Niraj Chopra Vs Arshad Nadeem: पेरिस समर ओलंपिक 2024 में भारत के नीरज चोपड़ा ने सिल्वर पदक जीत का इतिहास रच दिया है वहीं पाकिस्तान के अरशद नदीम ने अपना पहले पदक जीतकर इतिहास बनाया।
पाकिस्तान के जैवलिन थ्रोअर अरशद नदीम ने भला फेक इवेंट में ओलंपिक का रिकॉर्ड तोड़कर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया उन्होंने 92.97 मीटर दूर भाला फेंक और नया ओलंपिक रिकॉर्ड कायम कर दिया इससे पहले नॉर्वे की एथलीट के पास यह रिकॉर्ड था।
अरशद नदीम एक ऐसा नाम जिसने पेरिस ओलंपिक के जैवलिन थ्रो के खेल में कमाल कर दिया।
पाकिस्तान के जैवलिन थ्रोन अरशद नदी में भला पर कमेंट में ओलंपिक का रिकॉर्ड तोड़कर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया उन्होंने 92.97 मीटर दूर भाला फेंक नया रिकॉर्ड कायम किया उन्होंने नीरज चोपड़ा से ज्यादा दूर भाला फेंक गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
स्कूल से शुरू हुआ चैंपियन बनने का सफर अरशद नदीम का।
एक इंटरव्यू में पाकिस्तान के स्टार एथलीट अरशद नदीम ने बताया था कि जब वह छोटे थे तो उनके पिता के पास पाकिस्तान के मशहूर खेल निशानेबाजी देखने जाते थे इस खेल में कई खिलाड़ियों हाथ में लंबी सी डिस्ट्रिक्ट से जमीन पर रख एक निशाने को लगाते थे उन्होंने यह खेल भाग गया और उन्होंने इसकी ट्रेनिंग शुरू कर दी लेकिन इस बीच उन्हें जैवलिन थ्रो में दिलचस्पी हुई और वह इसकी प्रैक्टिस में जुट गए वह बताते थे
कि उन्होंने निशानेबाजी की ट्रेनिंग का फायदा ने जैवलिन थ्रो में भी मिला स्कूल की एक एथलेटिक्स इवेंट के दौरान जब उन्होंने जैवलिन थ्रो किया तो उसे देख सभी लोग हैरान रह गए उनके इस टैलेंट पर स्कूल के कोच रशीद अहमद सारी की नजर पड़ी तो उन्होंने नाजिम की जावेद और में ट्रेनिंग शुरू कर दी।
सरकारी नौकरी के लिए दिए थे ट्रायल्स।
8 भाई बहनों में तीसरे नंबर के अरशद नदी में बताते हैं कि घर के हालात ठीक नहीं थे उनके पिता 400 से ₹500 की मजदूरी करते थे इन सब परिस्थितियों के बाद भी उनके पिता ने उनसे अच्छे से ख्याल रखा और प्रैक्टिस में कोई दिक्कत ना आए इसलिए उन्होंने दूध की व्यवस्था रखते थे घर के हालात ठीक ना होने के कारण अरशद नदीम का सपना सरकारी नौकरी हासिल करना था
उन्होंने सपोर्ट कोटा के तहत पाकिस्तान वाटर एंड पावर डेवलपमेंट अथॉरिटी के लिए ट्रायल दिए थे तभी पाकिस्तान के स्तर जैवलिन थ्रोअर सैयद हुसैन बुखारी की नजर उत्तर पड़ी सैयद हुसैन बुखारी नैना केवल उन्हें सरकारी नौकरी दिलाई बल्कि उनके करियर को भी एक अलग ही दिशा में मोड़ दिया।
पेरिस ओलंपिक के लिए चंदे के पैसे से की ट्रेनिंग।
परसों नदीम के पिता ने एक इंटरव्यू में बताया कि नदीम ट्रेनिंग के लिए दोस्त और गांव के लोगों और रिश्तेदारों से पैसे चंदे पर लिया करते थे बेटे की सफलता को लेकर उन्होंने बताया कि लोगों को नहीं पता कि वह इस मुकाम पर कैसे पहुंचा है बहुत मेहनत और तमाम लोगों की दुआ उनके साथ है जब उन्होंने फाइनल में जगह बनाई थी तो गांव में जश्न का माहौल था अरशद नदीम साल 2011 में एथलेटिक्स में कदम रखा था साल 2015 में असर नदीम पाकिस्तान के नेशनल चैंपियन बने थे पाकिस्तान की तरफ से टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले ट्रेड एंड फील्ड एथलीट बने थे उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम में गोल्ड मेडल जीता था।
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