Sunita Williams Gets Stuck in Space: अंतरिक्ष रहस्यों से भरी हुई दुनिया है. नासा के भारतीय मूल अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और अपने एक साथी बैरी विल्मोर के साथ अंतरिक्ष में ही फंस चुकी हैं. लेकिन सवाल ये बनता है कि आखिर सुनीता विलियम्स स्पेस में कैसे फंस गई हैं और उनकी धरती पर वापसी कैसे होने वाली हैं. आज हम आपको बताएंगे कि अंतरिक्ष में फंसने पर किसी भी एस्ट्रोनॉट्स की धरती पर घर वापसी कैसे कराई जाती है.
स्पेस (Space)
अंतरिक्ष के रहस्यों को सुलझाने के लिए दुनिया के अधिकांश देशों के अपने वैज्ञानिक लगाये हुए हैं. जिसके लिए वो अलग-अलग प्रोजेक्ट पर काम करते हैं. अभी बीते जून के महीने में भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने एक साथी बैरी विल्मोर (Barry Wilmore) के साथ स्पेस में एक प्रोजेक्ट पर गई थी. लेकिन बोइंग स्टारलाइनर में कुछ खराबी आने की कारण से दोनों अंतरिक्ष यात्री वापस लौट नहीं पाए हैं. अंतरिक्ष यान दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 5 जून को लेकर गया था.
स्पेस में हैं खतरा
अंतरिक्ष में जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के ऊपर कई तरह के खतरे बने हुए होते हैं. स्पेस का कोई भी प्रोजेक्ट 100 फीसदी सुरक्षित नहीं माना जाता है. अंतरिक्ष यात्रा के दौरान, उल्कापिंड, स्पेस में मलबा भी एक खतरा बन सकता है. हालांकि अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स स्पेस स्टेशन में 2 बार लंबे समय बिता चुकी हैं. लेकिन इस बार वो स्पेस में ही कुछ दिनों से फंस गई हैं.
उनके स्पेसक्राफ्ट में कुछ खराबी के कारण धरती पर वह वापस नहीं आ पाई हैं. इसी वजह से वह अभी भी स्पेस स्टेशन पर ही मौजूद हैं. नासा के अनुसार मिशन को 45 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है. अब सवाल ये बनता है कि आखिर इस दौरान एस्ट्रोनॉट्स के शरीर पर क्या-क्या असर पड़ने वाला हैं? तो सवाल ये बनता है कि सुनीता विलियम्स और उनके साथ धरती पर कैसे लौटेंगे.
शरीर पर क्या असर पड़ेगा?
स्पेस में ज्यादा दिनों तक रहने पर अंतरिक्ष यात्रियों के शरीर के तरल पदार्थ माइक्रोग्रैविटी में ऊपर की ओर बढ़ते हैं. इस कारण हमारे शरीर के फिल्टर सिस्टम यानी किडनी में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इस दौरान शरीर में मौजूद तरल ऊपर की ओर जाते हैं, जिससे चेहरे पर सूजन भी आ जाती है. गुर्दे उचित द्रव संतुलन बनाए रखने के लिए संघर्ष करते हुए दिखते हैं, जिससे संभावित रूप से डिहाइड्रेशन या फ्लूइड ओवरलोड जैसे गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ सकता है. माइक्रोग्रेविटी के कारण हड्डियों में कैल्शियम का उत्सर्जन बढ़ने से गुर्दे में पथरी का भी खतरा बढ़ जाता है.
धरती पर कब तक लौंटेगी सुनीता और विल्मोर
स्पेस से वापस धरती पर सुनीता विलियम्स और उनके साथी कब तक लौटेंगे, इसको लेकर नासा की तरफ से अभी तक कोई भी बयान जारी नहीं किया गया है. नासा के अनुसार इस मिशन को 45 दिनों तक बढ़ाया जाने की आशंका जताई जा रही हैं. अनुमान के अनुसार सुनीता और उनके साथी की वापसी जुलाई महीने के अंत तक बताई जा रही है. नासा की टीम लगातार सभी तकनीकी खामियों को दूर करने में और उनको समझने का प्रयास में लगी हुई हैं.
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