Agriculture

Fertilizer From kitchen Waste: जिसे आप वेस्ट समझते हैं पता भी है वो कितने काम का है!

Fertilizer From kitchen Waste: सब्जियों और फलों के छिलकों से बनने वाली खाद होती है बेहद उपजाऊ!

Fertilizer From kitchen Waste: जो फलों और सब्जियों के छिलके हम फेंक देते हैं। उनसे बहुत उपजाऊ खाद्य बन सकती है। क्योंकि फलों और सब्जियों के छिलकों में भी भरपूर पोषक तत्व होते हैं। इसलिए वह मिट्टी को उपजाऊ बनाने में और मदद करते हैं। यह पेस्टिसाइड्स और स्टिमुलेशन का काम करते हैं। स्टिम्युलेट मतलब यह पेड़ को जल्दी बढ़ाने में मददगार होते हैं। चाहे वह फल हो या फूल। घर पर तैयार हुआ यह पानी का गोल या पेस्टिसाइड्स या फिर कहें खाद्य ये सभी चीजों। के लिए बहुत अच्छा है।

ऐसा करने से आप केवल मिट्टी या खाद की खूबी को ही नहीं बढ़ा रहे हैं। बल्कि छोटे स्तर पर बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं। कम कूड़ा फैलाने का योगदान। जितने हिस्से में हमारा राष्ट्रपति भवन है उसकी 10 X जमीन हर साल केवल कूड़े के लिए इस्तेमाल होती है। ऐसा करके दो तरीकों से वातावरण को फायदा पहुंचा रहे हैं। एक तो कम कूड़ा फैला कर साथ में खाद्य को और भी ज्यादा उपजाऊ बना कर।

केले के छिलके

वैसे तो हम केले के छिलकों को फेंक ही देते हैं। लेकिन इनके गुना को जानने के बाद शायद आप नहीं खाते हैं। इनके छिलकों में भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम और पोटेशियम होता है। इसलिए केले के छिलकों को छोटे-छोटे हिस्सों में काट लें, अब इसमें थोड़ा पानी भर कर रख दें। कुछ 1- 2 दिनों बाद यह पूरी तरह से गुना से भरपूर हो जाएगा। तब यह एक लिक्विड फर्टिलाइजर या पेस्टिसाइड का काम करेगा। बचे हुए केले के गले छिलकों को घर में बानी सखी खाद में अगर मिला दिया जाए तो वह भी अपना पूरा काम करेगी।

कॉफी और चाय पत्ती का बचा हुआ वेस्ट

चाय पत्ती और कॉफी कोचने के बाद जो बचा हुआ हिस्सा बचता है। वह भी बेकार नहीं है। ऐसे मिट्टी में मिला दे थोड़े दिन बाद आप देखेंगे यह खाद बन जाएगी। और ऐसा करने से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति भी काफी तेज हो जाती है। इसलिए इसे इस्तेमाल जरूर करें। फैंके नहीं।

हल्दी और नीम की पत्तियों का पानी

हल्दी और नीम की पत्तियों का पानी किसी पेस्टिसाइड की तरह काम करता है। क्योंकि हल्दी और नीम दोनों ही गुणों से भरपूर है। दोनों में ही एंटी फंगल प्रॉपर्टीज है जो मिट्टी की गुणवत्ता को और बेहतर बना सकती है। साथ ही मौसमी कीड़े मकोड़े से बचा सकती हैं।

आलू के छिलके

आलू के छिलकों को छीलने के बाद नहीं सूखने के लिए छोड़ दें। कुछ दिनों बाद जब वह पूरी तरह से सुख जाएं। तब उन्हें अपने हाथों से ही चुरमुर करके मिट्टी में डाल दें। बहुत जल्द ये भी मिट्टी बन जाएंगे। और मिट्टी की गुणवत्ता पहले के मुकाबले बहुत अच्छी हो जाएगी।

रसोई का गीला कूड़ा

यहां तक कि आप रसोई का इस्तेमाल गीला कूड़ा भी खाद बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आपको रसोई का गीला कूड़ा जिसमें सब्जियों के छिलके वगैरह ही शामिल है, उसमें से फालतू पानी को बाहर निकालें और जितना वह सूख सकता है उसे सूखने दें। अब इसे और मिट्टी या खाद में मिला दे कुछ दिनों में ही यह भी खाद का ही रूप ले लेगी। साथ ही ये पोषक तत्वों से भरपूर होगी

ALSO READ THIS: Kitchen Farming Ideas: घर में भी कर सकते हैं फार्मिंग… कैसे? कीचेन फार्मिंग से…

 

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *