Keep These Things to Yourself: साइकोलॉजिस्ट मानते हैं कि कुछ बातें किसी को न बताने में ही भलाई है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप कोई सीक्रेट रख रहे हैं लेकिन इन बातों को ना बताने में ही समझदारी है। हो सकता है फायदा उठाया जाए,
कुछ चीजों को प्राइवेट रखने से आपकी मेंटल हेल्थ पर कोई असर नहीं होगा।
1) निजी जिंदगी की जानकारी
क्या कभी आपने किसी से बातचीत
करते वक्त अपने जीवन के सारे राज़ खोले हैं? थोड़ा सा रुकें। अब सोचें। सोशल मीडिया के ज़माने में ओवरशेयर करना बहुत आसान है, लेकिन यह ओवर शेयरिंग बाद में आपको पछताने पर मजबूर कर सकती है।
साइकोलॉजिस्ट कहते हैं कि अपनी पर्सनल इनफॉरमेशन शेयर ना करने से आपकी मेंटल हेल्थ दोस्त बनी रहती है।
आपकी पर्सनल इनफॉरमेशन बाहर आने के बाद हो सकता है कि आपको बाद में किसी तरीके से ब्लैकमेल भी किया जाए। क्या हो सकता है लोग आपसे चिढ़ने लगे। या फिर आपके ऊपर हंसें।
2) अपना Aim or Goals किसी के साथ शेयर ना करें
क्यों अपने एंबिशिनस और गोल्स को प्राइवेट रखें?
साइकोलॉजिस्ट कहते हैं कि जब हम अपने गोल के बारे में बार-बार बात करते हैं तो उसे पूरा करने की इंस्पिरेशन खत्म या कम हो जाती है। इससे अलग जब हम अपने बारे में बताते हैं तो लोग भी पूरी तरह से अपनी राय बनाने के लिए खुले हुए होते हैं।
इसलिए आप अपने गोल्स ना बता कर दूसरों की राय और आलोचना से बच सकते हैं, जिससे बे मतलब के डाउट्स और चिंता आपके ऊपर हावी नहीं होगी।
3) मंथली इनकम
अपनी इनकम को सबके साथ शेयर करना अक्सर टैबू माना जाता है, देखा जाए तो यह सही भी है। पैसे की बातें कंपटीशन, जेलेसी, कंपैरिजन, खुद को कम समझना जैसी फिलिंग्स को मन में लाती है।
अपनी आय को प्राइवेट रखना हेल्दी रिलेशंस बनाए रखने और बेफिजूल के स्ट्रेस से बचा सकती है।
4) पारिवारिक समस्याएं
हम सभी की अपनी-अपनी फैमिली प्रॉब्लम्स होती हैं। इन्हें बाकी लोगों के साथ शेयर करने से यह कम होने की बजाय उल्टा बढ़ सकती हैं। दूसरों के साथ साझा करने से समस्या और ज्यादा कॉम्प्लिकेटिड बन सकती है।
फैमिली के सभी मेंबर्स की प्राइवेसी की भी रिस्पेक्ट करें। इससे आपकी पारिवारिक समस्याएं शांति से सुलझ सकती हैं।
5) पर्सनल बिलीफ सिस्टम
हम सभी के अपनी अपनी सोच होती है। सबका एक अलग नजरिया होता है, एक पर्सपेक्टिव होता है एक बिलीव सिस्टम होता है। क्योंकि यह सब के अलग-अलग होते हैं इसलिए आपका पर्सपेक्टिव सामने वाले से अलग हो सकता है। इन्हें शेयर करने से बेमतलब की कंट्रोवर्सी और डिबेट हो सकती है।
ऐसा करने से आपकी मानसिक स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
6) पर्सनल अचीवमेंट
अपनी अचीवमेंट को सेलिब्रेट करना अच्छी बात है, लेकिन बार-बार इन्हें शेयर करने से लोग आपको एकॉस्टिक और एटीट्यूड से भरा हुआ इंसान समझने लग सकते हैं। और फिर ये भी होसकता है की आपके हिडेन एनीमीज भी बनने लग जाए।
अपनी अचीवमेंट शेयर किए बिना भी पूरी तरह से खुश हो सकते हैं अपनी खुशी के लिए इन्हें शेयर करना बिल्कुल भी जरूरी नहीं है।
7) पुरानी बातें या गिले-शिकवे
हम सभी के पात में कोई ना कोई बुरी बातें जरूर हुई होती हैं। इन्हें हर बार याद करना और दूसरों से शेयर करना आपको पास्ट में बांध कर रख सकता है।
पुरानी बातों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने बढ़ाने के बारे में सोचें ये आपके लिए ही अच्छा है। साथ ही आप इसे खुद को हल्का महसूस करेंगे। प्राइवेसी का मतलब खुद को छुपाना नहीं है, जबकि इसका मतलब इस बात से है कि किस बात को कब और कितना शेयर करना है। यह आपके मेंटल हेल्थ, हेल्थी रिलेशन और शांति के लिए ज़रूरी है।
बातों को अपने तक रखना ही अच्छा है। इसका मतलब सीक्रेट्स रखना नहीं है जबकि अपनी बाउंड्रीज की रिस्पेक्ट करना है।
क्या शेयर करना है और क्या प्राइवेट रखना है, यह हर व्यक्ति की अपनी पर्सनल चॉइस है। यहां हमने साइकोलिग्स्ट की सलाह को सांझा किया है। लेकिन इसे मानना या ना मानना पूरी तरह से आपके ऊपर है।…
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