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One Nation One Election: एक देश एक चुनाव पर मोदी सरकार की मुहर।

One Nation One Election: लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ करने की सिफारिश : कैबिनेट से मंजूरी।

One Nation One Election केंद्रीय कैबिनेट ने एक देश एक चुनाव को मंजूरी दे दी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को हुए केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद की अगुवाई वाली उच्च स्तरीय समिति की सिफारिश को सरकार ने स्वीकार कर लिया है।

समिति ने इसी साल मार्च में अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपते हुए दो चरणों में लोकसभा और राज्यसभाओं के विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव कराने की सिफारिश की थी।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट फैसले की जानकारी देते हुए बताएं कि बुधवार को ही केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष समिति की रिपोर्ट रखी गई उन्होंने कहा कि समिति की सिफारिश को स्वर समिति से मंजूरी मिल गई है मंत्रिमंडल के समक्ष रिपोर्ट को रखना केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय के कामकाज के 100 दिन के एजेंट में शामिल था।

यह निर्णय लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव को एक साथ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है इसका उद्देश्य चुनाव की आवृत्ति और उससे जुड़ी लगता को कम करने के साथ ही शासन कोस्वास्थ्य करना है मालूम हो कि एक देश एक चुनाव समिति ने पहले चरण में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ करने की सिफारिश की थी इसके 100 दिनों के भीतर दूसरे चरण यानी नगर पालिका और पंचायत चुनाव कराने की सिफारिश की थी समिति की रिपोर्ट को 32 दलों ने समर्थन दिया है और वही 15 राजनीतिक दल इसके खिलाफ है।

ऐसे होंगे साथ में लोकसभा और विधानसभा चुनाव।

समिति ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव को एक साथ समकालित बनाने के लिए संविधान में अनुच्छेद 82 ए जोड़ने की सिफारिश की है राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 24 ए के प्रावधान को लागू करने और तिथि निर्धारित किए जाने के बाद होने वाले आम चुनाव में गठित सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल साथ ही लोकसभा के पूर्ण कार्यकाल की समाप्ति के साथ ही समाप्त हो जाएगा उदाहरण के लिए यदि अनुच्छेद 241 को जून 2024 में प्रवाहित किया जाता है तो लोकसभा के साथ-साथ सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 में समाप्त हो जाएगा।

रिपोर्ट के मुताबिक की निर्धारित तिथि के बाद और लोकसभा के पूर्ण कार्यकाल की समाप्ति से पहले राज्य विधानसभाओं के चावन द्वारा गठित रस सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल सिर्फ अगले आम चुनाव तक समाप्त होने वाली अवधि के लिए होगा इसके बाद लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के आम चुनाव एक साथ आयुर्वेद किए जाएंगे समिति ने इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए इस रिपोर्ट की कार्निवन पर ध्यान देने के लिए एक कार्यवन्य समुगठित करने की सिफारिश की है।

अनिवार्य रूप से अनुच्छेद 83 ए 4 के अनुसार यदि चुनाव आयोग की राय है कि आम चुनाव के समय किसी विधानसभा का चुनाव नहीं कराया जा सकता तो वह राष्ट्रपति को एक आदेश द्वारा उसे विधानसभा के चुनाव की घोषणा करने की सिफारिश कर सकता है विधानसभा बाद की तारीख में आयोजित की जा सकती है समिति ने कहा है कि अनिवार्य रूप से अनुच्छेद 83 ए 4 के अनुसार यदि चुनाव आयोग का यह मानना है कि आम चुनाव के समय किसी राज्य के विधानसभा का चुनाव नहीं कराया जा सकता है।

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Neyaz Ahmad

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