ER Rashid Jammu Kashmir Election : जेल से बाहर आते ही बारामूला सीट से सांसद इंजीनियर रशीद अंतरिम के इस बयान ने हलचल मचा दी है वह टेरर फंड के मामले में जेल में बंद थे लेकिन आगामी जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए उनको दो अक्टूबर तक अंतरिम जमानत दी गई है।
मैं अपने लोगों को निराश नहीं करूंगा मैं शपथ लेता हूं कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नया कश्मीर नॉरेटिव से लडूंगा जो जम्मू कश्मीर में पूरी तरह नाकाम हो गया है जेल से बाहर आते ही बारामूला सीट से सांसद इंजीनियर रशीद अंतरिम के इस बयान ने हलचल मचा दी है वह टेरर फंडिंग के मामले में जेल में बंद है लेकिन आगामी जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए उनको दो अक्टूबर तक अंतिम जमाना दी गई है।
इंजीनियर रशीद का असली नाम शेख अब्दुल रशीद है वह जम्मू कश्मीर आवामी इतेहाद पार्टी के संस्थापक है जम्मू कश्मीर के लंगटे निर्वाचन क्षेत्र से दो बार विधायक रहे चुके यहां से उन्होंने साल 2008 साल 2014 में जीत हासिल की थी उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन वह हार गए थे इसके बाद बीते लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बारामुला सीट से चुनाव लड़कर उन्होंने जीत हासिल की है।
रशीद के नाम से चर्चा में आए थे उन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफा देने के बाद अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी मार्च 17 दिनों के चुनावी अभियान के बाद लंगेट निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी साल 2019 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने टेरर फंडिंग के मामले में UAPA कानून के तहत रसीद को गिरफ्तार किया था तबसे तिहाड़ जेल बंद थे।
कश्मीर में टेरर फंडिंग और अलगाववाद का आरोप राशिद पर।
निया के अनुसार जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को विश्व वित्त पोषित करने के लिए आतंकवादी संगठनों हिजबुल मुजाहिदीन भुगतान ए मिल्लत लश्करे तैयबा से के सक्रिय आतंकवादियों के साथ हवाला के जरिए पैसे एकत्र किए गए उसे समय इस मामले में रशीद का नाम नहीं था वह 18 जनवरी 2018 को दायर एंड आई एक की पहली चार्जसिट या 22 जनवरी 2019 को दायर पूरक चार्जसिट में भी आरोपी नहीं थे।
एनआईए की पूरक चार सीट में बनाए गए आरोपी।
इंजीनियर रशीद को 9 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 के निरस्त होने और जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जा को हटाने के चार दिन बाद गिरफ्तार किया गया उसको तीन पूर्व मुख्यमंत्री के साथ हिरासत में लिया गया 4 अक्टूबर 2019 को दायर निया की दूसरी पूरक चार्जसिट में उसे आरोपी के रूप में नामित किया गया इसके साथ यासीन मलिक , शब्बीर शाह , मसरत आलम और आशिया भी आरोपी बनाए गए।
अलगाववादी विचारधारा का करते रहे हैं प्रचार।
निया के अनुसार इंजीनियर राशिद ने अलगाववाद की विचारधारा का प्रचारक रहे हैं उन्होंने कई सार्वजनिक मंचों का इस्तेमाल करके लोगों को देश के खिलाफ भड़काया जम्मू कश्मीर में भारत विरोधी आतंकवादी समूह के मंच यूनाइटेड जिहाद काउंसलिंग को वैधता प्रदान करना चाहते थे एनआईए ने ख्वाजा मंजूर अहमद चिश्ती द्वारा यासीन मलिक को भेजे गए एक ईमेल का हवाला भी दिया था।
हवाला डीलर ने दिया था पैसों से भरा लिफाफा राशिद को।
इस ईमेल से पता चला कि रशीद जेकेएलएफ के माध्यम से धन जमा कर रहे थे राशिद .जिसे घाटी में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कुरियर के माध्यम से भेजा जा रहा था एनआईए ने एक गवाह बयान से रशीद को गिरफ्तार किया है .