Accounts:-अगर आप Provident Fund (पीएफ) में निवेश करके अच्छे रिटर्न पाना चाहते हैं, तो आपको इन तीन प्रकार के अकाउंट्स – EPF (Employees’ Provident Fund), GPF (General Provident Fund), और PPF (Public Provident Fund) – के बारे में जानना जरूरी है। आइए हम इन तीनों खातों के बीच के अंतर को विस्तार से समझते हैं।
Difference Between EPF GPF And PPF Accounts – Highlights
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1. EPF (Employees’ Provident Fund)
- किसके लिए: EPF मुख्य रूप से निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए है।
- कौन निवेश कर सकता है: कोई भी निजी कंपनी का कर्मचारी, जिसे EPFO द्वारा कवर किया गया है।
- अंशदान: कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान होता है। कर्मचारी अपनी सैलरी का 12% EPF में जमा करता है और नियोक्ता भी इसी के बराबर का योगदान देता है।
- ब्याज दर: ब्याज दर हर साल बदलती रहती है और सरकार इसे तय करती है। हाल की दर 8.15% (2023-24) है।
- लाभ: यह योजना रिटायरमेंट के समय वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।
- टैक्स बेनिफिट्स: EPF में किया गया अंशदान सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट का पात्र है।
2. GPF (General Provident Fund)
- किसके लिए: GPF केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है।
- कौन निवेश कर सकता है: केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी जो 2014 से पहले सरकारी सेवा में आए हैं।
- अंशदान: कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का कुछ प्रतिशत इसमें जमा कर सकता है। नियोक्ता का कोई योगदान नहीं होता।
- ब्याज दर: GPF पर ब्याज दर सरकार तय करती है और वर्तमान में यह 7.1% है।
- लाभ: यह योजना सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।
- टैक्स बेनिफिट्स: GPF अंशदान पर भी सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है।
3. PPF (Public Provident Fund)
- किसके लिए: PPF आम जनता के लिए खुला है, चाहे वह सरकारी कर्मचारी हो, निजी कर्मचारी हो या फिर कोई स्वरोजगार कर रहा हो।
- कौन निवेश कर सकता है: कोई भी भारतीय नागरिक PPF अकाउंट खोल सकता है। NRI और HUF इसके लिए पात्र नहीं हैं।
- अंशदान: सालाना न्यूनतम 500 रुपये से लेकर अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं।
- ब्याज दर: PPF पर ब्याज दर हर तिमाही सरकार द्वारा तय की जाती है, जो वर्तमान में 7.1% है।
- लाभ: यह लंबी अवधि के निवेश के लिए एक सुरक्षित विकल्प है, जिसमें 15 साल की लॉक-इन अवधि होती है।
- टैक्स बेनिफिट्स: PPF में निवेश पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है, और मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि पूरी तरह से टैक्स फ्री होती है।
Quick Comparison
Feature | EPF | GPF | PPF |
---|---|---|---|
कौन पात्र है | निजी क्षेत्र के कर्मचारी | सरकारी कर्मचारी | कोई भी भारतीय नागरिक |
अंशदान | कर्मचारी और नियोक्ता | केवल कर्मचारी | स्वयं द्वारा |
ब्याज दर | 8.15% | 7.1% | 7.1% |
टैक्स छूट | सेक्शन 80C के तहत | सेक्शन 80C के तहत | सेक्शन 80C के तहत |
लॉक-इन अवधि | रिटायरमेंट तक | रिटायरमेंट तक | 15 साल |
निष्कर्ष
EPF, GPF, और PPF तीनों ही Provident Fund योजनाएं हैं, लेकिन इनका उद्देश्य और पात्रता अलग-अलग है। EPF निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए है, GPF सरकारी कर्मचारियों के लिए, जबकि PPF हर नागरिक के लिए खुला है। निवेश करने से पहले अपनी आवश्यकताओं के अनुसार योजना का चयन करें।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी होगी
FAQ’s – Difference Between EPF, GPF, and PPF Accounts
1. What is the difference between EPF, GPF, and PPF?
The key differences are:
- EPF (Employees’ Provident Fund): For private sector employees, where both the employer and employee contribute.
- GPF (General Provident Fund): Exclusively for government employees, where only the employee contributes.
- PPF (Public Provident Fund): Open to all individuals, regardless of profession, allowing self-contribution.
2. Can I open a PPF account if I have a GPF account?
Yes, you can open a PPF account even if you have a GPF or EPF account. There is no age restriction for opening a PPF account. However, NRIs and HUFs are not eligible to open one. Parents or guardians can also open PPF accounts for minors.