Haryana Assembly Election 2024 : हरियाणा विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद ही बीजेपी एक्टिव मोड में नजर आ रही है बीजेपी के ओपी धनकड़ के अंदर मेनिफेस्टो कमेटी बनाने के साथ ही उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया भी अब तेज कर दी गई है हरियाणा जीतने के लिए बीजेपी कि प्लान पर काम कर रही है आज हम इसके बारे में जानेंगे।
हरियाणा में नई सरकार चुनने के लिए 1 अक्टूबर को वोट डाले जाने हैं और नतीजा 4 अक्टूबर को आएंगे हरियाणा विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही सियासी गम गामी बढ़ गई है खुद या किसी अपने को चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे नेता टिकट के लिए लाबिंग में जुटे हैं वहीं राजनीतिक दल भी हालिया लोकसभा चुनाव के नतीजे को ध्यान में रखते हुए समीकरण सेट करने में जुटे हैं सताधारी भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है बीजेपी लोकसभा चुनाव में पांच सीटों पर मिली हार के बाद बदली परिस्थितियों में बदली राजनीति के साथ हरियाणा के चुनावी रण में उतरने की तैयारी में है।
बदली राजनीति।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार वंशवाद और जातिवाद को दीमक की तरह बताते रहे हैं हाल में ही 78वे स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए भी प्रधानमंत्री ने वंशवाद पर हमला बोला था और एक लाख ऐसे नौजवानों को राजनीति में लाने का प्रस्ताव किया था जिनके परिवार से कई कोई राजनीति में नहीं रहा है लेकिन हरियाणा चुनाव में भाजपा अपने इस स्टैंड में बदलाव कर सकती है केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह अपनी बेटी आरती राव कृष्ण पाल गुर्जर अपने बेटे सांसद धर्मवीर अपने भाई या बेटे कुलदीप बिश्नोई अपने बेटे रमेश कौशिक अपने भाई विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता अपने भतीजे के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं।
हरियाणा में बीजेपी की राजनीति का आधार ही वंशवाद रहा है।
हरियाणा में बीजेपी वंशवाद को लेकर चौटाला और हुड्डा परिवार को गिरती रहे आई है पार्टी प्रदेश में अपने नेताओं के परिजनों और रिश्तेदारों को टिकट देने से परहेज भी करती आई है लेकिन इस बार कठिन डगर को देखते हुए इस राजनीति में बदलाव की बात हो रही है बीजेपी पिछली बार 40 सिम जीतकर बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ों से पीछे रह गई थी हालिया लोकसभा चुनाव में भी नतीजे पार्टी के लिए मुफीद नहीं रहे ऐसे में बीजेपी आप राजनीति में बदलाव कर जिताऊ चेहरे को उतारने की तैयारी में है भले ही वह किसी रोनिता के परिजन हो या रिश्तेदार।
सीट टू सीट मार्किंग।
प्रेसीडेंशियल स्टाइल में चुनाव लड़ने की इमेज वाली बीजेपी इस बार हरियाणा में सीट टू सिट मार्किंग करने में जुटी है एक-एक सीट के लिए जिताऊ चेहरे का पैनल तैयार करने के साथ ही इस बात पर भी फोकस किया जा रहा है कि किस सीट पर कौन से फैक्टर डिसाइडिंग हो सकते हैं और वहां कैसे माहौल को अपने अनुकूल बनाया जाए विधवा को प्रचार और जनसंपर्क के लिए अधिक समय मिल सके इसके लिए पार्टी टिकटों का ऐलान जल्द ही कर सकती है।
एंटी इनकंबेंसी से निपटने के लिए बीजेपी लगभग आधे विधायको का टिकट काट सकती है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव पर नजर रखते हुए बीजेपी निर्दलीय विधायक सैनी सरकार के बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने दो तुक्का दिया है कि हर हाल में रनिया सीट से ही चुनाव लड़ेंगे रणजीत चौटाला लोकसभा चुनाव से ठीक पहले विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे बीजेपी ने उन्हें हिसार सीट से भी टिकट दिया था लेकिन चुनाव हार गए थे।
राज्यसभा उप चुनाव से टोन सेट करने की कवायत।
कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था दीपेंद्र के इस्तीफा से रिक्त हुई सीट पर उपचुनाव के लिए कि अगस्त को नामांकन होने वाला है चर्चा थी कि बीजेपी इस सीट से केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू को राज्यसभा भेजने की तैयारी में है अब पार्टी ने इस सीट से हरियाणा के ही किसी चेहरे को संसद भेजने की तैयारी में है कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव करीब है ऐसे में इस सीट से दूसरे राज्य के किसी नेता को राज्यसभा भेजने का दाम उल्टा पड़ सकता है इसे देखते हुए यह संधादित फैसला लिया गया है।
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