Chess Olympiad: के ओलिंपियाड की इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत ने दोनों क्षेत्र महिला ओपन में गोल्ड जीते इससे पहले कभी भी भारत ने ऐसी कामयाबी हासिल नहीं की थी भारत ने 2 साल पहले चेस ओलंपियाड में ब्रॉन्ज मेडल जीता था इससे पहले 2014 में भी ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
चेस ओलिंपियाड का इतिहास में भारत ने पहली बार वह कर दिखाया है जो 97 सालों में इससे पहले कभी नहीं हो सका था दी गुकेश और अर्जुन के दम पर भारत ने के ओलिंपियाड के ओपन क्षेत्र में गोल्ड मेडल जीत का इतिहास रच दिया है इसके अलावा महिला शिक्षण में भी भारत में गोल्ड पर कब्जा जमाया दूसरी ओर मुकेश ने व्यक्तिगत इवेंट में भी गोल्ड दिलाया इससे तरह भारत के पास तीन गोल्ड मेडल हो गए।
यह भी पहली बार हुआ है जब चेस ओलंपियाड में भारत ने इन दोनों क्षेत्र में गोल्ड जीते हैं हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में खेले जा रहे 45 में चेंज ओलंपियाड में मुकेश ने वालादिमिर फोडोसिव को हराया जब की एयरिगैसी ने सुबेल को।
गुकेश ने लगातार दूसरी बार जीत चेस ओलंपियाड।
18 साल के दी गुकेश ने लगातार दूसरे पर गोल्ड जीत का इतिहास रच दिया है यह उन्होंने व्यक्तिगत इवेंट में उपलब्धि हासिल की है इससे पहले उन्होंने 2022 चेंज ओलंपियाड में गोल्ड जीता था गुकेश लगातार दो गोल्ड जीतने के बाद ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय बन गए हैं साथ ही वर्ल्ड कप चेंस मास्टर बन गए।
इस तरह रही भारतीय पुरुष और महिला टीमे।
भारती पुरुषों को इस क्षेत्र में पहला स्थान हासिल करने के लिए आखिरी राउंड में केवल ड्रॉ ही की जरूरत थी लेकिन भारत ने दो मैच जीते तो दूसरे स्थान पर मौजूद चीन ने अमेरिका के खिलाफ पॉइंट गवा दिए।
भारतीय पुरुष टीम में दी गुकेश , अर्जुन विद्युत गुजराती , पेंटाला हरिकृष्ण और प्रज्ञानंद और श्रीनाथ नारायण शामिल रहे जबकि महिला टीम में भारत ने आखिरी मैच में अब बेजान को 3-5 0-5 से माटी महिला टीम में हरी का धरवाली वैशाली में बाबू दिव्या देशमुख मंडी का अग्रवाल तानिया सचदेव और अभिजीत कुंटे शामिल रही।
इससे पहले भारत में दो बार ब्रॉन्ज जीता था।
बता दे की चेस ओलिंपियाड के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब भारत ने दोनों क्षेत्र महिला ओपन में गोल्ड जीते हैं इससे पहला भाग कभी भी भारत ने ऐसी कामयाबी हासिल नहीं की थी भारत ने 2 साल पहले के ओलिंपियाड में ब्रॉन्ज मेडल जीता था इससे पहले 2014 में भी भारत में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
भारतीय पुरुषों ने इस टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाया उन्होंने लगातार आठ मुकाबले जीते और इसके साथ डिफेंडिंग चैंपियन कुछ भी पाकिस्तान से ड्रॉ खेला इसके बाद 21 सितंबर को उसने टॉप स्पीड वाली अमेरिकी टीम को मार देकर एक तरह से गोल्ड पक्का कर लिया था।
भारत के इस इतिहास रचने वाले खिलाडियों से आगे भी काफी उमीद है की आने वाले दिनों में वे लोग ऐसे ही भारत का नाम रौशन करेंगे और भारत को और भी बहुत सारे मेडल ला के देंगे और भारत का नाम रौशन करेंगे :
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