India Nuclear Weapons : दुनियाभर के देश अपने डिफेंस सिस्टम(Defence System) को मजबूत करने में लगे हुए हैं. भारत भी इनमें से एक है. भारत ने पिछले साल ही अपने जखीरे में 8 परमाणु हथियार जोड़ा हैं, जिससे अब भारत के पास परमाणु हथियारों की संख्या 164 से बढ़कर 172 हो गई हैं. भारत के पास अब पाकिस्तान से भी ज्यादा परमाणु हथियार हो गए हैं. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (Stockholm International Peace Research Institute) की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का परमाणु भंडार में परमाणु हतियार की संख्या 170 है. इसको लेकर अब पाकिस्तान राजनीतिक टिप्पणीकार कमर चीमा ने भारत को लेकर एक बड़ी बात कही है.
कमर चीमा ने सबसे पहले न्यूक्लियर हथियारों पर आई रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहाँ . उन्होंने कहा, रूस, अमेरिका, इजरायल, फ्रांस जैसे देश लगातार अपने परमाणु हथियार में बढोतरी रहे हैं. दुनियाभर में 12 हजार से अधिक न्यूक्लियर हथियार हैं. अमेरिका और रूस के पास ही करीब 90 फीसदी से अधिक हथियार हैं. कमर चीमा ने कहा, भारत और पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्रोग्राम में एक बड़ा अंतर देखने को मिला है. पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के पीछे सिर्फ भारत रहा है, जबकि भारत की चिंता चीन से है, वहां चीन को लेकर यह सब किया जा रहा है.
भारत में चीन की बड़ी चिंता
कमर चीमा ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के न्यूक्लियर हथियार केवल रखे हुए हैं, वो कही भी तैनात नहीं हैं. वहीं, दुनिया के करीब 1700 हथियार डिप्लोयड(तैनात) हैं यानी उन्हें कभी भी छोड़ा जा सकता है. अमेरिका, चीन, फ्रांस और कई दूसरे देशों ने ऐसा तैनात कर रखा है. बीते कुछ साल भारत ने परमाणु हथियार को बढ़ाए हैं, लेकिन पाकिस्तान ने कुछ नहीं किया हैं. संसाधन नहीं होने के कारण पाकिस्तान काफी पिछड़ रहा है. वहीं, भारत ने चीन को देखते हुए अपने न्यूक्लियर हथियार बढ़ाए हैं, लेकिन चीन के पास परमाणु हथियारों की संख्या करीबन 500 है.
भारत के दबाव में ही पाकिस्तान लाया परमाणु बम
जब भारत ने परमाणु सफलता पूर्वक परीक्षण किया तो पाकिस्तान भी परमाणु बम की टेस्टिंग और मैन्युफैक्चरिंग में लग गया था. ये पाकिस्तान के लिए बहुत जरूरी था, नहीं तो उसको भारत के दबाव में ही रहना पड़ता. भारत ने “अटल बिहारी वाजपेयी” के समय न्यूक्लियर टेस्ट किया तो लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा कि अब दक्षिण एशिया में चीजें काफी बदल गई हैं, लेकिन पाकिस्तान के न्यूक्लियर टेस्ट करने के बाद चीजें बदल गईं.
हालांकि अब भारत की निगाह चीन पर ज्यादा बनी हुई है। चीन के साथ 4 साल पहले जो गलवान में लड़ाई हुआ था, उसके बाद भारत ने चीन के खतरे को काफी अच्छे से समझा है, इसलिए भारत लगातार अपनी सैन्य क्षमता को और मजबूत करने में लगा हुआ है.