What’s For Kisan in Budget: इस बार 1.52 करोड रुपए किसान और संबद्ध क्षेत्र के लिए आवंटित किया गया है। इसमें किसान और किस से जुड़े हुए क्षेत्र जैसे वन और मत्स्य पालन भी जुड़े हुए होते है। आसान शब्दों में समझे तो इसमें ऐसे क्षेत्र शामिल है उसने प्रकृति से मिले संसाधनों का इस्तेमाल कर चीजों का प्रोडक्शन किया जाता है। इस बार पूरे भारत के अलग-अलग सेक्टर्स में से एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए तीसरे नंबर पर है। ऐसे में जो बी हम बाहर से आयात करते हैं। उसमें कमी देखने को मिलेगी और भारत के ही किसानों को उसका फायदा मिलेगा।
- साथ ही इस बार कृषि बजट में सबसे ज्यादा ध्यान किसानों को नेचुरल फार्मिंग की तरफ लाने में है। यहां सरकार का लक्ष्य है कि वह एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से जुड़ेगी। इसके लिए वह सर्टिफिकेशन और ब्रांडिंग का सहारा लिया जाएगा।
- इस बार के बजट में रिसर्च पर काफी ध्यान दिया गया है। जिससे लॉन्ग टर्म में किसानों को फायदा मिल सके। ऐसी 109 फसलों को ब्रीड किया जाएगा साथ ही उन्हें उपजाऊ बनाने पर ध्यान दिया जाएगा। ताकि प्रोडक्शन रेट को बढ़ाया जा सके।
- साथ ही 10000 बायो इनपुट सेंटर्स बनाए जाएंगे। जिससे केमिकल फर्टिलाइजर्स और पेस्टिसाइड्स का एक अच्छा अल्टरनेट मिल सके। इससे नेचुरल फार्मिंग को मजबूती मिल सकेगी। इसमें सूक्ष्म से सूक्ष्म जीव से उत्पन्न संसाधनों को समृद्ध बनाया जाएगा। जिससे प्राकृतिक खेती को नया आयाम मिलेगा। इससे केमिकल फर्टिलाइजर्स पर निर्भरता कुछ हद तक कम।हो सकती है।
- साथ ही इस बार पल्सेस और ऑयल सीड्स पर काफी ध्यान दिया जाएगा जिससे बाकी देशों पर जो हमारी निर्भरता है वह आने वाले समय में काम हो सके। ख़ास तौर पर ऑयल सीड्स का इंपोर्ट भारत काफी मात्रा में करता है। अगर लॉन्ग टर्म में सोचा जाए तो इससे भारत के पास खुद के संसाधन होंगे। इससे प्रोडक्शन को मजबूती मिलेगी। साथ ही स्टोरेज और मार्केटिंग पर भी खास ध्यान दिया जाएगा।
- साथ ही पांच राज्यों के किसानों को जन समर्थ क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करवाए जाएंगे। जिससे किसानों को कम इंटरेस्ट फॉर लोन दिया जाएगा। इस तरह से शॉर्ट टर्म में किसानों का भला करने की योजना है। सरकार का कहना है कि इससे किसानों पर कम बोझ पड़ेगा। साथ ही लोन के बदले किसी भी तरह की कोई सुरक्षा देने की जरूरत नहीं होगी।
- साथ ही इस बार बजट में डिजिटाइजेशन पर भी खास ध्यान दिया गया है। टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ने की योजना बनाई गई है। डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के तहत सरकार की योजना है कि वह किसानों के डाटा को DPI जोड़ेगी। ऐसा करने से सरकार के मुताबिक किस की आय में 25 से 35 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होगी। DPI की मदद से मौसमी चुनौतियों से निपटने में मदद होगी। इससे फसलों की क्वालिटी अच्छी रहेगी।
साथ ही खरीफ फसलों का डिजिटल सर्वे करवाने की भी योजना है। जो डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की मदद से पैसों से ज्यादा जिलों में करवाया जाएगा
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