Vaishno Devi Jammu Kashmir Assembly Election: भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की फैजाबाद ( अयोध्या ) सीट हार गई थी और फिर विधानसभा उपचुनाव में उत्तराखंड की बद्रीनाथ की सीट भी नहीं जीत पाई इन दो सीटों को लेकर विपक्ष में भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला था ऐसे में आओ श्री माता वैष्णो देवी सेट भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है।
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में बुधवार को 26 सीटों के लिए मतदान में 56% से ज्यादा अधिक मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया कई स्थानों पर उत्साह से भरे मतदाताओं की लंबी कटारे देखी गई।
इस दौरान सबसे अधिक वोटिंग हॉट सीट में शुमार वैष्णो देवी सीट पर हुई जहां 80% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया नई सीट परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई है भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट को लेकर पूरी ताकत रोक रखी थी और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सीट को लेकर प्रचार के लिए कटरा पहुंचे थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किया था रोड शो।
19 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कटरा में करीब 2 किलोमीटर लंबा रोड शो किया था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा यहां जम्मू कश्मीर में एक ऐसी सरकार की जरूरत है जो हमारी आस्था का सम्मान करें और हमारी संस्कृति को बढ़ावा दे।
पीएम मोदी की वैष्णो देवी मंदिर को लेकर आस्था किसी से छिपी नहीं है 2014 में जब उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने पीएम पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया तो उन्होंने लोकसभा अभियान की शुरुआत करने से पहले मंदिर में प्रार्थना की थी इस बार अब महत्व दो गुना हो गया क्योंकि 2022 के परिसीमन के बाद अब श्री माता वैष्णो देवी विधानसभा सीट है जो रिच और उधमपुर विधानसभा क्षेत्र से अलग हो गई है।
अयोध्या और बद्रीनाथ में मिली हर के बार अब नजर वैष्णो देवी सीट पर।
हाल के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की फैसलाबाद सीट हार गई थी और फिर उपचुनाव में उत्तराखंड की बद्रीनाथ की सीट भी नहीं जीत पाई थी इन दो सीटों को लेकर विपक्ष ने भाई बीजेपी पर जाम का हमला बोला था ऐसे में आप श्री वह माता वैष्णो देवी सेट भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है और यही वजह है कि पार्टी ने प्रचार में यहां कोई कमी नहीं छोड़ी।
बीजेपी ने यहां बदला था अपना उम्मीदवार।
हालांकि भारतीय जनता पार्टी की राय यहां आसान नहीं दिख रही है क्योंकि उसकी उम्मीदवार बलदेव राज शर्मा जो पूर्व में लीक से विधायक रह चुके हैं उन्हें यहां कई तरह से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है उनके सामने कुल सात उम्मीदवार है जिसमें कांग्रेस से भूपेंद्र सिंह भी शामिल है।
बीजेपी के लिए चुनौती इसलिए भी है क्योंकि उसने इस सीट पर अपना मुद्रा बदला है पहले इस सीट पर रोहित दुबे को उम्मीदवार बनाया गया था लेकिन बाद में उनकी जगह बलदेव शर्मा को टिकट दे दिया गया इसके बाद रोहित दुबे के समर्थक नाराज हो गए और सड़कों पर उतरकर अपने नाराजगी जाहिर की थी।
कांग्रेस और निर्दलीय भी बढ़ा रहे हैं मुसीबत।
भाजपा के बलदेव शर्मा सामने कांग्रेस की भूपेंद्र सिंह भी मजबूत दावेदार हैं जो कटरा और वैष्णो देवी मंदिर के बीच ट्रैक पर काम करने वाले पुनीवालों और पीठुआ के संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं शर्मा को इस सीट पर लगभग 9000 मुस्लिम मतदाताओं के समर्थक उम्मीद है।