Rajiv Gandhi Birth Anniversary: राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के घर हुआ। नेहरू-गांधी परिवार के सदस्य होने के बावजूद, राजीव गांधी ने शुरू में राजनीति से दूर रहने का फैसला किया।
प्रारंभिक जीवन और राजनीतिक यात्रा
राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के घर हुआ। नेहरू-गांधी परिवार के सदस्य होने के बावजूद, राजीव गांधी ने शुरू में राजनीति से दूर रहने का फैसला किया। उन्होंने अपनी शिक्षा इंग्लैंड के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में प्राप्त की और बाद में पायलट के रूप में प्रशिक्षित हुए। राजीव गांधी ने भारतीय एयरलाइंस में एक पेशेवर पायलट के रूप में काम किया और एक सामान्य जीवन जीने की कोशिश की।
हालांकि, 1980 में उनके छोटे भाई संजय गांधी की अचानक मृत्यु के बाद, उन्हें राजनीति में आना पड़ा। उनकी मां, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया, और राजीव ने अनिच्छा से इसे स्वीकार किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश के अमेठी से अपना पहला चुनाव जीता और जल्द ही अपनी मां के सबसे भरोसेमंद सहयोगी बन गए।
सबसे युवा प्रधानमंत्री
1984 में इंदिरा गांधी की हत्या ने राजीव गांधी को प्रधानमंत्री पद पर आसीन कर दिया, और वह 40 साल की उम्र में भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने। उनके प्रधानमंत्री बनने का समय भारत के लिए महत्वपूर्ण बदलावों का दौर था, क्योंकि उन्होंने देश को विकास और प्रगति की नई दिशा में ले जाने का प्रयास किया।
राजीव गांधी का उद्देश्य था कि भारत को तकनीकी रूप से उन्नत और आत्मनिर्भर राष्ट्र में परिवर्तित किया जाए। उन्होंने दूरसंचार, सूचना प्रौद्योगिकी और शिक्षा के क्षेत्रों में आधुनिकीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया। उनके सरकार ने कई महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत की, जिन्होंने भारत के आईटी क्रांति की नींव रखी और उन्हें “भारत में सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार क्रांति के जनक” के रूप में मान्यता मिली।
प्रमुख उपलब्धियां और सुधार
राजीव गांधी की सबसे उल्लेखनीय उपलब्धियों में से एक थी कंप्यूटरीकरण और पूरे देश में दूरसंचार का विस्तार। उन्होंने तकनीक की शक्ति को पहचानकर इसे ग्रामीण और शहरी भारत के बीच की खाई को पाटने के साधन के रूप में देखा। उनके प्रयासों से दूरसंचार विकास केंद्र (C-DOT) की स्थापना हुई और देशभर में व्यक्तिगत कंप्यूटर (PC) का प्रसार हुआ।
राजीव गांधी ने शिक्षा और युवाओं के सशक्तिकरण को भी प्राथमिकता दी। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभाशाली छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय प्रणाली की शुरुआत की। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी उनका योगदान महत्वपूर्ण था, जहां उन्होंने प्रौद्योगिकी और प्रबंधन के क्षेत्र में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIMs) की स्थापना का समर्थन किया।
इसके अतिरिक्त, राजीव गांधी के नेतृत्व में 73वें और 74वें संवैधानिक संशोधनों को पारित किया गया, जिससे पंचायत राज संस्थाओं के माध्यम से स्थानीय शासन को सशक्त बनाया गया। इस कदम ने स्थानीय निकायों को विकास प्रक्रिया में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया और विकेंद्रीकरण को बढ़ावा दिया।
एक दुखद अंत
राजीव गांधी की दूरदर्शिता और परिवर्तन लाने के प्रयासों के बावजूद, उनका कार्यकाल चुनौतियों से भरा रहा। श्रीलंका में भारतीय शांति सेना (IPKF) भेजने का उनका निर्णय और भोपाल गैस त्रासदी का प्रबंधन आलोचना का विषय बना। फिर भी, भारत के आधुनिकीकरण में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
दुर्भाग्य से, 21 मई 1991 को तमिलनाडु में चुनाव अभियान के दौरान लिट्टे द्वारा राजीव गांधी की हत्या कर दी गई। उनकी मृत्यु ने एक युग का अंत कर दिया, लेकिन उनका विरासत आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करती है।
विरासत और स्मरण
उनकी जयंती पर, देश राजीव गांधी को एक ऐसे नेता के रूप में याद करता है जिन्होंने भारत के लिए बड़े सपने देखे थे। एक तकनीकी रूप से उन्नत और आत्मनिर्भर राष्ट्र का उनका दृष्टिकोण आज भी भारत के आगे के रास्ते को निर्देशित करता है। उनकी स्मृति को श्रद्धांजलि देते हुए, हम उन मूल्यों को भी याद करते हैं जो उन्होंने आगे बढ़ाए – आधुनिकीकरण, सशक्तिकरण और प्रगति।
राजीव गांधी का योगदान भारत के इतिहास में अमिट छाप छोड़ गया है, और उनकी विरासत आज भी देश के तकनीकी और आर्थिक विकास में देखी जा सकती है।