मानसून में गुरुग्राम की जनता को करना पड़ता है अनेकों परेशानियों का सामना, पूरी व्यवस्था होती है अस्त-व्यस्त
Gurugram: मिलेनियम सिटी कहे जाने वाले गुरुग्राम में जहां एक ओर बड़ी बड़ी कंपनियां और बेहतर आधारभूत संरचना है, वही दूसरी ओर मानसून के समय में गुरुग्राम की हालत देखते ही बनती है। चारों ओर केवल पानी ही पानी नजर आता है। कुछ इलाकों में तो मानो बाढ़ ही आ जाती है। लोगों के लिए बारिश के समय घर से बाहर निकलना तक दूभर हो जाता है।
स्थिति इतनी भयावह हो जाती है कि घरों से बाहर लोगों के लिए घर पहुंच पाना किसी जंग लड़ने जैसा होता है। ऐसे में आम जन को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहां तक की कई लोगों की तो रोजी रोटी भी बारिश के समय छीन जाती है। हर साल बारिश का मौसम आते ही गुरुग्राम की हालत बद से बदतर हो जाती है। चारों तरफ केवल पानी का ही मंजर दिखाई देता है।
इतना ही नहीं जलभराव के कारण लोग अपने अपने वाहनों को बीच रास्ते में छोड़कर घरों की तरफ पैदल निकलने को मजबूर होते है। कुछ जगहों पर तो बारिश के बाद लोगों के खड़े रहने तक की जगह नहीं होती। मानसून के समय आने जाने का रास्ता पूरी तरह ठप्प रहता है।वही दूसरी ओर प्रशासन इसके लिए बिल्कुल भी सचेत नहीं दिखाई दे रहा।
कई बार प्रशासन को समस्या से अवगत करवाने के बावजूद की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। आगामी मानसून को लेकर भी प्रशासन की कोई खास तैयारियां देखने को नहीं मिल रही है। जीएमडीए द्वारा 14 अंडरपास पर बरसात के पानी की निकासी की जांच के लिए मॉक ड्रिल किए जाने की बात कही गई थी, लेकिन उसका भी कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है। स्पष्ट रूप में यदि कहें तो प्रशासन समस्या को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। जिसका खामियाजा सीधा सीधा आम जनता को भुगतना पडेगा।
इस मानसून में भी लोगों की समस्याएं कम होने की जगह बढ़ने वाली है। पानी निकासी की उचित व्यवस्था के लिए अब देखना यह होगा कि इस बार प्रशासन जलभराव की समस्या से निजात के लिए क्या कदम उठाता है। क्या इस बार मानसून से गुरुग्राम बच पाएगा या गुरुग्राम में पहले जैसे ही हालात बने रहेंगे।