Power Tariff Increased in Kerala: बिजली बिल बढ़ने से जनता पर बढ़ा आर्थिक बोझ
Electricity Rate:- केरल में अब बिजली का उपयोग करना जनता के लिए और महंगा हो गया है। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बिजली दरों में 16 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की घोषणा की है। यह नई दरें 5 दिसंबर 2024 से लागू होंगी। साथ ही, अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 में भी 12 पैसे प्रति यूनिट की और वृद्धि की जाएगी।
2016 से अब तक 5वीं बार बढ़ी दरें
पिनाराई विजयन सरकार के 2016 में सत्ता में आने के बाद से यह बिजली दरों में पांचवीं बार बढ़ोतरी है। इससे जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ा है।
- बिजली की बढ़ती कीमतें केरल के उपभोक्ताओं के लिए एक चिंता का विषय बन गई हैं।
- बार-बार बढ़ती दरें आम नागरिकों के घरेलू बजट को प्रभावित कर रही हैं।
बिजली मंत्री का क्या कहना है?
बिजली मंत्री के कृष्णनकुट्टी ने इस वृद्धि को “न्यूनतम” बताया और कहा कि इससे आम नागरिकों पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा।
- KSEB (केरल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड) ने शुरुआत में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 37 पैसे प्रति यूनिट और 2025-26 के लिए 27 पैसे प्रति यूनिट वृद्धि का अनुरोध किया था।
- लेकिन इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने इसे घटाकर क्रमशः 16 पैसे और 12 पैसे प्रति यूनिट कर दिया।
किस पर लागू होगी टैरिफ बढ़ोतरी?
बिजली की दरों में बढ़ोतरी उन उपभोक्ताओं पर लागू होगी:
- जो हर महीने 40 यूनिट से ज्यादा बिजली का उपयोग करते हैं।
- जिनका कनेक्टेड लोड 1000 वाट से अधिक है।
सोलर एनर्जी उपभोक्ताओं को राहत
राज्य में सोलर एनर्जी की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कुछ उपभोक्ताओं को राहत देने की योजना बनाई है।
- जो ग्राहक हर महीने 250 यूनिट तक बिजली का उपयोग करते हैं, उन्हें दिन के समय बिजली पर 10% कम दर का लाभ मिलेगा।
बिजली की महंगाई पर राज्य सरकार का रुख
मंत्री कृष्णनकुट्टी ने कहा कि अगर बाहरी स्रोतों से खरीदी जाने वाली बिजली की लागत कम होती है, तो इसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाएगा।
- सरकार का दावा है कि यह वृद्धि बेहद जरूरी थी और इसे न्यूनतम रखा गया है।
- हालांकि, लगातार बढ़ती दरों ने जनता को परेशान कर दिया है।
भविष्य की योजनाएं
KSEB ने वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए भी 9 पैसे प्रति यूनिट की दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन इसे रेगुलेटरी कमीशन ने खारिज कर दिया है।
महंगाई का असर और समाधान
- महंगाई का असर:
- बढ़ी हुई बिजली दरें घरेलू और व्यावसायिक दोनों उपभोक्ताओं पर असर डालेंगी।
- छोटे व्यवसाय और मध्यम वर्गीय परिवार इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।
- समाधान:
- राज्य सरकार को नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर ध्यान देना होगा।
- सोलर पैनल और अन्य वैकल्पिक ऊर्जा साधनों को बढ़ावा देकर बिजली की बढ़ती लागत को नियंत्रित किया जा सकता है।
निष्कर्ष
बिजली दरों में बार-बार वृद्धि जनता के लिए चिंता का विषय बन गई है। हालांकि, सरकार ने इसे न्यूनतम बताते हुए राहत देने का आश्वासन दिया है, लेकिन इसका प्रभाव आम जनता पर जरूर पड़ेगा।
- आने वाले समय में यह देखना होगा कि सरकार और KSEB इस मुद्दे को कैसे हल करते हैं।
तौसीफ खान द्वारा प्रस्तुत।