Jammu Kashmir Assembly Election: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया उन्होंने कहा है कि वह अगर मुख्यमंत्री बन भी जाती है तो वह पार्टी के एजेंडे को पूरा नहीं कर पाएंगे।
उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बने रहने तक विधानसभा चुनाव में भाग नहीं लेने का संकल्प व्यक्त किया था लेकिन मंगलवार को पार्टी द्वारा घोषित 32 उम्मीदवारों की सूची में उनका भी नाम शामिल था।
पीडीपी के अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे उन्होंने बुधवार को इसकी जानकारी दी महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अगर वह मुख्यमंत्री बन भी गई तो वह केंद्र शासित प्रदेश में अपनी पार्टी का एजेंडा पूरा नहीं कर पाएंगे उन्होंने कहा मैं भाजपा के साथ एक सरकार के मुख्यमंत्री रही हूं जिसने 2016 में 12000 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी वापस ले ली थी क्या हम अब ऐसा कर सकते हैं मैं प्रधानमंत्री मोदी के साथ सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में अलगाववादियों को बातचीत के लिए आमंत्रित करने के लिए एक पत्र लिखा था क्या आप आज ऐसा कर सकते हैं मैं जमीनी स्तर पर संघर्ष विराम करवाया क्या आप आज ऐसा कर सकते हैं अगर आप मुख्यमंत्री के तौर पर प्राथमिकी ही वापस ले ले सकते हैं तो वैसे पद का क्या मतलब है।
क्या चुनाव लड़ने को लेकर उनका इरादा बदला है।
पीडीपी के अध्यक्ष से पूछा गया था कि क्या चुनाव लड़ने को लेकर उनका इरादा बदला है क्योंकि उनके धुर विरोधी नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बने रहने तक चुनाव में भाग नहीं लेने के अपने रूप से पलटी मार ली है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा उमर ने खुद कहा कि चपरासी के तबादले के लिए उन्हें गवर्नर के दरवाजे पर जाना पड़ेगा मुझे चपरासी के तबादले की चिंता नहीं है लेकिन क्या हम अपना एजेंडा लागू कर सकते हैं।
32 उम्मीदवारों की सूची में शामिल था नाम।
उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बने रहने तक विधानसभा चुनाव में भाग नहीं लेने का संकल्प व्यक्त किया था लेकिन मंगलवार को पार्टी द्वारा घोषित 32 से उम्मीदवारों की सूची में उनका नाम भी शामिल था पूर्व मुख्यमंत्री गांदेरबल से चुनाव लड़ेंगे जहां से उन्हें 2008 में जीत हासिल हुई थी।
जम्मू कश्मीर चुनाव के लिए नेशनल कांफ्रेंस ऑफ कांग्रेस के बीच गठबंधन पर पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि दोनों पार्टियों हमेशा सत्ता के लिए एक साथ आती है उन्होंने कहा जब हमने 2002 में कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था तो हमारा एक एजेंडा था हमने सैयद अली गिलानी को जेल से रिहा करवाया था
क्या आप आज ऐसा करने के बारे में सोच सकते हैं जब हमने 2014 में भाजपा सरकार के साथ गठबंधन किया था तो हमारे पास गठबंधन का एक झंडा था जिसमें हमने लिखित में कहा था कि अनुच्छेद 370 को छुआ नहीं जाएगा आप को निरस्त किया जाएगा पाकिस्तान और हुर्रियत के साथ बातचीत की जाएगी बिजली परियोजनाओं को वापस लाया जाएगा आदि हमारा एक एजेंडा था हालांकि जब कांग्रेस और नेशनल कांग्रेस गठबंधन बनाते हैं तो यह सत्ता के लिए होता है।
बारामुला से लोकसभा सदस्य शेख अब्दुल रशीद और वरिष्ठ अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह को चुनाव से पहले जेल से रिया किया जाने की संभावना पर उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी बात होगी उन्होंने सरकार से आगरा किया है कि वह उन कम चर्चित लोगों को भी रिहा करने पर विचार करें जो जमानत के हकदार है लेकिन उन्हें इससे वंचित रखा गया है।