Delhi News NIA: दिल्ली के मुख्यमंत्री पर आबकारी नीति घोटाला मामले के बाद अब एक और गंभीर आरोप लगा है। आरोप भारत में पाबंदित खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस से 1.6 करोड़ डॉलर चंदा लेने का है। बताया जा रहा है कि यह चंदा 1993 के दिल्ली बम धमाके के सजायाफ्ता देवेंद्रपाल भुल्लर को रिहा कराने के लिए दिया गया था। दिल्ली के उपराज्यपाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय को पत्र लिए कर एनआईए से जाँच कराने की सिफारिश की है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने आबकारी नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार कर जेल में बंद कर रखा है। लेकिन अब उनपर एक और आरोप लग रहा है। जिसके कारण दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, एनआईए से जाँच कराने की सिफारिश कर रहे है। असल में केजरीवाल पर देश में पाबंदित खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस से चंदा लेने का भी आरोप लगा रहा है। जिसको लेकर एनआईए जाँच कर सकती है।
उपराज्यपाल सचिवालय
केजरीवाल पर पाबंदित खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस से चंदा लेने के आरोप पर जो, दिल्ली के उपराज्यपाल ने एनआईए से जाँच कराने की बात कही है। इसको लेकर उपराज्यपाल सचिवालय का कहना है कि- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक इलेक्ट्रॉनिक सबूत मिला है। जिसके कारण यह संगीन आरोप लग रहा है। यह सबूत 1 अप्रैल को एक पेन ड्राइव के रूप में उपराज्यपाल को देते हुए विश्व हिंदू महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव आशू मोंगिया ने शिकायत की थी।
शिकायतकर्ता ने बताया है कि- केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने खालिस्तान समर्थक आतंकी समुदाय सिख फॉर जस्टिस से 1.6 करोड़ डॉलर यानी करीब 1335904000 अरब रूपये लिए थे।
और बताया जा रहा है की यह राषि देवेंद्रपाल भुल्लर की रिहाई को पक्का करने के लिए दिया गया था। आपको बता दे कि भुल्लर वही व्यक्ति है जो 1993 के दिल्ली बम धमाके का सजायाफ्ता है। भुल्लर को विशेष टाडा कोर्ट ने 25 अगस्त 2001 को मृत्यु दंड़ सुनाया था। जिसे बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने उम्रकैद की सजा में बदल दिया था। पहले भुल्लर तिहाड़ जेल में था परंतु स्वास्थ्य कारणों से उसे जून 2015 में अमृतसर जेल में शिफ्त कर दिया गया था।
आपको यह भी बता दे कि- केजरीवाल ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर देवेंद्रपाल भुल्लर की सजा माफ करने की प्रार्थना भी की थी।
उपराज्यपाल का पत्र
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर यह बहुत ही गंभीर आरोप लग रहे है। जिसको लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सतर्कता दिखाते हुए गृह मंत्रालय को पत्र में कहा है कि- शिकायतकर्ता के इलेक्ट्रॉनिक सबूतो की फोरेंसिक जाँच किये जाएँ और मामले की जाँच बड़े पैमाने में हो। क्योंकि यह आरोप बहुत संगीन है और आरोप भी दिल्ली के मुख्यमंत्री पर लगाया जा रहा है।
इसलिए जाँच एनआईए से करवाई जाए।
सबूत में खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू का भी एक वीडियो है। जो खुद पन्नू ने जारी किया था। जिसमें पन्नू कहा रहा था कि- केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने 2014 से 2022 तक 1.6 करोड़ डॉलर खालिस्तानी समूहों से लिया है।
शिकायत में क्या कहा है?
शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा है कि- साल 2014 में केजरीवाल ने अपनी न्यूयॉर्क यात्रा के दौरान खालिस्तान समर्थक नेताओं के साथ गुरुद्वारा रिचमंड हिल्स के बंद कमरे में मीटिंग की थी। उस मीटिंग में केजरीवाल ने भुल्लर की रिहाई में मदद करने का वादा भी किया था। और कहा कि इस मीटिंग में केजरीवाल के साथ आप के पूर्व कार्यकर्ता मुनीश कुमार रायजादा भी शामिल थे। मुनीश कुमार रायजादा ने यह मीटिंग की तस्वीरें साझा की थीं।
सियासत में बात
इधर, केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनेवाली थी। लेकिन सुनवाई से एक दिन पहले यानी सोमवार को एनआईए की जाँच सिफारिश को आम आदमी पार्टी ने एक बड़ी साजिश कहा है। लेकिन भाजपा ने इस जाँच सिफारिश का स्वागत किया है। मामला बहुत गंभीर है इसलिए राजनेतिक जानकारो का मानना है कि इससे आप की कठिनाईयाँ बढ़ सकती हैं।