Gautam Adani On US Bribery Case : गौतम अडानी ने जयपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमेरिका में लगे कथित रिश्वतखोरी के आरोपों पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बड़ी बात कही है।
अमेरिका में लगाए गए रिश्वतखोरी के कथित आरोपी के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी लेकिन कंपनी की ओर से स्टेटमेंट जारी कर इन आरोपों को निराधार बताए जाने के बाद शयरों में जारी गिरावट पर ब्रेक लगाव भी नजर आया था इस मामले में अब अदानी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अडानी ने बड़ी बात कही है उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान US Bribery Case पर बोलते हुए कहा कि हमने कई बार ऐसी चुनौतियों का सामना किया है और हर हमला हमें मजबूत बनाता है उन्होंने कहा कि आज के समय में नकारात्मक तेजी से फैलते हैं।
अदानी बोले ऐसा पहली बार नहीं है।
भारतीय अरबपति गौतम अडानी ने शनिवार को जयपुर में आयोजित 51वे रत्न एवं आभूषण पुरस्कारों में संबोधन के दौरान अमेरिका में लगाए गए आरोपों पर अपनी चुप्पी थोड़ी उन्होंने कहा यह पहली बार नहीं है जब हमने ऐसी चुनौतियों का सामना किया है अडानी ग्रुप से किसी का भी नाम FCPA मैं नहीं आया है और न्याय में बाधा डालने के किसी भी आप का सामना नहीं किया है उन्होंने आगे कहा कि इस तरह का हर हमला हमें मजबूत बनाता है हर भला हमारे लिए एक कदम है।
नेगेटिव खबरें तेजी से फैलती है।
गौतम अडानी ने आगे बोलते हुए कहा कि जैसा कि आप में से ज्यादातर लोगों ने बीते दो सालो से भी कम समय पहले पढ़ा या सुना होगा हमें अडानी ग्रीन एनर्जी को लेकर अमेरिका से आरोपी का सामना करना पड़ा लेकिन अडानी ग्रुप के किसी भी व्यक्ति पर एफसीपीए के उल्लंघन या न्याय में बाधा डालने की किसी भी साजिश का आरोप नहीं लगाया गया है उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में फैक्ट्स की तुलना में नकारात्मक तेजी से फैलती है लेकिन हम कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से काम करते हैं और मैं वैश्विक रेगुलेटरी के अनुपालन के लिए अपनी पूर्ण प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि करना चाहता हूं।
हिडेनबर्ग अटैक का भी किया अडानी ने जिक्र।
पोर्ट से लेकर एनर्जी सेक्टर तक में कारोबार करने वाले अडानी ग्रुप के अध्यक्ष ने अपने संबोधन के दौरान बीते साल अडानी ग्रुप पर अमेरिकी शॉर्ट सेलर फॉर हिडन विभाग रिसर्च द्वारा किए गए हमले का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले साल जनवरी में जब हम अपना फॉलो ओं पब्लिक आफरिंग शुरू करने की तैयारी कर रहे थे तभी हमें विदेश से शॉर्ट सेलिंग हमले का सामना करना पड़ा या कोई आम फाइनेंशियल अटैक नहीं था बल्कि या एक दौर हमला था और इसका मकसद हमारे द्वितीय स्थिरता को निराशा बनाने के साथ ही हमें राजनीतिक विवाद में घास जितना था लेकिन प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद हमारे सिद्धांतों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता मजबूत रही।
क्या है US से जुड़ा मामला।
बता दे न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में सुनवाई के दौरान गौतम अडानी की कंपनी पर उस में निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने और एक सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को मोटा रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है आप है कि 2020 से 2024 के बीच अदानी ग्रीन और एज्यूर पावर ग्लोबल को यह सोलर प्रोजेक्ट दिलाने के लिए गलत रूट से भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर यानी 2236 करोड़ रुपए की रिश्वत दी गई है।
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