Raksha Bandhan 2024: इस बार भद्रा का साया 19 अगस्त की रात 02:21 से लेकर दोपहर 01:30 बजे तक रहने वाला है लेकिन चंद्रमा की मकर राशि में होने के कारण भद्र पाताल में मान्य होगी धरती पर होने वाला कोई भी शुभ कार्य इससे बाधित नहीं होगा इसलिए आप निसंकोच शुभ मुहूर्त देखकर भाई को राखी बांध सकते हैं।
Raksha Bandhan 2024 : आज देश भर में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जा रहा है।
देश भर में रक्षाबंधन का त्योहार आज मनाया जा रहा है राखी का यह त्यौहार हर साल सावन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर तीन रंगों का एक सूत्र बनती है जिसे राखी कहते हैं फिर उसकी दीर्घायु और भाग्योदय की कामना करती है इसके बदले भाई अपनी बहन को राखी के आवाज में रक्षा का वचन देता है रक्षाबंधन पर भाई अपनी बहन को कोई उपहार भी दे सकते हैं लेकिन कुछ लोग राखी पर भद्रा काल लगने से बहुत चिंतित है खास तौर से जो लोग सुबह-सुबह भाई को राखी बांधने के बारे में सोच रहे हैं वह अभी तक असमंजस में है कि राखी बांधे या ना बंधे।
आईए जानते हैं कि इस बारे में ज्योतिष शास्त्र क्या कहता है।
रक्षाबंधन पर भद्रा काल का समय।
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार राखी के त्योहार पर भद्रा काल लगने वाला है भद्रा काल में भाई को राखी नहीं बांधनी चाहिए या अवधि बहुत अशुभ होती है इस बार भद्रा का साया 19 अगस्त की रात 2:21 से लेकर दोपहर 1: 30 तक रहने वाला है ।
हालांकि ज्योतिष आचार्य डॉक्टर अरुणेश कुमार शर्मा का कहना है कि चंद्रमा के मकर राशि में होने के कारण भद्र पाताल में मान्य होगी धरती पर होने वाले कोई भी शुभ कार्य इसे कोई बाधित नहीं होगा इसलिए आप नहीं संकोच हक कर शुभ मुहूर्त देखकर अपने भाई के कलाई पर राखी बांध सकती हैं।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त।
इस बार रक्षाबंधन पर भद्रक कल बचने के बाद ही भाई को राखी बांधने का उत्तम मुहुर्त बन रहा है राखी बांधने का सबसे अच्छा मुहूर्त दोपहर 1:46 से लेकर शाम 4:19 तक रहेगा यानी राखी बांधने के लिए पूरे 2 घंटे 33 मिनट का समय मिलेगा इसके अलावा आप शाम को प्रदोष काल में भी भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं इस दिन शाम 6:56 मिनट से लेकर रात 9:07 तक प्रदोष काल रहेगा।
कैसे मनाएं रक्षाबंधन।
रक्षाबंधन के दिन शुभ सना नदी के बाद साफ सुथरे वस्त्र धारण करें इसके बाद आप भाई अपने हाथ में दक्षिण या फिर चावल के लेकर मुट्ठी बांध ले और अपनी बहन से राखी बंधवाए सबसे पहले वहां खुद का और अपने भाई का सर ढके इसके बाद माथे पर कुमकुम का तिलक लगाकर आश्रित लगाए सीधे हाथ में नारियल देकर भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बंदे रक्षा सूत्र बांधने के बाद वहां अपने भाई का मुंह मीठा कराए और उनकी आरती उतारे भाई की दीर्घायु और सुख संपन्न की कामना करें अपने समर्थ के अनुसार उन्हें कोई उपहार अवश्य दें।
रक्षाबंधन की परंपरा और महत्व।
भारत में रक्षाबंधन मनाने की परंपरा सदियों पुरानी है और एक पौराणिक कथा के अनुसार राजा बलि ने भगवान विष्णु से वचन देकर उनको अपने साथ पाताल लोक में रख लिया था. तब मां लक्ष्मी ने रक्षा राजा बलि की कलाई पर राखी बांधकर उनसे भगवान विष्णु की घर वापसी मांगी थी।
वही महाभारत से जुड़ी कथा के अनुसार एक बार द्रौपदी ने किसने की चोट को ठीक करने के लिए उनकी कलाई पर अपनी पोशाक से एक कपड़ा फाड़ कर बांध लिया था. भगवान श्री कृष्णा इस बात से इतना ज्यादा खुश और प्रवाहित हुए कि उन्होंने द्रौपदी को अपनी बहन बना लिया और उनकी रक्षा करने की जिम्मेदारी ली. कहते हैं कि तभी से रक्षाबंधन का त्यौहार मनाने की परंपरा चली आ रही है।
BH24 News की तरफ से आप सभी को रक्षाबंधन की बहुत बहुत शुभकामनाये:
इसे भी पढ़ें: Dahi Handi 2024: दही हांडी 2024 में कब ? क्यों मनाते हैं ये पर्व, जानें डेट और महत्व