Independence day PM Modi : लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेकुलर सिविल कोड को देश की जरूरत बताई।
उन्होंने कहा कि बांटने वाले कानून को समाज से दूर किया जाना चाहिए पीएम मोदी पहले भी सम्मान नागरिक संहिता की बात कर चुके हैं ऐसे में जानते हैं कि अगर इसे लागू किया जाता है तो इस से क्या बदलाव आएगा।
लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी की 78वीं सालगिरह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से भाषण देते हुए एक बार फिर समान नागरिक संहिता का जिक्र किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो भीं कानून धर्म के नाम पर बनते हैं उन्हें इससे दूर ही जाना चाहिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने भी बार-बार सम्मान नागरिक संहिता को लेकर चर्चा की है वह अनेक बार भी आदेश दिए हैं क्योंकि इस देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है कि जिस सिविल कोड को लेकर हम जी रहे हैं वह सचमुच में एक कम्युनल और भेदभाव करने वाला है।
उन्होंने कहा जो कानून धर्म के आधार पर बनते हैं उच्च नीच का कारण बन जाते हैं उन कानून का आधुनिक समाज में कोई स्थान नहीं है अब देश की मांग है कि हमारे देश में सेक्युलर सिविल कोड हो।
यह पहली बार नहीं है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाज नागरिक संहिता देश की जरूरत बताई हो पिछले साल मध्य प्रदेश में एक रैली में उन्होंने कहा था परिवार के एक सदस्य के लिए एक नियम हो दूसरे सदस्य के लिए दूसरा नियम हो तो क्या वह घर चल पाएगा तो ऐसी दोहरे व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा।
सेकुलर सिविल कोड की बात क्यों।
सेकुलर सिविल कोड या यूनिफॉर्म सिविल कोड या समान नागरिक संहिता यानी सभी धर्म के लिए एक कानून हो आसान भाषा में कहे तो एक देश एक कानून अभी शादी तलाक गोद लेने के नियम उत्तरा अधिकारी संपत्तियों से जुड़े मामले के लिए सभी धर्म में अलग-अलग कानून है।
समान नागरिक संहिता आती है तो फिर सभी के लिए एक ही कानून होगा फिर चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों ना हो सुप्रीम कोर्ट ने भी कई फसलों में सम्मान नागरिक संहिता की जरूरत बताई है।
हिंदू सिख जैन बोध के पर्सनल मामले हिंदू मैरिज एक्ट से चलते हैं मुसलमान ईसाइयों और पर्सन के अलग अलग पर्सनल लॉ है ऐसे में अगर उच्च आती है तो सभी धर्म के मौजूदा कानून निरस्त हो जाएंगे सभी धर्म में फिर शादी तलाक गोद लेने उत्तराधिकारी और संपत्ति से जुड़े विषय पर एक ही कानून होगा।
इतना ही नहीं समान नागरिक संहिता का मुद्दा मोदी सरकार के टॉप एजेंट में रहा है बीजेपी के तीन बड़े वादों अयोध्या में राम मंदिर बनाना कश्मीर से 370 हटाने के साथ-साथ सम्मान नागरिक संहिता भी शामिल रहा है राम मंदिर और 370 का वादा पूरा हो चुका है बीजेपी का मानना है कि जब तक समान नागरिकता संहिता को अपनाया नहीं जाता तब तक सांगलैंगिक समानता नहीं आ सकती है।
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