Haryana Congress CM Opinion : कल हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने वाले कांग्रेस की पूर्ण बहुमत मिला है लेकिन अभी से कयास लगाए जा रहे हैं कि हरियाणा के अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा।
2005 के हरियाणा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 67 सीटे जीती थी और भजनलाल को मुख्यमंत्री बनना था लेकिन अंतिम क्षण में भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम मुख्यमंत्री के रूप में घोषित कर दिया गया एग्जिट पोल के नतीजे को देखते हुए यही क्यासबाजी एक बार फिर शुरू हो गई है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजे की झलक एग्जिट पोल में दिखाई दे रही है बस कल 8 अक्टूबर को वोटो की गिनती होना बाकी है लेकिन विपक्षी कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री पद की दौड़ पहले ही तेज हो गई है चुनाव प्रचार के दौरान ही नहीं वोटिंग के दिन भी वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने खुद को संभावित मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करना शुरू कर दिया था हालांकि सभी दावेदारों ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपना नाम रखते हुए एक बार जरूर कहे कि अगर पार्टी को बहुमत मिलता है तो कांग्रेस हाई कमान ही मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम फैसला लेगा।
इसमें कोई दो राय नहीं है हो सकती है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री उपेंद्र सिंह हुड्डा ने चुनाव अभियान का संचालन किया है अधिकतर टिकट भी उनके कहने से ही बांटे गए हैं जिस तरह पिता पुत्र भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा की जोड़ी 5 साल से मेहनत कर रही थी उसे देखते हुए मुख्यमंत्री पद की रेस में हुड्डा फैमिली ही नजर आती है।
हुड्डा को हरियाणा में नजरअंदाज करना कांग्रेस के लिए मुश्किल।
हरियाणा में कांग्रेस की अगर सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री पद के लिए जिसका नाम सबसे ऊपर चल रहा है वह है पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डापर जैसा कि कांग्रेस का इतिहास रहा है कि किसी भी राज्य में चुनाव जीतने के बाद वह चुनाव अभियान संचालक वाले नेता को मुख्यमंत्री पद जैसे पद के लिए कई बार इग्नोर कर चुकी है.
इस बार हुड्डा के साथ कुछ ऐसा संभव हो सकता है जैसे 2005 में भजनलाल के साथ हुआ था पार्टी या जानती है कि हरियाणा में बीजेपी से लोहा लेने के लिए आधार हुड्डा ने ही तैयार किया है हुड्डा ने इन चुनाव में मैनपॉवर मसल्स पावर और मनी पावर तीनों के जरिए पार्टी को मजबूत भेज दिया था जिसके साथ ही हुड्डा को नजरअंदाज करना इसलिए भी मुश्किल है।
सेलजा की उम्मीद कितनी।
अगर गांधी परिवार की निकटता हरियाणा में मुख्यमंत्री बनने की पहली शर्त हो तो समझना चाहिए कि मुख्यमंत्री कुमारी शैलजा ही बनेगी पर राजनीति इतनी आसान नहीं होती एक प्रमुख दलित चेहरा होने के साथ-साथ गांधी परिवार का उन पर भरोसा उन्हें भूपेंद्र सिंह हुड्डा का टॉप कंडेंटर बनता है संजय रहती है कि कांग्रेस मेरे व्यापक अनुभव और पार्टी के प्रति मेरी अटूट निष्ठा को नजरअंदाज नहीं कर सकती शैलजा कांग्रेस की वफादार सिपाही है और हमेशा कांग्रेस के साथ रहेगी सभी जानते हैं कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री का निर्णय पार्टी हाई कमान द्वारा ही दिया जाएगा।
रणदीप सुरजेवाला क्या डार्क हॉर्स है।
शनिवार को कैथल में अपने गृह क्षेत्र में मतदान करने के बाद राज्यसभा सांसद और महासचिव रणजीत सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने की महत्वपूर्ण कांच रखना गलत नहीं है हम राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन लड़के द्वारा मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए लिया क्या निर्णय स्वीकार करेंगे सूर्य वाला को उनके सहयोगियों द्वारा इस दौड़ में डार्क हॉर्स माना जा रहा है।
एक दलित नेता का नाम उभर कर आया है कांग्रेस ने।
कांग्रेस में आमतौर पर यह समझा जाता है कि राहुल गांधी हरियाणा उपेंद्र सिंह हुड्डा के बजाय कुमारी शैलजा को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं दरअसल राहुल के गुड बुक में बहुत पहले से से ही हुड्डा नहीं रहे हैं दूसरी बात यह भी है कि कांग्रेस उत्तर भारत में अपने आप को फिर से स्थापित करने के लिए अपने दलित कोर वोट को फिर से हासिल करना चाहती है जिस तरह बीएसपी कमजोर हुई है और साथ ही मायावती की जगह कोई अन्य नेता अभी तक नहीं ले सका है उसे देखते हुए कांग्रेस रणनीति रूप से ही अपने पूर्व वोटर को अपने साथ लाने के लिए हर व्यक्ति लगा रही है।
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