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Education Budget 2024: स्कूली शिक्षा का बजट 19.56 , उच्च शिक्षा का 8 फीसदी बढ़ा, UGC के लिए भी 9 फीसदी अधिक आवंटन.

Budget 2024: UGC का बजट पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 के 17,473 करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 19,024 करोड़ रुपये तक कर दिया गया है। UGC चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार के मुताबिक, इसमें 9 प्रतिशत की वृद्धि करी गई है।

Education Budget 2024: UGC का बजट पिछले वित्तीय वर्ष के 17,473 करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 19,024 करोड़ रुपये तक कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा के कुल बजट में करीब 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तीन नए केंद्र बनाने के लिए 255 करोड़ रुपये का प्रावधान को भी जारी किया गया है। स्कूली शिक्षा के बजट में इस बार 19.56 प्रतिशत और बढ़ोतरी हुई है।

स्कूली शिक्षा के लिए पिछले वर्ष 2023-24 की तुलना में इस साल 12,024 करोड़ रुपये इस बजट में अधिक मिले हैं। स्कूली शिक्षा को 73,498 करोड़ रुपये और उच्च शिक्षा के लिए 47,619 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं।

IIT के बजट में 841 करोड़ की गई बढ़ोतरी

IIT के बजट में 841 करोड़, Deemed University में 96 करोड़, NIT को 219.40 करोड़,IISER को 78 करोड़, IISC को 63.37 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, इंस्टीट्यूट ऑफ ऐमिनेंस के बजट में 300 करोड़, राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना में 600 करोड़, मल्टी डिस्पिलनरी एजुकेशन एंड रिसर्च इंप्रूवमेंट इन टेक्निकल एजुकेशन के लिए 100 फीसदी तक की बढ़ोतरी के साथ 200 करोड़ रुपये दिये गए हैं।

Samagra Shiksha में 4,500 करोड़ अधिक मिले

पिछले साल की तुलना में समग्र शिक्षा में 4,500 करोड़, PM पोषण में 2,467 करोड़, PM श्री योजना में 3,250 करोड़ रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है।

  • केंद्रीय विद्यालय (Kendriya Vidyalaya) को 802 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 9,302 करोड़ तक और नवोदय विद्यालय समिति को 330 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 5,800 करोड़ रुपये तक इस साल के बजट में मिले हैं।
  • आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) के 3 नए सेंटर बनाने के लिए 255 करोड़ रुपये का प्रावधान।
  • राष्ट्रीय डिजिटल यूनिवर्सिटी (National Digital University) के लिए पहली बार 100 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ।
  • नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (National Institutional Ranking Framework) के लिए 5 करोड़ आवंटित हुए।

विदेश में रहने वाले भी बड़े आसानी से प्रशिक्षण ले सकेंगे सरकारी कर्मचारी

अब भारत के सरकारी कर्मचारियों को विदेश में प्रशिक्षण प्राप्त करने में कोई भी परेशानी नहीं आएगी। इसके लिए 309.74 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं। यह आवंटन चालू वित्त वर्ष के लिए कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के लिए निर्धारित 2,328.56 करोड़ रुपये के तहत मिले है।

कुल 309.74 करोड़ रुपये में से 103.05 रुपये प्रशिक्षण प्रभाग, सचिवालय प्रशिक्षण और प्रबंधन संस्थान (ISTM) और लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) के लिए हैं। वहीं, प्रशिक्षण योजनाओं के लिए 120.56 रुपये और सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम या मिशन कर्मयोगी के लिए 86.13 करोड़ रुपये मिले हैं।

कार्मिक मंत्रालय के अधीन प्रशिक्षण प्रभाग, दिल्ली में ISTM और मसूरी स्थित LBSNAA फाउंडेशन कोर्स, पुनश्चर्या पाठ्यक्रम, मध्य-कॅरिअर प्रशिक्षण आदि सहित कई कार्यक्रमों की व्यवस्था भी करते हैं, ताकि सचिवालय के पदाधिकारियों के सभी स्तरों/ग्रेडों को नवीनतम नियम और विनियम, योग्यता आदि का पर्याप्त अनुभव को मुहैया कराया जा सके।

सबसे बड़ी नौकरशाही सुधार पहल कहे जाने वाले मिशन कर्मयोगी (Mission Karmayogi) का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को अधिक रचनात्मक, पेशेवर, सक्रिय और तकनीक के लिए सक्षम बनाना है ।

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Shahnawaz Sharif

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