Health Tips: आज के समय पूरी दुनिया में लगभग सुसाइड का सबसे बड़ी वजह डिप्रेशन है. इस स्थिति में इंसान अपने आप को बेकार समझने लगता है. कई सालों से मानसिक बीमारी से जूझने के बाद उसकी कई सारी उम्मीदें खो जाती हैं.
Depression Suicidal Cases in India: मेंटल हेल्थ आज के समय सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक ना है. इसकी जानकारी ना होने से अधिकतर लोग अनजाने में लापरवाही करने लगते हैं, जिससे लंबे समय तक यह समस्या बनी रहती है और डिप्रेशन का रूप ले लेती है. वैसे तो डिप्रेशन बेहत नॉर्मल मानसिक समस्या होती है लेकिन अगर समय पर इसका इलाज न कराया जाए तो जानलेवा भी बन सकती है.
सीनियर साइकैटरिस्ट डॉक्टर “सत्यकांत त्रिवेदी” ने बताया, जब दिमाग में सेरोटोनिन हार्मोन(Serotonin Hormone) कम रिलीज होता है, जब डिप्रेशन की समस्या होती है. डिप्रेशन की चपेट में आया व्यक्ति का व्यवहार लगातार बदलने लगता है. मन में लगातार 14 दिनों तक दुखी रहना, नकारत्मक विचार आना. कोई भी काम सही तरह से नहीं हो पाता है और हमेशा अकेले रहने को ही पसंद करना है. इसे डिप्रेशन की आखिरी स्टेज (Last Stage) माना जाता है, जो बेहद खतरनाक है लेकिन इस पर लोगों को बहुत बिचार्धीन होना चाहिए.
डिप्रेशन की आखिरी स्टेज कितना खतरनाक हो सकता है?
“Dr सत्यकांत त्रिवेदी” के मुलाबिक, किसी काम का ज्यादा तनाव, कोई बेहद दुखद घटना की कारण से इंसान डिप्रेशन की चपेट में आ सकते है. शुरू-शुरू में उसका व्यवहार कुछ अलग सा लगता है, वह किसी काम को पहले जैसा नहीं कर पता है. खुद से भी उसका लगाव अलग होने लगता है. इसी समय अगर उस व्यक्ति हालात पर ध्यान न दिया जाता हैं तो उसकी मेंटल हेल्थ (मानसिक स्वास्थ्य) बिगड़ने लगती है और वह अंतिम स्टेज तक पहुंच सकता है. डिप्रेशन के आखिरी स्टेज पर सोचने व समझने की क्षमता बहुत ही कम हो जाती है और खुद पर से उस का कंट्रोल नहीं रहता है. ऐसे मे वो इंसान खुद को किसी भी प्रकार नुकसान भी पहुंचा सकता है, इतना ही नहीं वह सुसाइड भी कर सकता है.
डिप्रेशन: सुसाइड का सबसे बड़ा कारण
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, पूरी दुनिया में सुसाइड का सबसे बड़ा वजह डिप्रेशन को ही जाता है. इस स्थिति में इंसान खुद को बेकार व नाकारा समझता है. कई सालों से मानसिक बीमारी से जूझने के बाद उसकी व्यक्ति की कई सारी उम्मीदें खो जाती हैं, उसे अपनी जिंदगी का कोई मतलब नहीं समझता और वो सुसाइड कर लेता है.
डिप्रेशन का इलाज क्या है
“DR त्रिवेदी” का कहना है कि डिप्रेशन (Depression) का इलाज काफी आसान है. हालांकि, इसे एक सामान्य बीमारी मानकर डॉक्टर से इस की सही सलाह और इलाज लेनी चाहिए. डिप्रेशन के लक्षण नजर आते ही अपने फैमिली या फ्रेंड्स से इसके बारे बात जरुर करनी चाहिए. अपने मन की परेशानी जरुर शेयर करना चाहिए. डॉक्टर से काउंसलिंग लेकर दवाईयां भी लें और जो भी जरूरी इलाज है वो करवाएं. इससे डिप्रेशन में कई सुधार किया जा सकता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई कुछ जानकारी न्यूज़ रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप डिप्रेशन के लिए किसी भी सुझाव को अमल में लेने से पहले संबंधित किसी मानसिक विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.