New Criminal Laws: पूरे देशभर में आज यानी कि सोमवार (1जुलाई) से तीन नए आपराधिक कानून लागू होने वाले हैं। इन तीनों कानून के लागू होने के बाद भारत की न्याय प्रणाली (Justice System) में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अभी तक तो देश में भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 का भारतीय साक्ष्य अधिनियम के सक्रिय से चल रहा था, लेकिन अब उनकी जगह भारतीय न्याय संहिता (Indian Judicial Code), भारतीय नागरिक सुरक्षा सहायता (Indian Civil Defense Assistance), भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) ने ले लिया है।
सबकुछ, यहां जानिए क्या हैं बदलाव
सबसे अहम बदलाव तो आपको तुरंत ही देखने को मिलने वाला है। नए कानून के लागू होते ही जीरो FIR, SMS के जरिए इलेक्ट्रॉनिक तरीके से किसी को समन भेजना, अब पुलिस शिकायतों का भी ऑनलाइन पंजीकरण करना, यह सब कुछ अब होने जा रहा है। अभी तक तो जब भी कोई जघन्य अपराध होता था तो अपराध स्थल पर वीडियो ग्राफी अनिवार्य नहीं होता था। इसकी कोई बाध्यता नहीं बनी रहती थी, लेकिन नए कानून लागू होने के बाद यह भी अनिवार्य किया जायेगा।
अभी इस समय सभी के मन में सवाल ये बन रहा है कि आखिर तीन कानून के लागू होने के बाद असल में क्या-क्या बदलाव होने जा रहा हैं। तो आपको सिंपल 10 पॉइंट में समझाने का कोशिश करते हैं कि आखिर इन 3 नए कानून की कारण से आखिर क्या बड़ा बदलाव होने वाला है।
बदलाव नंबर 1: आपराधिक मामलों के जितने भी फैसला सुनाया जाता हैं, उनमें पहले सुनवाई के बाद फैसला देने में 60 दिन तक लग जाते थे, लेकिन अब यह अवधि 45 दिन की होने वाली है यानी की इसमें 15 दिनों की कटौती।
बदलाव नंबर 2: बलात्कार पीड़ितों का जब भी मेडिकल जांच हो, किसी भी कीमत पर 7 दिनों के अंदर में रिपोर्ट आनी अनिवार्य होगी।
बदलाव नंबर 3: आज जो नए कानून लागू हुए हैं उसमें अब बच्चों को खरीदना या बेचना जगन्य अपराध माना जाएगा। इसी तरह अगर नाबालिक के साथ बलात्कार होता है तो आजीवन कारावास या फिर मृत्यु दंड की सजा भी दी जा सकती है।
बदलाव नंबर 4: अब अगर शादी के झूठे वादे कर महिला को छोड़ देते हैं तो इसको लेकर भी दंड के सख्त प्रावधान दिया गया हैं।
बदलाव नंबर 5: चाहे आरोपी हो या फिर पीड़ित, दोनों को 14 दिनों के अंदर में पुलिस रिपोर्ट, चार्जशीट मिलने का पूरा अधिकार दिया जाने वाला है।
बदलाव नंबर 6: महिलाओं के खिलाफ जब भी अपराध होगा तब सभी अस्पतालों को मुफ्त में इलाज करना अनिवार्य होगा, अगर बच्चों के साथ अपराध होंगे तब भी अस्पताल मुफ्त इलाज के लिए बाध्य रहेंगे।
बदलाव नंबर 7: इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ही किसी भी मामले में FIR दर्ज की जा सकती हैं, अब पहले की तरह पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत नहीं होगी। अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर भी अगर वो चाहे तो FIR को दर्ज करवा सकते हैं।
बदलाव नंबर 8: अगर गंभीर अपराध होंगे तो फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स (Forensic Experts) का घटनास्थल पर जाना जरूरी होगा, पहले जरूरत के हिसाब से यह फैसले लिए जाते थे।
बदलाव नंबर 9: लिंग की परिभाषा में ट्रांसजेंडर समाज के लोगों को भी शामिल किया गया है। इससे समानता को बढ़ावा मिलेगा और ग्राउंड लेवल पर स्थिति काफी बदलेगी।
बदलाव नंबर 10: महिला पीड़िता के बयान को यथासंभव महिला मजिस्ट्रेट द्वारा दर्ज कराया जाना होगा। बलात्कार जैसे मामलों में ऑडियो-वीडियो माध्यम से बयान को दर्ज कराया जायेगा।
यह बात जानना बेहद जरूरी
इन सब के अलावा आपको यह भी जानना जरुरी हैं कि अब नए कानून में कई धाराएं भी बदली गई हैं। उदाहरण के लिए अब बलात्कार की धारा “375” और 376 नहीं रहने वाली है, उसकी जगह सिर्फ धारा “63” रहने वाली हैं। वही अगर बात करें ओ सामूहिक बलात्कार का मामला होगा तो धारा 70 लागु होगा। इसी तरह हत्या होने पर अब धारा 302 नहीं लगने वाली है, उसकी जगह धारा “101” ने ले ली है।
तीन नए कानून लागू होने के बाद 41 अपराधों में सजा की अवधि को भी बढ़ा दिया गया है, 82 अपराधों में जुर्माना ज्यादा कर दिया गया है। मॉब लिंचिग और कुछ दूसरी ऐसी घटनाओं को लेकर भी नए अपराध बनाये गए हैं।
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