Impact Of Seasonal Changes on Blood Pressure: सीजनल चेंजेज का हेल्थ पर असर पड़ सकता है। मौसम बदलते समय कई तरह की बीमारियाँ होने का डर बना रहता है। जैसे पानी से होने वाली बीमारियां, मच्छरों से होने
वाली, और फ्लू शामिल हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि सीजनल चेंजेज का असर दिल पर भी पड़ता है साथ ही इससे हाई ब्लड प्रेशर साथ ही और भी दिल से जुड़ी बीमारियाँ हो सकती हैं? “मॉनसून का अपना अलग महत्व बढ़ जाता है, उसके अलग तरीके की जलवायु विशेषताओं से जो स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें बड़ा सकता है खासकर खासकर ब्लड प्रेशर से जुड़ी हुईं समयाएं।”
बदलते मौसम के चलते ब्लड प्रेशर में पड़ने वाले असर का विज्ञान क्या है?
ब्लड प्रेशर रेगुलेशन काफी विस्तृत प्रक्रिया है। जिसमें टेंपरेचर, मॉइश्चर और बेरोमीट्रिक प्रेशर से गुज़र कर जाती है।
अलग अलग रिसर्च से पता चला है कि ये कारक मौसम में होने वाले बदलावो के साथ बदलते हैं, जिससे दिल की सेहत पर असर पड़ता है। मॉनसून
में मॉइश्चर और टेंपरेचर का बढ़ना सेंसिटिव लोगों में ब्लड प्रेशर के लेवल पर असर डाल सकता है।
मॉनसून का ब्लड प्रेशर पर असर
मॉनसून का ब्लड प्रेशर पर क्या असर होता है?
तापमान और नमी:
मॉनसून में नमी और चिचिप बढ़ जाती है। तापमान लगातार घटता बढ़ता रहता है। हाई टेंपरेचर से रक्त वाहिकाओं यानी ब्लड वेसल्स एक्सप्लोड (वसोडिलेशन) हो सकती है, जिससे ब्लड प्रेशर में अस्थायी रूप से गिर सकता है। वहीं, ज्यादा ह्यूमिडिटी से डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस हो सकते है, जिससे ब्लड प्रेशर का उपर नीचे जाना जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
बैरोमीटर प्रेशर:
मॉनसून में हमारे आस पास के वातावरण में बदलाव आम बात है, जिससे ब्लड प्रेशर पर असर पड़ सकता है। बैरोमीटर प्रेशर में अचानक गिरावट से वसोडिलेशन और ब्लड प्रेशर में कमी हो सकती है, जिससे हार्ट डिजीज वाले लोगों को दिक्कत हो सकती है।
खतरों को कैसे किया जा सकता है कम करने …
सीजनल चेंजेज का ब्लड प्रेशर पर असर कम करने के लिए अवेयर नेस को बढ़ाना होगा और प्रिकॉशंस लेने होंगे।
लगातार जांच करें:
जिनलोगो को पहले से ब्लड प्रेशर से जुड़ी हुई दिक्कतें हैं वे अपनी जांच लगातार करते रहें।
हाइड्रेशन:
चाहे कोई भी मौसम क्यों न हो, खुद को हाइड्रेट रखना हमेशा ही बेहद जरूरी होता है। भरपूर मात्रा में पानी पीएं, इसेआप किसी तरह के इन्फेक्शन को भी रोक सकते हैं।
हेल्थी लाइफस्टाइल:
बैलेंस डाइट, फिजिकल एक्टिविटीज, या फिर थोड़ी देर टहलें, मेडिटेशन इन आदतों को अपनाने से आपकी उम्मीद से ज्यादा फायदा होगा।
मेडिकल एडवाइस:
इसे लोग जो पहले से ही ऐसी बीमारियों से जूझ रहे हैं जो काफी लंबे समय से चली आ रही हैं। अनलोगो को इस मौसम में अपने डॉक्टर से सलाह लेते रहना चाहिए। साथ ही किसी भी तरह के बदलावों या छोटी लगने वाली दिक्कत को अनदेखा न करें।
मौसम में होने वाले बदलावों से हम थोड़ी सी सावधानियां बरत कर खोद को सुरक्षित रख सकते हैं। साथ ही किसी भी तरह की दिक्कत को नज़र अंदर बिलकुल भी न करें। ये आगे चलकर काफ़ी भयावह रूप ले सकती है। याद रखें अगर बीमारी का पता शुरू में ही चल जाए तो उसे ठीक करना काफी हद तक आसान हो सकता है।
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