Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले महाविकास आघाड़ी में मुख्यमंत्री पद को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। इसी बीच महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि यहां मुख्यमंत्री की कुर्सी की लड़ाई नहीं है, बल्कि जनता के अधिकारों की लड़ाई है। यही सबसे महत्वपूर्ण है।
मुंबई में हुई एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में, जिसमें महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रभारी रमेश चेनिथला और मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष सांसद वर्षा गायकवाड़ शामिल थे, नाना पटोले ने बीजेपी पर कड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “जो लोग शिवाजी महाराज के नाम पर भी भ्रष्टाचार कर सकते हैं, उनकी प्रतिमा को नुकसान पहुंचा सकते हैं, और अंबेडकर की विचारधारा को खत्म करना चाहते हैं, उनसे महाराष्ट्र को बचाना हमारा कर्तव्य है और इसी आधार पर हम आगे बढ़ेंगे।”
‘कोई बड़ा और छोटा भाई नहीं’
नाना पटोले ने यह भी स्पष्ट किया कि महाविकास आघाड़ी के बीच सीटों का बंटवारा सहजता से हो जाएगा। उन्होंने कहा, “हमारे गठबंधन में कोई बड़ा या छोटा भाई नहीं है। महाराष्ट्र के किसान परेशान हैं और राज्य में भ्रष्टाचारी और लूटने वाली सरकार है। नरेंद्र मोदी और बीजेपी किसान विरोधी हैं। मैं राज्य के किसानों से अपील करता हूं कि भ्रष्टाचारियों को सत्ता से बाहर निकालने में हमारी मदद करें। किसान विरोधी सरकार के खिलाफ लड़ने में हमारा साथ दें। राज्य में कानून व्यवस्था का हाल बुरा है। हाल ही में बदलापुर स्टेशन पर गोली चलने की घटना इसका उदाहरण है।”
‘महाराष्ट्र की जनता चाह रही है परिवर्तन’
वहीं, विधानसभा चुनाव के संदर्भ में महाराष्ट्र कांग्रेस प्रभारी रमेश चेनिथला ने बताया कि अब तक 172 विधानसभा सीटों का रिव्यू हो चुका है। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र की जनता बदलाव चाह रही है। राज्य की मौजूदा स्थिति देखकर कहा जा सकता है कि हम बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे। कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और जनता चुनाव का इंतजार कर रही है। चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द होना चाहिए।”
कांग्रेस की चुनावी बैठक
रमेश चेनिथला और नाना पटोले के नेतृत्व में दादर के तिलक भवन में एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक के बाद चेनिथला ने बताया कि राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 172 सीटों का रिव्यू हो चुका है और शेष सीटों का रिव्यू 25 सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में परिवर्तन की लहर है और जनता बदलाव के लिए तैयार है।