Nainital Forest Fire: नैनीताल जिले में वनाग्नि के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। धारी के पदमपुरी, मटियाल और नैनीताल के खुर्पाताल, देवीधुरा जंगल में आग से वन संपदा को काफी नुकसान पहुंचा है।
मटियाल के गोविंद गुणवंत ने बताया कि पदमपुरी में आग से बांज, चीड़, देवदार जैसे पेड़ जल गए। मुक्तेश्वर, रामगढ़ और धानाचूली के जंगल में लगी आगजनी को वन विभाग और स्थानीय ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद बुझा लिया। वहीं बेतालघाट के कोसी रेंज के जंगल में लगी आग शुक्रवार दोपहर के बाद बारगल के जंगल में फैल गई। जंगल में लगी ये आग देर रात तक नहीं बुझ पाई थी।
उधर, नैनीताल-कालाढूंगी मार्ग पर खुर्पाताल क्षेत्र के जंगल में बृहस्पतिवार रात 8 बजे अराजक तत्वों ने आग लगा दी। खड़ी चट्टान होने के चलते आग पर काबू पाने में वन विभाग के कर्मचारियों को काफी मुस्किलो का सामना करना पड़ा। इसी बीच आग आवासीय क्षेत्रों के करीब पहुंच गई तो वन विभाग को दूसरे रेंज से टीम बुलनी पड़ी। मुख्य वन संरक्षक ‘पंकज कुमार पात्रो’, वन संरक्षक दक्षिणी कुमाऊं वृत टीआर ‘बीजू लाल’ भी आग बुझाने में जुट गए। करीब दोपहर 2 बजे तक आग पर काबू पाया गया।
DFO Chandrashekhar Joshi ने बताया कि खुर्पाताल में आग बुझाने के लिए 2 रेंज की टीम जुटी रहीं। Forest Training Institute के 28 Trainees ने भी सहयोग किया। वहीं, भीमताल, रामगढ़, बेतालघाट, मुक्तेश्वर और धानाचूली के जंगल में आग लगने से फैली धुंध के कारण स्थानीय लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ा।
उधर, शुक्रवार शाम करीब पौने 9 बजे देवीधुरा के सैड़ीखान तोक के एक घर के पास जंगल में ग्रामीण ने आग लगा दी। देखते ही देखते आग जंगल में फैलने लगी। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर आग बुझाने के कार्य में जुट गई। वन क्षेत्राधिकारी MUKUL SHARMA ने बताया कि काफी मुस्किलो के बाद देर रात टीम ने आग बुझाने में कामयाब रहे । वहीं, धारी के निवासी Yogi Vrajeshnath ने मुख्य सचिव और हाईकोर्ट के उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर वनाग्नि की प्रभावी रोकथाम के लिए दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग किये है।