ICC Champions Trophy 2025 News : आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड चाहता है कि आईसीसी अपने राजस्व में भी पाकिस्तान के हिस्से को 5.75% से बढ़ा दे इसी पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चीफ मोहसिन इस पर अड़े हुए हैं।
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की मेजबानी पाकिस्तान को मिली थी मगर इसके वेन्यू और शेड्यूल पर सस्पेंस बरकरार है भारत सरकार ने इस टूर्नामेंट के लिए भारतीय टीम को पाकिस्तान भेजने की अनुमति नहीं दी है भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड बीसीसीआई ने पत्र लिखकर इस फैसले के बारे में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद आईसीसी को अवगत करा दिया है आईसीसी अब हाइब्रिड मॉडल के तहत इस टूर्नामेंट को कराने की प्लानिंग कर रहा है और इसी कड़ी में आईसीसी ने 29 नवंबर को दुबई में एक कार्यकारी बोर्ड की आपात बैठक भी बुलाई थी।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चीफ ने चैंपियंस ट्रॉफी पर दिया ये बयान।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इस बैठक में जोड़ देखकर कहा कि वह हाइब्रिड मॉडल के तहत टूर्नामेंट की मेजबानी करने के इच्छुक नहीं है लेकिन उसके तेवर अब नरम पड़ चुके हैं पीसीबी अब कुछ शर्तों के साथ हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार करने को राजी हो गया है पीसीबी के मोहसिन ने दुबई में पत्रकारों से कहा मैं इस पास ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि इससे चीज बिगड़ सकती हैं हमने अपना दृष्टिकोण आईसीसी को बता दिया है भारतीयों ने भी अपना दृष्टिकोण बता दिया है प्रयास या सुनिश्चित करना है कि सभी के लिए फायदा हो।
मोहसिन नक़वी ने आगे भी कहा क्रिकेट को जितना चाहिए यह सबसे महत्वपूर्ण है लेकिन सभी के सम्मान के साथ भी हम वही करेंगे जो क्रिकेट के लिए सबसे अच्छा होगा हम जो भी फार्मूला अपना आएंगे वह सामान शर्तों पर होगा पाकिस्तान का गौरव महोत्सव सबसे महत्वपूर्ण है हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि क्रिकेट जीते लेकिन पाकिस्तान का गौरव भी बरकरार रहे मेरा प्रयास किया सुनिश्चित करना है कि कोई एक तरफ व्यवस्था नहीं हो ऐसा नहीं होना चाहिए कि हम भारत जाए और वह हमारे देश में नहीं आए विचार यह है कि इसे हमेशा के लिए सम्मान शर्तों पर सुझाव लिया जाए।
यानी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के के के बयान से स्पष्ट है कि वह शर्तों के साथ ही हाइब्रिड मॉडल को अपनाएंगे पीसीबी चाहता है कि 2031 तक भारत में होने वाले आईसीसी टूर्नामेंट में भी यही व्यवस्था लागू हो खाने का अर्थ यह है कि पाकिस्तान इस अवधि के दौरान भारत आकर आईसीसी टूर्नामेंट में नहीं खेलना चाहता है भारत को 2031 तक आईसीसी के तीन पुरुष टूर्नामेंट की मेजबानी करनी है जिसमें श्रीलंका के साथ मिलकर 2026 T20 वर्ल्ड कप और साथ ही 2029 चैंपियंस ट्रॉफी और बांग्लादेश के साथ मिलकर 2031 वर्ल्ड कप का आयोजन भी है।
पीसीबी की इस शर्त से बिगड़ेगा खेल।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ये भी चाहता है कि आईसीसी मौजूद वृत्तीय चक्र में अपने राजस्व में उसके हिस्से को 5.75% से बढ़ा दे साथ ही पीसीबी के मोहसिन नक्वी इस पर अड़े हुए हैं लेकिन उन्होंने मेजबानी के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं मांगा है यह एक ऐसी शर्त है जो सारा गेम बिगाड़ सकती है बता दे कि आईसीसी के 4 साल (2024-2027) के लिए पहले ही अपने राजस्व का हिस्सा तय कर चुकी है।
क्या दुबई में भारतीय टीम के सभी मुकाबले होंगे।
पीसीबी ने यह भी चाहता है कि लाहौर को किताबी मुकाबले के लिए बैक पर के तौर पर रखा जाए और अगर भारत फाइनल में नहीं पहुंचता तो किताबी मुकाबला लाहौर में कराया जाए पाकिस्तान अगर हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार करता है तो भारत के मुकाबले दुबई में आयोजित किया जा सकते हैं जबकि बाकी मुकाबला पाकिस्तान में होंगे और पाकिस्तान के पास मेजबानी के अधिकार होंगे और अगर टूर्नामेंट को स्थगित किया जाता है तो साथ ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को 60 लाख डॉलर यानी की 50.73 करोड़ रुपए की मेजबानी शुल्क के साथ भी हाथ धोना पड़ेगा।
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