Arvind Kejriwal Haryana Assembly Election: केजरीवाल हरियाणा में पंजाब की तरह ले पाएंगे चुनावी एंट्री: केजरीवाल का क्या है जीत का सूत्र।
हरियाणा के मौजूदा राजनीतिक समीकरण करीब करीब पंजाब जैसे ही हो गया है बड़ा फर्क बस यह है कि हरियाणा में विपक्ष 2022 के पंजाब की तरह कमजोर नहीं है और अरविंद केजरीवाल को तो ऐसे ही मौके की तलाश होती है।
दिल्ली में पहली बार सरकार बनाने और छोड़ने के बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी क्यों पहली बार पंजाब में ही कामयाबी मिली थी मुख्यमंत्री भगवंत मान सहित आम आदमी पार्टी के चार सांसद लोकसभा पहुंचे थे दिल्ली में कांग्रेस की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को विकास देकर जोर से भरे अरविंद केजरीवाल वाराणसी से खुद भी चुनाव मैदान में उतरे थे लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चुनाव हार गए थे।
2017 विधानसभा चुनाव के लिए दिल्ली से निकलते वक्त अरविंद केजरीवाल ने कहा था आप पंजाब में ही खुतगड़ कर बैठूंगा तब तो आम आदमी पार्टी को पंजाब में सट्टा नहीं मिली लेकिन 5 साल बाद उसका पूरा फायदा आम आदमी पार्टी को मिला।
रेलिया ऑन रोड शो तो अरविंद केजरीवाल दिल्ली में भी करेंगे लेकिन अभी तो ऐसा लगता है जैसे सरकार अतिसी और पार्टी मनीष सिसोदिया के हवाले कर दी गई है और अरविंद केजरीवाल हरियाणा में घर-घर दस्तक देने की तैयारी कर रहे हैं।
हरियाणा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की तैयारी।
पंजाब और हरियाणा दोनों ही करीब करीब एक जैसे ही है और राजधानी चंडीगढ़ तो दोनों शेयर करते ही हैं हालांकि हरियाणा में अरविंद केजरीवाल को मौका समझ में आने की कई और भी वजह है।
2022 में विधानसभा चुनाव जीतकर अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में आने पार्टी को सरकार बनवाई थी लेकिन 2017 में ही वह मुख्य विपक्षी दल बन चुके थे हरियाणा में फिलहाल ऐसा मौका नहीं लगता लेकिन आम आदमी पार्टी को मुख्य विपक्षी दल बनाने की होड़ में तो शामिल हो ही सकती सकते हैं।
सत्ता की लड़ाई हरियाणा में फिलहाल सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की बीच मानी जा रही है लेकिन आम आदमी पार्टी भी घुसपैठ कर चुकी है इस बार से इनकार करना भी ठीक नहीं लगता।
अरविंद केजरीवाल हरियाणा में हिसार के खेड़ा गांव से आते हैं लेकिन अभी तक चुनाव में आम आदमी पार्टी अपनी खास मौजूदगी नहीं दर्ज कर पाई है।
आम आदमी पार्टी के लिए मौका इसलिए बन रहा है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी कुछ कमजोर नजर आ रही है और कांग्रेस पहले से ही तैयारी कर रही है लोकसभा चुनाव के नतीजे से कांग्रेस का हौसला भी बड़ा है और राहुल गांधी के नेता प्रतिपक्ष बन जाने से भी भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही फिलहाल अंदरूनी कलश से जूझ रहे हैं टिकट न मिलने पर भारतीय जनता पार्टी के कई नेता स्वराजनिक रूप से रोते हुए भी देखा दिए हैं कांग्रेस का हाल भी इस मामले में बहुत अलग नहीं है।
हरियाणा और पंजाब की राजनीति में फर्क।
हरियाणा के मौजूदा राजनीतिक समीकरण 2022 जैसे तो नहीं है लेकिन 2017 के पंजाब की तरह माने जाने सकते हैं यही वजह है की जेल में रहते हुए भी अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा में चुनावी तैयारी के साथ आगे बढ़ाने की अमानत पार्टी की टीम को मंजूरी दे दी थी।