Mid Day Meal Yojana:-अगर आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और सरकारी स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। यूपी सरकार ने मिड डे मील योजना के तहत एक नया अपडेट जारी किया है। हमने इस अपडेट पर एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसे हम इस आर्टिकल में विस्तार से आपके साथ साझा करेंगे। अगर आप Mid Day Meal Yojana के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
इस आर्टिकल में हम आपको न केवल Mid Day Meal Yojana की जानकारी देंगे, बल्कि यूपी सरकार द्वारा जारी नए अपडेट्स की भी विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे। इसलिए हमारे साथ अंत तक बने रहें।
Mid Day Meal Yojana
आर्टिकल के अंतिम चरण में हम आपको क्विक लिंक्स भी प्रदान करेंगे, ताकि आप इसी प्रकार के और आर्टिकल्स को आसानी से पढ़ सकें और इनसे लाभ प्राप्त कर सकें।
Mid Day Meal Yojana – Highlights
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अब राज्य सरकार ने सप्ताह में एक दिन स्कूली बच्चों को गजक की चिक्की और भूने चने देने की योजना बनाई है। जानिए पूरी रिपोर्ट – Mid Day Meal Yojana
अपने इस आर्टिकल में हम आपको विस्तार से तैयार की गई रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं के बारे में बताएंगे, जिनमें शामिल हैं:
Mid Day Meal Yojana – संक्षिप्त परिचय
- हम इस आर्टिकल में उत्तर प्रदेश राज्य के सभी स्कूली छात्रों का स्वागत करते हैं और आपको बताना चाहते हैं कि यूपी सरकार ने “मिड डे मील स्कीम” के तहत एक नया अपडेट लॉन्च किया है। इस अपडेट पर हमने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसे हम इस आर्टिकल में विस्तार से आपके साथ साझा करेंगे ताकि आप पूरी रिपोर्ट का लाभ उठा सकें।
जाने क्या है नया अपडेट और कब से लागू होगी नई व्यवस्था?
- ताजा मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चों को मिड डे मील योजना के तहत एक विशेष मेन्यू कार्ड तैयार किया है। अब इस योजना के तहत छात्रों को पोषक तत्व उपलब्ध कराए जाएंगे, जिसमें हर सप्ताह के गुरुवार को गजक की चिक्की, बाजरे का लड्डू या भूना चना दिया जाएगा।
- इस नई व्यवस्था को नवंबर 2024 से लेकर नवंबर 2025 तक लागू किया जाएगा।
हर बच्चे को मिलेगा कम से कम 50 ग्राम भूना हुआ चना
- इस सत्र में, हर सप्ताह एक दिन पांच रुपये प्रति छात्र प्रति दिन की दर से सप्लीमेंट्री न्यूट्रीशन उपलब्ध कराया जाएगा। बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य और पोषण के लिए, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्री जैसे मूंगफली की चिक्की, गुड़-तिल-मूंगफली की गजक, बाजरे का लड्डू या भुना चना हर छात्र को कम से कम 50 ग्राम दिया जाएगा।
सारांश
इस आर्टिकल में हमने आपको विस्तार से Mid Day Meal Yojana के बारे में जानकारी दी है। साथ ही, हमने आपको रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं के बारे में भी बताया है ताकि आप इस योजना का पूरा लाभ उठा सकें।
आर्टिकल के अंतिम चरण में हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। कृपया इस आर्टिकल को लाइक, शेयर और कमेंट करना न भूलें।
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FAQs – Mid Day Meal Yojana
Q1: मिड डे मील योजना कब शुरू की गई थी?
A1: मिड डे मील योजना की शुरुआत 15 अगस्त 1995 को हुई थी। इसे “राष्ट्रीय प्राथमिक शिक्षा को पोषण समर्थन कार्यक्रम (NP-NSPE)” के नाम से शुरू किया गया था। अब इसका नाम बदलकर पीएम पोषण (PM POSHAN) कर दिया गया है।
Q2: मिड डे मील योजना क्या है?
A2: मिड डे मील योजना के तहत भारत में प्राथमिक स्कूल के छात्रों को मुफ्त भोजन दिया जाता है। इसका उद्देश्य स्कूल में उपस्थिति बढ़ाना, बच्चों में कक्षा के दौरान भूख कम करना और उनके स्वास्थ्य और पोषण में सुधार करना है। योजना के तहत बच्चों को स्कूल के समय के दौरान पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाता है।