Government Strictness on Employees Who Comes Late: देरी से आने वाले सरकारी बाबुओं पर सरकार ने सख्त नियम के आदेश जारी किये हैं। केंद्र सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों को सुबह 9.15 बजे तक ऑफिस पहुंचने का फरमान सुनाया है।
हाईलाइट्स
-सरकारी कर्मचारियों अब केवल 15 मिनट लेट हो सकते हैं।
-15 मिनट से ज्याद देरी होने पर लगेगा हाफ़ डे।
-नियम सीनियर और जूनियर्स सभी पर होगा लागू।
-छूट्टी लेने से पहले अपने सीनियर्स को इन्फॉर्म करना जरूरी।
-इमरजेंसी में भी आवेदन करना होगा।
– सभी को बायोमैट्रिक्स अटेंडेंस लगाना अब होगा अनिवार्य।
केंद्र के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) ने कहा है कि -अगर कर्मचारी सुबह 9.15 बजे तक ऑफिस नहीं पहुंचेते हैं तो उनका आधे दिन का अवकाश माना जाएगा। कर्मचारियों को बायोमेट्रिक सिस्टम से हाजिरी दर्ज करने को कहा गया है, जिसे वे कोविड के समय से ही सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।
सरकार ने साफ़ कर दिया है कि केवल 15 मिनट की देरी ही माफ की जाएगी। यदि किसी दिन किसी कारण से ऑफिस नहीं आ पाते हैं तो पहले से सूचना देकर आकस्मिक अवकाश का आवेदन करना होगा। अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है कि वे अपने वर्ग में कर्मचारियों की उपस्थिति और समय की पाबंदी पर नजर रखें।
सरकारी कार्यालय सुबह 9 बजे से शाम 5.30 बजे तक खुलते हैं, लेकिन जूनियर स्तर के कर्मचारियों का देर से आना और जल्दी चले जाना रोज का काम है। इससे पब्लिक को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है। वहीं, वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि उनके काम के घंटे निश्चित नहीं होते क्योंकि वे घर पर भी काम करते हैं।
यह नया आदेश 2014 में मोदी सरकार के लागू किये नियम की याद दिलाता है जब कर्मचारियों पर समय से आने के लिए सख़्ती की गई थी। जिसे कर्मचारियों ने यह कहकर विरोध किया था कि उन्हें लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।
इस आदेश के बाद अब सरकारी कर्मचारियों को समय की पाबंदी को ध्यान में रखना होगा। इससे सरकारी कामकाज में सुधार होगा। साथ ही इसका फायदा जनता को होगा।
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