SKY Force Review : एक ऐसी वारदात जो भारतीय वायु सेना की हकीकत को दर्शाता है ये वो कहानी है जो हमारे जवानों के बलिदानों से हमे रूबरू करती है किस तरह 1965 ई० में हमारे जवानों ने बलिदान दिया और किस साहस के साथ पाकिस्तान के हमले का भारत ने जबाब दिया था
ये दौर 1965 ई० का जब पाकिस्तान की नजर कश्मीर पर टिकी हुई थी जब पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध का कारण कश्मीर का मुद्दा बन गया था। उस वक्त भारत के प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री थे और उस युद्ध के दौरान भारत ने कई वीर जवानों को खोया था जिसमे से एक T. K. Vijay भी थे
क्या था मामला (SKY Force Review)
SKY Force Review: भारत-पाकिस्तान युद्ध 1965 ई०, भारतीय वायु सेना के लिए एक काले अध्याय की तरह था, जिसमें न केवल भारत ने कई वीरों को खोया, बल्कि उस युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों और पायलटों ने जिस प्रकार के साहस और बलिदान का परिचय दिया, वह भारतीय सैन्य इतिहास का अभिन्न हिस्सा बन गया। इस संघर्ष में एक ऐसा मिशन था, जिसे “स्काई फोर्स (SKY Force)” के नाम से जाना जाता है।
यह मिशन भारतीय वायु सेना के संघर्ष और साहस का प्रतीक बन गया और इसमें हिस्सा लेने वाले भारतीय पायलटों, विशेष रूप से फ्लाइट लेफ्टिनेंट आहुजा और उनके साथी T.K. विजय की वीरता को हमेशा याद किया जाता हैं। 1965 ई० में कश्मीर को लेकर पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव चरम पर था। इस समय पाकिस्तान को अमेरिका से 12 अत्याधुनिक Star Striker फाइटर विमान प्राप्त हुए थे।
ये विमान भारतीय वायु सेना के लिए एक बड़ा खतरा बन गए थे, क्योंकि भारत के पास ऐसे विमान नहीं थे जो इस तरह के हमलों का सामना कर सकें। भारत ने अपनी वायु सीमा को सुरक्षित रखने के लिए सभी प्रयास किए, और इसी दौरान भारतीय वायु सेना के पायलटों को एक गुप्त मिशन पर भेजा गया।
वीरों ने दिखाया साहस (SKY Force Review)
SKY Force Review: आदमपुर एयरबेस पर तैनात फ्लाइट लेफ्टिनेंट आहुजा और उनके साथी पायलट T.K. विजय को पाकिस्तान की सैन्य गतिविधियों का पता लगाने के लिए भेजा गया। यह मिशन भारतीय वायु सीमा के लिए अत्यंत संवेदनशील था, क्योंकि उन्हें बिना अनुमति के पाकिस्तान की सीमा पार करनी थी। वे पाकिस्तान की सीमा तक पहुंचे और वहां की सैन्य गतिविधियों की तस्वीरें खींचने में सफल रहे। इसके अलावा, उन्होंने एक ट्रेन को भी नष्ट किया, जिसमें पाकिस्तान के सैन्य उपकरण हिंदुस्तान की ओर बढ़ रहे थे।
आहुजा ने सरकार को इस महत्वपूर्ण सूचना के साथ पाकिस्तान के संभावित हमले के बारे में भी चेतावनी दी। हालांकि, भारत सरकार ने मानवाधिकारों के उल्लंघन के डर से इस सुझाव को अस्वीकार कर दिया और शांति की बात की। कुछ ही समय बाद, पाकिस्तान ने भारतीय एयरबेस पर रात के समय हमला कर दिया, जिससे भारतीय विमानों और सैनिकों को भारी नुकसान हुआ। यह हमला भारतीय वायु सेना के लिए एक कड़ा संदेश था कि पाकिस्तान अब किसी भी सीमा तक जा सकता है।
पाकिस्तान के हमले के बाद, भारत सरकार ने पाकिस्तान के एयरबेस और उनके Star Striker विमानों को नष्ट करने के लिए एक मिशन तैयार किया। यह मिशन भारतीय वायु सेना के लिए अत्यंत कठिन था, क्योंकि भारत के पास ऐसा कोई विमान नहीं थे जिनमें इतने दूर तक उड़ने और वापस लौटने की क्षमता हो। इसके बावजूद, भारतीय वायु सेना ने हार मानने की बजाय, एक साहसी कदम उठाने का निर्णय लिया।
क्या है कहानी ? (SKY Force Review)
SKY Force Review: यह मिशन भारतीय वायु सेना के लिए बहुत कठिन था, इसके बावजूद भारत ने हार नहीं मानी और इस मिसन के लिए आहुजा नाम के सैनिक ने प्लान बनाया और इस मिशन पर एक सवाल खड़ा हुआ कि जो विमान उस रात इंडिया आए वो कहा से आए थे क्युकी पाकिस्तान के प्राइम मिनिस्टर ने किसी एक इंटरव्यू में कहा था कि जो विमान इंडिया आए थे उन्होंने इंडिया पर हमला करके वापस आने में सिर्फ आधा घंटा ही लगाया जबकी ये जो हमला हुआ था वो Adampur में हुआ था।
जिससे पाकिस्तानी हवाई जहाज को वापस जाने में सिर्फ 10 मिनट भी नहीं लगते इसलिए आहुजा ने दिमाग लगाया और कहा की ये हमला पाकिस्तान के सबसे सुरक्षित जगह से किया गया था वो था Sargodha जिसके बाद तय हुआ कि अब उस रात के बाद हिंदुस्तान पर कितने हवाई विमान बचे है फिर उनको काउन्ट किया गया जो सिर्फ 12 थे उन विमानों पर टाइगर बना हुआ था जो दर्शाता था कि इंडिया Have a Tiger Team to Distroy Everything फिर हिंदुस्तान ने ईट का जबाब पत्थर से देने का फैसला कर लिया और फिर आहुजा ने चार टीमों का गठन किया गया।
इस मिशन में, टॉबी को लास्ट सिकरेट ऑपरटीऑन के दौरान आदेशों का पालन न करने के कारण बैकअप टीम में रखा गया और फिर मिशन पर आहूजा और उसकी टीम को भेज दिया गया लेकिन उस दौरान 12 में से 8 विमान ही जाते है और 4 विमान नहीं जाते लेकिन फिर भी आहूजा अपनी सूझ भुज से उस मिशन में सफलता प्राप्त कर लेते है और वापस इंडिया आ जाते है जिसके बाद आहुजा आकर अपने बचे हुए सह्सथियों से पूछते है की उन्होंने उढ़ान क्यों नही भरी तब आहुजा को पता चलता है की बचे हुए 4 विमानों के न उड़ने का कारण था।
उनके सामने Fog आजना जिसके कारण वह न तो उड़ पते न उनको गाइड किया जा पता तब TK. विजय ने जाकर उसको गाइड किया और फिर उनको रोका जा सका जिसके बाद एक विमान उड़ने की हालत में ही नहीं था तो टॉबी ने अपना विमान निकाला क्यूंकि टॉबी को पता था कि कही न कही हमारे सैनिकों को हमारी जरूरत हो सकती है हलाकि टॉबी का विमान भी पहले सीक्रेट मिशन के दौरान खराब हो चुका था
लेकिन फिर भी उन्होंने उड़ान भरी और उनके पीछे चले गए लेकिन वो वापस नहीं आए पाए मिशन से वापस आने के बाद तब आहूजा को पता चलता है कि टॉबी मिशन के बाद लापता हो गया है। उसके लापता होने के कारण आहुजा काफी परेशान हो जाता है
क्यूंकि आहुजा टॉबी को अपने छोटे भाई जैसा मानता है और टॉबी की पत्नी से वादा करता है कि वो उसको कुछ भी नहीं होने देगा क्यूंकि टॉबी की पत्नी Pregnant थी तो वो बार बार टॉबी के बारे में आहूजा से पूछती है लेकिन आहूजा उसको उस दौरान टॉबी के बारे में कुछ नहीं बात पता है आहुजा अपनी पूरी कोशिश करते हुए भी टॉबी की तलाश में नाकाम हो जाते है। भारत सरकार भी इसे टॉबी की गलती मानते हुए उसकी तलाश में कोई मदद नहीं करता हैं। आहुजा का दिल टूट जाता है.
कहानी का असली पहल (SKY Force Review)
1971 ई० के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान, आहुजा का दिल फिर से भारी हो गया। इस बीच, आहुजा को पता चला कि टॉबी ने अपने आदेशों की अवहेलना करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ संघर्ष किया था। एक पाकिस्तानी सैनिक अहमद को गिरफ्तार करने के बाद आहुजा को इस बात का पता चला कि टॉबी ने अमेरिकी विमानों के सामने खड़े होकर
अपनी जान की परवाह किये बिना पाकिस्तानी सैनिकों से मुकाबला किया। टॉबी ने अपनी जान देकर भारतीय वायु सेना के मिशन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। अहमद ने यह भी बताया कि टॉबी ने पाकिस्तानी सैनिकों से लड़ते हुए भारतीय विमानों की सुरक्षा सुनिश्चित की। इस खुलासे के बाद, आहुजा को ये एहसास हुआ कि टॉबी ने अपने साथी सैनिकों की जान बचाने के लिए अपनी जान की बलि दी थी।
अंतिम पार्ट और भारतीय सम्मान
SKY Force Review: 20 साल बाद, जब आहुजा रिटायर हो चुके थे, उन्हें अहमद से एक पैकेट प्राप्त हुआ जिसमें 1965 ई० के युद्ध से संबंधित दस्तावेज और किताबें थीं। इस पैकेट से यह साबित हुआ कि टॉबी ने अपनी जान की परवाह किए बिना पाकिस्तानी सीमा में रहकर, मिसाइलों का सामना किया और भारतीय विमानों को सुरक्षित रूप से वापस लाया। अंततः टॉबी को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया।
यह सम्मान उसे भारतीय सेना के सर्वोच्च सम्मान के रूप में दिया गया। आहुजा ने अपना वीर चक्र टॉबी की तस्वीर पर रख दिया, जो उनकी वीरता और बलिदान का प्रतीक बन गया। “स्काई फोर्स (SKY Force)” न केवल एक ऐतिहासिक युद्ध की कहानी है, बल्कि यह वीरता, बलिदान और देशभक्ति की भावना को भी प्रकट करती है। यह हमें यह याद दिलाती है कि हमारी वायु सेना और सैन्य बलों के जवानों ने अपनी जान की प्रवाह किये बिना देश की रक्षा करते हैं और अपनी मातृभूमि के लिए सर्वोच्च बलिदान देते हैं।
इस मिशन ने भारतीय सैन्य इतिहास में एक अहम छाप छोड़ी है और यह हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेगा।
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