फीस ना देने पर 14 बच्चों को दिया टीसी, अभिभावकों ने किया विरोध प्रदर्शन, हर साल फीस बढ़ाने का भी लगाया आरोप।
Delhi News: डीपीएस द्वारका ने 14 बच्चों को स्थानांतरण प्रमाणपत्र देकर स्कूल से निकाल दिया है। क्योंकि उन्होंने फीस जमा नहीं किया था। इस कदम से बच्चों के माता-पिता बहुत ना खुश है। मंगलवार को उन्होंने इसका विरोध प्रदर्शन करते हुए वापस दाखिले की माँग की। इस मामले को सुलझाने को लेकर शिक्षा निदेशक ने आश्वाशन दिया है। टीसी वापस लेने को लेकर डीडीई जोन ने पत्र भी स्कूल प्रबंधन को भेजवा दिया गया है। इससे पहले भी अभिभावको ने स्कूल पर आरोप लगाया था कि स्कूल ने कोविड के दौरान भी अपनी फीस बढ़ाई थी।
विद्यालय जहाँ बच्चों का उज्ज्वल भविष्य बनाना जाता है। जहाँ भारत देश को आगे संभाल कर चलाने वाले लीडर्स को तैयार किया जाता है। वह शिक्षा का मंदिर अब व्यापार का अड्डा बन गया है। जहाँ स्कूल की फीस ना देने पर बच्चों के भविष्य को टीसी दे कर नष्ट कर दिया जाता है।
ऐसा ही एक मामला दिल्ली के नामी स्कूलो में से एक डीपीएस द्वारका से सामने आ रहा है। जहाँ 14 बच्चों को स्थानांतरण प्रमाणपत्र यानी टीसी दे दिया। इनका नाम के इसलिए काटा गया क्योंकि उन्होंने फीस जमा नहीं किया था। स्कूल से निकाले गए बच्चों में आठवीं से छोटी कक्षाओं के छात्र भी शामिल है। पाठशाला के इस कदम से बच्चों के माता-पिता बहुत ना खुश है। मंगलवार को उन्होंने इसका विरोध प्रदर्शन करते हुए वापस दाखिले की माँग की। साथ ही निकाले गए बच्चों के माता-पिता, दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन के साथ शिक्षा निदेशक से मिले। शिक्षा निदेशक ने स्कूल के इस कदम पर दिल्ली शिक्षा निदेशालय से स्कूल को पत्र लिखवा कर स्थानांतरण प्रमाणपत्र वापस लेने को कहा है।
डीपीएस द्वारका पर पहले भी लगे कई आरोप
जहाँ अभी डीपीएस द्वारका पर 14 बच्चों को स्थानांतरण प्रमाणपत्र देने का मामला सामने आया है। वही इससे पहले भी अभिभावको ने स्कूल पर आरोप लगाए है। यह आरोप स्कूल में फीस बढ़ाने को लेकर लगाए गए है। असल में, डीपीएस द्वारका पर यह आरोप है कि स्कूल ने कोविड के दौरान भी अपनी फीस बढ़ाई थी। तब भी अभिभावकों ने अपना विरोध प्रदर्शन किया था और तभी से यह विरोध प्रदर्शन हर वर्ष होते आ रहे है।
विरोध प्रदर्शन को लेकर दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने मीडिया के सामने अपनी बात को बताया कि- स्कूल में अभी तक 93 हजार रूपये सालाना फीस होती थी। लेकिन अब स्कूल ने उस फीस को बढ़ाकर 1 लाख 80 हजार की माँग कर रहे है।
साथ ही आगे कहा कि-इस तरह से फीस बढ़ोतरी अवैध है। स्कूल गलत तरीके से फीस की माँग कर रहा है।
स्कूल की ओर से नोटिस
आपको बता दे कि स्कूल 14 बच्चों को निकाले से पहले 80 छात्रों के माता पिता को फीस के लिए रिमाइंडर दिया था। फिर कारण बताओ नोटिस भी जारी किये गए थे, और अब स्कूल ने 14 बच्चों के नाम काट दिये है। छात्रों के माता पिता बच्चों को इस तरह से निकाले देने और फीस बढ़ोतरी को लेकर चिंता में है। यह एक तरह से मानसिक प्रताड़ना है।
पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने बताया है कि- इस मामले को सुलझाने को लेकर शिक्षा निदेशक ने आश्वाशन दिया है। साथ ही टीसी वापस लेने को लेकर डीडीई जोन से कहकर पत्र भी स्कूल प्रबंधन को भेजवा दिया गया है।