ICICI Bank के पूर्व Relationship Manager ने ₹4.58 करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया

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ICICI bank के पूर्व Relationship Manager ने ₹4.58 करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया

ICICI bank के पूर्व रिलेशनशिप मैनेजर ने बैंक और ग्राहकों को चकमा देकर ₹4.58 करोड़ रुपये का घोटाला किया है जिससे बैंकिंग क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। आरोपी मैनेजर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए ग्राहकों के विश्वास को तोड़ा और बैंकिंग नियमों का उल्लंघन करते हुए बड़ी रकम को चुरा लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी का नाम अमन शर्मा (परिवर्तित नाम) था जो दिल्ली स्थित एक शाखा में रिलेशनशिप मैनेजर था। बैंक ने ग्राहकों की शिकायतों और खाते के लेन-देन की जांच करते हुए घोटाले का शक व्यक्त किया. जांच में पता चला कि अमन ने कई बार फर्जी निवेश और ट्रांजैक्शन का सहारा लेकर लोगों से पैसे ऐंठे थे।

घोटाले का पर्दाफाश कैसे हुआ?

इस पूरे मामले की शुरुआत हुई जब कुछ ग्राहकों ने अपनी निवेश की गई रकम का पता लगाने के लिए बैंक से संपर्क किया। उन्हें पता चला कि उनके नाम पर कोई निवेश नहीं था जबकि उन्होंने अमन शर्मा को लाखों रुपये सौंपे थे। बैंक ने इन शिकायतों पर विचार करते हुए कई खातों की जांच की जिसमें एक बड़ा पैटर्न सामने आया। परीक्षण में पता चला कि अमन शर्मा ने ग्राहकों के नाम पर फर्जी निवेश किए और पैसे अपने या अपने सहयोगियों के खातों में ट्रांसफर करवाए। तुरंत कार्रवाई करते हुए बैंक की साइबर सिक्योरिटी टीम और फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन यूनिट ने मामले की गहन जांच शुरू की जिसमें ₹4.58 करोड़ की हेराफेरी की पुष्टि हुई। 

किस तरह का इस्तेमाल किया गया धोखाधड़ी का तरीका?

अमन शर्मा ने खासतौर पर उन ग्राहकों को निशाना बनाया जो निवेश के लिए बैंक पर पूरी तरह निर्भर रहते थे। वह उन्हें उच्च रिटर्न का लालच देकर उनसे बड़ी राशि लेता और फर्जी दस्तावेजों और ईमेल के जरिए यह दिखाता कि रकम सही जगह निवेश हो रही है।

ग्राहकों को दिए गए दस्तावेज इतने असली लगते थे कि कई महीनों तक किसी को शक नहीं हुआ। इसके अलावा, वह ग्राहकों को नियमित रूप से फर्जी स्टेटमेंट भेजता था, जिससे उन्हें लगता कि उनका पैसा सुरक्षित है और मुनाफा भी हो रहा है।

बैंक ने क्या जवाब दिया:

“हम अपने ग्राहकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। जैसे ही हमें इस धोखाधड़ी की जानकारी मिली हमने तुरंत आंतरिक जांच शुरू की और संबंधित अधिकारियों को निलंबित कर दिया। हम जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं” ICICI बैंक ने एक बयान में कहा। बैंक ने साथ ही ग्राहकों को भरोसा दिलाया कि इस घोटाले से नुकसान हुए लोगों को जल्द भरपाई मिलेगी।

पुलिस ने शिकायत की:

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने बैंक की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में IPC की कई धाराएं लगाई गई हैं जैसे धोखाधड़ी (धारा 420) आपराधिक विश्वासघात (धारा 406) और दस्तावेजों की जालसाजी (धारा 468 और 471) पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू कर दी है उसके बैंक अकाउंट्स संपत्ति और संभावित सहयोगियों की जांच भी की जा रही है। 

ग्राहकों की प्रतिक्रिया:

घोटाले का शिकार हुए कई ग्राहक सदमे में हैं। एक ग्राहक ने बताया, “मैंने अपनी रिटायरमेंट की पूरी पूंजी अमन के कहने पर निवेश की थी। वह बहुत भरोसेमंद लगते थे और बैंक का अधिकारी होने की वजह से हमने आंख बंद कर भरोसा किया। अब हम पूरी तरह टूट गए हैं।”

एक अन्य महिला ग्राहक ने कहा, “हमने सोचा भी नहीं था कि बैंक का कोई कर्मचारी इस तरह से विश्वासघात करेगा। हमें उम्मीद है कि बैंक और पुलिस हमें न्याय दिलाएंगे।”

पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले:

यह पहला मौका नहीं है जब किसी बैंक अधिकारी ने इस तरह का घोटाला किया हो। इससे पहले भी कई निजी और सरकारी बैंकों में ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी के मामले सामने आ चुके हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस तरह की घटनाएं बैंकिंग व्यवस्था पर लोगों का भरोसा कमजोर करती हैं। जरूरी है कि बैंक आंतरिक निगरानी तंत्र को और मजबूत करें और ग्राहकों को समय-समय पर निवेश की पूरी जानकारी दें। 

क्या कहना है विशेषज्ञों का? 

वित्तीय मामलों के जानकारों का मानना है कि इस मामले से सबक लेते हुए बैंकों को तकनीकी निगरानी को और तेज करना चाहिए। साथ ही ग्राहकों को भी सतर्क रहना चाहिए और किसी भी निवेश से पहले सभी दस्तावेजों की जांच खुद करनी चाहिए। 

निष्कर्ष:

ICICI बैंक के इस मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वित्तीय संस्थानों में ट्रांसपेरेंसी और निगरानी कितनी जरूरी है। जहां एक तरफ बैंक को अपने कर्मचारियों पर नजर रखने की जरूरत है, वहीं ग्राहकों को भी पूरी जानकारी और सतर्कता के साथ निवेश करना चाहिए। जांच एजेंसियां इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही हैं और उम्मीद की जा रही है कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

अधिक जानकारी सीधे आधिकारिक स्रोत से प्राप्त कर सकें:

https://www.icicibank.com/aboutus/news-room

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