Kolkata Doctor Case:-कोलकाता के “निर्भया कांड” के नाम से चर्चित इस मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज की एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर की इस घटना को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि इसके पीछे सिर्फ एक साइको अपराधी है या फिर इसके तार कई और लोगों से भी जुड़े हुए हैं।
घटना की शुरुआत तब हुई जब महिला डॉक्टर की लाश उनके हॉस्टल रूम में पाई गई। शुरुआत में पुलिस ने इस मामले की जांच की, लेकिन पीड़ित परिवार और जनता के बढ़ते दबाव के बाद, कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई को इस मामले की जांच सौंपी गई। अब इस घटना को 11 दिन बीत चुके हैं, और सीबीआई ने जांच के तहत कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
सीबीआई ने मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी संजय का साइकोलॉजिकल टेस्ट कराया है, ताकि उसके मानसिक स्थिति का आकलन किया जा सके और वारदात की कड़ियों को जोड़ा जा सके। इस बीच, आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल से भी कई बार पूछताछ हो चुकी है। करीब 40 घंटे से अधिक की पूछताछ में कई अहम सवाल-जवाब हुए हैं, जिससे कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं।
इंसाफ की मांग को लेकर रेजीडेंट डॉक्टरों का देश भर में प्रदर्शन और हड़ताल जारी है। वे पीड़ित डॉक्टर को न्याय दिलाने और सुरक्षा के बेहतर इंतजाम की मांग कर रहे हैं। पीड़िता के परिजनों ने भी मेडिकल कॉलेज के स्टाफ और कोलकाता पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे इस मामले में कई और संदिग्ध व्यक्तियों की भूमिका की जांच हो रही है।
जांच के दौरान कई नई जानकारियाँ और खुलासे हो रहे हैं, जिनसे यह साफ होता जा रहा है कि मामला सिर्फ एक साइको अपराधी का नहीं हो सकता। ऐसे में पूरे देश की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सीबीआई जांच के क्या नतीजे सामने आते हैं और इस मामले में कौन-कौन लोग शामिल हैं। जनता और पीड़िता के परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं, और उम्मीद है कि जांच के माध्यम से सच जल्द ही सामने आएगा।
प्रोटेस्ट का अपडेट?
कोलकाता की महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर के खिलाफ देशभर में डॉक्टरों का विरोध-प्रदर्शन और हड़ताल जारी है। इस घटना के बाद से डॉक्टरों में गुस्सा और आक्रोश है, जो सात दिनों से बढ़ता ही जा रहा है। राजधानी दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाओं को बंद कर दिया है और केवल आपातकालीन सेवाओं को जारी रखा है।
प्रोटेस्ट के मुख्य अपडेट:
- दिल्ली में सातवें दिन भी हड़ताल जारी: दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में डॉक्टरों ने अपने विरोध प्रदर्शन को जारी रखा है। इस दौरान ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से ठप हैं, जिससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
- कैंडल मार्च: रविवार शाम को डॉक्टरों ने पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए कैंडल मार्च निकाला। इस मार्च में बड़ी संख्या में डॉक्टरों, नर्सों और चिकित्सा कर्मियों ने हिस्सा लिया। यह मार्च पीड़िता के प्रति संवेदना और न्याय की मांग के लिए था।
- देशव्यापी हड़ताल: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और अन्य डॉक्टर संगठनों के आह्वान पर पूरे देश में डॉक्टरों की 24 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की जा रही है। इस हड़ताल का मुख्य उद्देश्य डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और घटना के दोषियों को कड़ी सजा दिलाना है।
- इमरजेंसी सेवाएं जारी: हालांकि, हड़ताल के बावजूद डॉक्टरों ने यह सुनिश्चित किया है कि इमरजेंसी सेवाएं बाधित न हों। इमरजेंसी वार्ड में सेवाएं जारी रखी गई हैं, ताकि गंभीर मरीजों को समय पर इलाज मिल सके।
- सरकारी प्रतिक्रिया: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य राजनीतिक नेताओं ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और पीड़िता के परिवार को न्याय का आश्वासन दिया है।
डॉक्टरों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द एक ठोस कानून बनाए जिससे स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। साथ ही, पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए सभी दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की बात कही जा रही है। इस मामले में डॉक्टरों का विरोध तब तक जारी रहने की संभावना है जब तक कि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता।