Heartwarming Father-Son Reunion: एक युवा जापानी व्यक्ति ने अपने भारतीय पिता को खोजने के लिए लंबा सफर किया और आखिरकार अमृतसर, पंजाब तक लम्बा सफ़र तय करने के बाद उनसे मिला भी। ये कहानी रोंगटे खड़े खड़े करने के लिए काफी है।
सुखपाल सिंह, जो अमृतसर के रहने वाले हैं। उनकी कहानी में मोड़ तब आता है जब 2002 में थाईलैंड में एक जापानी महिला से मिले। इस मुलाकात ने उनके जीवन को नया मोड़ दिया, और दोनों ने शादी कर ली। शादी के बाद, सुखपाल सिंह और उनकी पत्नी साची ने जापान के चिबा केन में रहना शुरू किया, जहां उनके बेटे रिन का जन्म 2003 में हुआ।
हालांकि, सुखपाल और साची के बीच संबंध कुछ सालों में खराब होने लगे। बढ़ती समस्याओं के कारण, दोनों युगल ने अलग होने का निर्णय लिया। परिणामस्वरूप, रिन, जो उस समय सिर्फ दो साल का था, अपने पिता से अलग हो गया और कभी अपने पिता का प्यार नहीं प्राप्त कर पाया। सुखपाल सिंह, जो 2007 में भारत लौट आए, अपनी पत्नी और बेटे से संपर्क नहीं कर सके। रिन ने अपने पिता की अनुपस्थिति में जीवन बिताया, लेकिन हमेशा उसके दिल में एक खालीपन बना रहा।
फैमिली ट्री प्रोजेक्ट ने प्रेरणा दी
समय के साथ, रिन बड़ा हुआ और उसने ओसाका यूनिवर्सिटी ऑफ आर्ट्स में पढ़ाई शुरू की। एक फैमिली ट्री प्रोजेक्ट के दौरान, रिन ने महसूस किया कि उसे अपनी माँ के परिवार के बारे में तो पता था, लेकिन अपने पिता के परिवार के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इसने उसे अपने पिता को खोजने की प्रेरणा दी। रिन ने अपने पिता को खोजने के लिए इंटरनेट का सहारा लिया। उसने गूगल मैप्स का उपयोग करके सुखपाल सिंह को ढूंढने की कोशिश की। उसकी मेहनत रंग लाई और वह 15 अगस्त को भारत पहुंचा। हालांकि उसने कई समस्याओं का सामना किया, लेकिन उसने अपने लक्ष्य को पूरा करने से पीछे नहीं हटा और 18 अगस्त को अपने पिता से मिलने में सफल रहा।
गूगल मैप्स की मदद से रिन ने अपने पिता को ढूंढा
पिता-पुत्र की यह मुलाकात अत्यधिक भावुक थी। सुखपाल सिंह ने बताया कि उनके बेटे ने उन्हें खोजने के लिए बहुत प्रयास किए। उसने उनकी तस्वीरों और लोगों से सवाल पूछते हुए जानकारी जुटाई। जब सुखपाल सिंह ने अपने बेटे को देखा, तो उनकी आंखों में आंसू थे। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि मैं अपने बेटे से मिल रहा हूं; यह एक सपना सा लगता है। मैंने हमेशा अपने बेटे से मिलने की इच्छा की, मैं उसे कभी नहीं भूल सकता।”
इस रीयूनियन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
अपने पिता के साथ अनुभव साझा करते हुए, रिन ने कहा कि उसने यह यात्रा इसलिए शुरू की क्योंकि वह अपने पिता के परिवार के बारे में अधिक जानना चाहता था। यह मुलाकात उनके लिए बहुत खास थी, क्योंकि उन्होंने लगभग दो दशकों के बाद एक-दूसरे को देखा। यह कहानी न केवल एक बेटे के अपने पिता के प्रति प्यार का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे प्रौद्योगिकी और संकल्प के माध्यम से अलग हुए परिवार के सदस्य पुनः मिल सकते हैं।
सुखपाल सिंह और रिन की कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने खोए हुए रिश्तेदारों को खोजने का सपना देखता है। यह घटना प्रमाण है कि समय और दूरी कितनी भी बड़ी हो, सच्चे रिश्ते कभी खत्म नहीं होते।
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