PM Modi Russia Visit : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 दिवसीय रूस की यात्रा के लिए गए हुए. वह रूस में 22वें भारत और रूस वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले हैं. पीएम मोदी यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार रूस गए हुए हैं. इस कारण से यात्रा के कई तरह के मायने निकाले जा रहे हैं, क्योंकि इस समय अमेरिका में NATO समिट भी किया जाना है. पूरी दुनिया खासकर पश्चिमी देशों में मोदी के रूस दौरे पर नजर बनाए रखे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार (आज) दोपहर तक रूस पहुंच गए थे.
वहीं, अमेरिका में NATO समिट को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान को जारी किया है. कहा कि PM मोदी के रूस दौरे का नाटो समिट से कोई मतलब और नाता नहीं है. आप को बता दें कि इससे पहले पीएम मोदी 2019 में रूस पहुचे थे. मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आखिरी मुलाकात उज्बेकिस्तान में SCO Summit के दौरान देखी गयी थी.
वहीं, रूसी राष्ट्रपति के आवास के क्रेमलिन के प्रवक्ता “दिमित्री पेस्कोव” ने बताया था, कि मोदी की इस यात्रा को पश्चिमी देश में ईर्ष्या की नजर से देखते हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बुलावे पर पीएम मोदी 8 और 9 जुलाई को मॉस्को में ठहरने वाले हैं, इसके बाद वेऑस्ट्रिया चले जाएंगे. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , रूस में आयोजित होने वाले 22वें भारत और रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भी शामिल होने वाले हैं.
भारत के लिए इन मुद्दों पर किया जायेगा चर्चा
यूक्रेन युद्ध के बाद अमेरिका द्वारा रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे. इसके बाद भी फ़िलहाल भारत ने रूस से कच्चा तेल खरीदना शुरू कर दिया हैं. भारत और रूस के बीच यूक्रेन युद्ध के बाद व्यापार काफी तेजी से बढ़ा है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत ने 45.4 लाख करोड़ का कच्चा तेल रूस से खरीदा था. वित्तीय वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच 54 लाख करोड़ रुपये का व्यापार किया था. भारत ने रूस को केवल 3.3 लाख करोड़ का निर्यात किया हुआ था. भारत के विदेश सचिव विनय मोहन ने बताया था कि दोनों नेता व्यापार में असमानता के मुद्दे पर बातचीत करते रहेंगे.
एयर डिफेंस सिस्टम को खरीदने पर होगी बात-चीत
रूस से भारत ने 2018 में S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के लिए डील किया थी. 2023 में इनकी डिलिवरी होनी थी, लेकिन यूक्रेन युद्ध की कारण इसमें काफी देरी हुई. इस दौरे के दौरान पीएम मोदी पुतिन से बातचीत करने वाले हैं. वहीं, भारत और रूस के बीच में व्यापार बढ़ाने और उसमें लगने वाली लागत को भी कम करने के लिए नए ट्रेड रूट पर भी बातचीत होनी हो सकती है. भारत ने ईरान के चाबहार पोर्ट (Chabahar Port) को 10 साल के लिए लीज पर लिया है.
भारत इसके जरिए सेंट्रल एशिया से होते हुए रूस के साथ नए ट्रेड रूट शुरू करने को लेकर बातचीत हो सकता है. भारत इस पोर्ट की मदद से रूस, ईरान, अजरबैजान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, मध्य एशिया और यूरोप के साथ सीधे व्यापार करने में सक्षम हो पायेगा.
मैंगो मिसाइल (Mango Missile) की मैन्युफैक्चरिंग शुरू
रूस की डिफेंस कंपनी रोस्टेक द्वारा बताया गया हैं कि उसने भारत में मैंगो मिसाइल की ग मैन्युफैक्चरिंके लिए भी काम शुरू कर दिया है. डील फाइनल होने के बाद भारत की सैन्य ताकत में काफी इजाफा होने जा रहा हैं. रोस्टेक ने बताया कि वह भारत में बारूद के उत्पादन को लेकर भी कई प्लान बना रही है.